योग ,आसन तथा प्राणायाम परिचय -योग योग एक प्राचीन भारतीय विद्या है जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बढ़ावा देती है। यह शब्द संस्कृत के “युज” से लिया गया है, जिसका अर्थ है जोड़ना या एक करना। योग का उद्देश्य व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से […]
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अध्याय-6: शारीरिक क्रियाएँ तथा नेतृत्व प्रशिक्षण
शारीरिक क्रियाएँ तथा नेतृत्व प्रशिक्षण परिचय -शारीरिक क्रियाएँ शारीरिक क्रियाएँ मानव जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। ये न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। अध्याय 6 में हम शारीरिक क्रियाओं के महत्व, उनके प्रकार, और नेतृत्व प्रशिक्षण […]
अध्याय-7: परीक्षण मापन और मूल्यांकन
परीक्षण मापन और मूल्यांकन परीक्षण मापन और मूल्यांकन: परीक्षण मापन और मूल्यांकन, परीक्षण एक ऐसा यंत्र है जो एक व्यक्ति अथवा खिलाड़ी के गुण (attribute), दक्षता, ज्ञान, प्रवृत्ति, अथवा स्वस्थता की स्थिति का सटीक अनुमान लगाने के लिए प्रयुक्त प्रश्न या मापन प्रविधि है। “परीक्षण एक ऐसा यंत्र […]
अध्याय-8: खेलों में शरीर रचना
खेलों में शरीर रचना, शरीर क्रिया विज्ञान और किनजियोलॉजी के मूलभूत सिद्धांत खेलों में शरीर रचना का मतलब है, मानव शरीर में वसा, हड्डी, और मांसपेशियों के प्रतिशत का वर्णन. शरीर रचना विज्ञान, कोशिकाओं से लेकर ऊतकों, अंगों, और अंगतंत्रों तक कई स्तरों पर व्यवस्थित है. मानव शरीर, अनन्य कोशिकाओं से मिलकर […]