- निर्देशांक ज्यामिति (Coordinate Geometry)
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निर्देशांक ज्यामिति (Coordinate Geometry)
निर्देशांक ज्यामिति गणित का एक महत्वपूर्ण शाखा है जो ज्यामिति और बीजगणित को जोड़ती है। यह हमें रेखाओं, वक्रों, और आकृतियों का अध्ययन करने की सुविधा प्रदान करती है, जिनका वर्णन निर्देशांक पद्धति के माध्यम से किया जाता है। निर्देशांक ज्यामिति का उपयोग भौतिकी, इंजीनियरिंग, और अन्य विज्ञानों में किया जाता है। आइए इस विषय को विस्तार से समझें।
निर्देशांक प्रणाली का परिचय
निर्देशांक ज्यामिति में, किसी बिंदु की स्थिति को निर्धारित करने के लिए एक निश्चित प्रणाली का उपयोग किया जाता है। यह प्रणाली निर्देशांक प्रणाली कहलाती है। सबसे सामान्य रूप से उपयोग होने वाली प्रणाली कार्तीय निर्देशांक प्रणाली (Cartesian Coordinate System) है।
कार्तीय निर्देशांक प्रणाली
इस प्रणाली में:
- X-अक्ष: क्षैतिज रेखा को दर्शाता है।
- Y-अक्ष: ऊर्ध्वाधर रेखा को दर्शाता है।
- इन दोनों रेखाओं के प्रतिच्छेदन बिंदु को मूल बिंदु (Origin) कहा जाता है, जिसकी निर्देशांक (0, 0) होती है।
प्रत्येक बिंदु को (x, y) के रूप में दर्शाया जाता है, जहां:
x
: क्षैतिज दूरी (X-अक्ष पर प्रोजेक्शन)।y
: ऊर्ध्वाधर दूरी (Y-अक्ष पर प्रोजेक्शन)।
निर्देशांक के प्रकार
कार्तीय प्रणाली को चार चतुर्थांशों (Quadrants) में विभाजित किया गया है:
- प्रथम चतुर्थांश: (x > 0, y > 0)
- द्वितीय चतुर्थांश: (x < 0, y > 0)
- तृतीय चतुर्थांश: (x < 0, y < 0)
- चतुर्थ चतुर्थांश: (x > 0, y < 0)
रेखा का समीकरण
रेखाओं का अध्ययन निर्देशांक ज्यामिति का मुख्य भाग है। एक रेखा के समीकरण को सामान्यतः विभिन्न रूपों में प्रस्तुत किया जाता है:
1. ढाल-खंड रूप (Slope-Intercept Form)
रेखा का समीकरण y=mx+cy = mx + c होता है, जहां:
m
रेखा की ढाल (slope) है।c
Y-अक्ष को काटने वाले बिंदु का Y-निर्देशांक है।
2. दो-बिंदु रूप (Two-Point Form)
यदि रेखा दो बिंदुओं (x1,y1)(x_1, y_1) और (x2,y2)(x_2, y_2) से गुजरती है, तो इसका समीकरण:
y−y1=y2−y1x2−x1(x−x1)y – y_1 = \frac{y_2 – y_1}{x_2 – x_1} (x – x_1)
3. सामान्य रूप (General Form)
रेखा का सामान्य समीकरण:
Ax+By+C=0Ax + By + C = 0
4. बिंदु-ढाल रूप (Point-Slope Form)
यदि रेखा की ढाल m
है और यह बिंदु (x1,y1)(x_1, y_1) से गुजरती है, तो इसका समीकरण:
y−y1=m(x−x1)y – y_1 = m(x – x_1)
दूरी का सूत्र
निर्देशांक ज्यामिति में, दो बिंदुओं के बीच की दूरी का सूत्र निम्नलिखित है:
यदि दो बिंदु (x1,y1)(x_1, y_1) और (x2,y2)(x_2, y_2) हैं, तो उनकी दूरी:
d=(x2−x1)2+(y2−y1)2d = \sqrt{(x_2 – x_1)^2 + (y_2 – y_1)^2}
यह सूत्र दो बिंदुओं के बीच की रेखीय दूरी को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
मध्य बिंदु का सूत्र
दो बिंदुओं (x1,y1)(x_1, y_1) और (x2,y2)(x_2, y_2) के बीच का मध्य बिंदु (Midpoint):
M=(x1+x22,y1+y22)M = \left( \frac{x_1 + x_2}{2}, \frac{y_1 + y_2}{2} \right)
खंड विभाजन सूत्र
यदि कोई बिंदु P, रेखा खंड AB को m:nm:n के अनुपात में विभाजित करता है, तो P के निर्देशांक:
P=(mx2+nx1m+n,my2+ny1m+n)P = \left( \frac{mx_2 + nx_1}{m + n}, \frac{my_2 + ny_1}{m + n} \right)
वृत्त का समीकरण (Equation of a Circle)
निर्देशांक ज्यामिति में वृत्त का अध्ययन महत्वपूर्ण है। वृत्त का सामान्य समीकरण है:
(x−h)2+(y−k)2=r2(x – h)^2 + (y – k)^2 = r^2
जहां:
- (h,k)(h, k): वृत्त का केंद्र।
- rr: वृत्त की त्रिज्या।
परवलय (Parabola)
परवलय एक प्रकार का शांकव होता है। इसका सामान्य समीकरण:
y2=4axयाx2=4ayy^2 = 4ax \quad \text{या} \quad x^2 = 4ay
यह परवलय की दिशा और स्वरूप को दर्शाता है।
दीर्घवृत्त (Ellipse)
दीर्घवृत्त का सामान्य समीकरण:
x2a2+y2b2=1\frac{x^2}{a^2} + \frac{y^2}{b^2} = 1
जहां aa और bb दीर्घवृत्त की अर्ध-अक्षों की लंबाई हैं।
Hyperbola (अतिचाप)
अतिचाप का सामान्य समीकरण:
x2a2−y2b2=1\frac{x^2}{a^2} – \frac{y^2}{b^2} = 1
यह समीकरण अतिचाप की विशेषताओं को वर्णित करता है।
निर्देशांक ज्यामिति के अनुप्रयोग
- भौतिकी में: वस्तुओं की गति और स्थिति का अध्ययन।
- इंजीनियरिंग में: संरचनाओं और मशीनों का डिज़ाइन।
- मानचित्रण और सर्वेक्षण: पृथ्वी की सतह को मापने के लिए।
- कंप्यूटर ग्राफिक्स: 3D मॉडलिंग और एनीमेशन में।
निर्देशांक ज्यामिति का इतिहास
निर्देशांक ज्यामिति का विकास फ्रांसीसी गणितज्ञ रेने डेकार्ट्स (René Descartes) द्वारा किया गया था। उन्होंने इसे 17वीं शताब्दी में प्रस्तुत किया और इस प्रणाली ने ज्यामिति और बीजगणित को जोड़ने में क्रांति ला दी।
यह सभी पहलुओं का एक परिचय था। यदि आपको निर्देशांक ज्यामिति के किसी विशेष हिस्से पर अधिक जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं।