12th Econimics

अध्याय-5: सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था

Table of Contents

 सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था

सरकारी बजट

 

सरकारी बजट

यह आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित व्ययों एवं अनुमानित प्राप्तियों का वार्षिक वित्तीय विवरण है।

बजट के मुख्य उद्देश्य

  • संसाधनों का पुनः आवंटन 
  • आय व धन का पुनः वितरण 
  • आर्थिक स्थिरता 
  • सार्वजनिक उद्यमों का प्रबन्ध
  • आर्थिक विकास 
  • निर्धनता एवं बेरोजगारी उन्मूलन 

बजट के घटक

बजट को दो भागों में बाँटा जाता है :-

  1. राजस्व बजट 
  2. पूँजीगत बजट 

राजस्व बजट

राजस्व बजट सरकार की वित्तीय वर्ष में अनुमानित राजस्व प्राप्तियों व राजस्व व्यय का ब्यौरा है।

पूंजीगत बजट

पूंजीगत बजट एक वित्तीय वर्ष में अनुमानित पूंजीगत प्राप्तियों तथा अनुमानित पूंजीगत व्ययो का विवरण है।

बजट प्राप्तियाँ

  • इससे तात्पर्य एक वित्तीय वर्ष की अवधि में सरकार की सभी स्रोतों से अनुमानित मौद्रिक प्राप्तियों से है। 
  • बजट प्राप्तियों को निम्न दो उप – वर्गों में बाँटा जा सकता है :-
  1. राजस्व प्राप्तियाँ
  2. पूँजीगत प्राप्तियाँ।

राजस्व प्राप्तियां

यह वह प्राप्तियां होती है जिनसे सरकार की परिसंपत्तियों में कोई कमी नहीं होती।

उदाहरण :- (सार्वजनिक क्षेत्र की उद्गमो कि आय)

पूंजीगत प्राप्तियां

यह वे प्राप्तियां होती है जिनसे सरकार की देयता उत्पन्न होती है।

उदाहरण :- (सरकार द्वारा ऋणों के माध्यम से कोष प्राप्त करना)

राजस्व प्राप्तियाँ ओर पूंजीगत प्राप्तियां में अंतर

राजस्व प्राप्तियाँ पुँजीगत प्राप्तियाँ
  1. ये सरकार की परिसम्पत्तियों को कम नहीं करती हैं।
  1. ये सरकार की परिसम्पत्तियों को कम कर देती है।
  1. ये सरकार के दायित्वों में वृद्धि नहीं करती है।
2. ये सरकार के दायित्वों में वृद्धि करती है।
  1. ये आवर्ती प्रकृति की होती है।
3. ये आवर्ती प्रकृति की नहीं होती।

 

प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर वह कर है जो उसी व्यक्ति द्वारा दिया जाता है जिस पर वह कानूनी रूप में लगाया जाता है। इस कर का भार अन्य व्यक्तियों पर नहीं टाला जा सकता है। 

उदाहरण :- आय कर, सम्पत्ति कर। 

अप्रत्यक्ष कर

अप्रत्यक्ष कर वे कर हैं जो लगाए तो किसी एक व्यक्ति पर। जाते हैं किंतु इनका आंशिक या पूर्ण रूप से भुगतान किसी अन्य व्यक्ति को करना पड़ता है। इस कर का भार अन्य व्यक्तियों पर टाला जा सकता है।

उदाहरण :- बिक्री कर, मूल्य वृद्धि कर (VAT), GST

बजट व्यय

इससे तात्पर्य एक वित्तीय वर्ष की अवधि में सरकार द्वारा विभिन्न मदों के ऊपर की जाने वाली आनुमानित व्यय से है। 

बजट व्यय के प्रकार

बजट व्यय को निम्न दो मुख्य उप वर्गों में बाँटा जाता है, 

राजस्व व्यय

पूँजीगत व्यय

राजस्व व्यय

ये सरकार की परिसम्पत्तियों में वृद्धि नहीं करते हैं। ये सरकार के दायित्वों में कोई कमी नहीं करते हैं। जैसे – ब्याज का भुगतान, आर्थिक सहायता, कानून व्यवस्था बनाये रखने पर व्यय आदि। ये आवर्ती प्रकृति के होते हैं। 

पूँजीगत व्यय

ये सरकार की परिसम्पत्तियों में वृद्धि करते हैं। सरकार के दायित्वों में कमी करते हैं। जैसे विद्यालय भवनों का निर्माण, पुराने ऋण का भुगतान, वित्तीय परिसम्पत्तियों का क्रय इत्यादि। ये आवर्ती प्रकृति के नहीं होते।

राजस्व घाटा

जब सरकार के कुल राजस्व व्यय उसकी कुल राजस्व प्राप्तियों से अधिक हो। 

राजस्व घाटे के प्रभाव

  • यह सरकार की भावी देनदारियों में वृद्धि करता है। 
  • यह सरकार के अनावश्यक व्ययों की जानकारी देता है। 
  • यह ऋणों के बोझ को बढ़ाता है।

राजकोषीय घाटा

कुल व्यय की उधार रहित कुल प्राप्तियों पर अधिकता। 

राजकोषीय घाटा = कुल व्यय – उधार के बिना कुल बजट प्राप्तियाँ

राजकोषीय घाटे के प्रभाव

  • यह मुद्रा स्फीति को बढ़ाता है।
  • देश ऋण – जाल में फंस जाता है। 
  • यह देश के भावी विकास तथा प्रगति को कम करता है। 

प्राथमिक घाटा

राजकोषीय घाटे में से ब्याज अदायगियों को घटाने से प्राथमिक घाटे का पता चलता है। 

प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा – ब्याज अदायगियाँ 

प्राथमिक घाटे के प्रभाव

  • इससे पता चलता है कि भूतपूर्व नीतियों का भावी पीढ़ी पर क्या भार पड़ेगा। 
  • शून्य या प्राथमिक घाटे से अभिप्राय है कि सरकार पुराने ऋणों का ब्याज चुकाने के लिए उधार लेने को मजबूर है। 
  • यह ब्याज अदायगियों रहित राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए सरकार की उधार जरूरतों को दर्शाता है।

विनिवेश

सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री विनिवेश है।

 

FAQs on the topic “सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था”


1. सरकारी बजट क्या है?

सरकारी बजट एक ऐसा वित्तीय दस्तावेज है, जिसमें सरकार अपनी आय (राजस्व) और व्यय (खर्च) का वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। यह प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए तैयार किया जाता है।


2. सरकारी बजट के प्रमुख घटक क्या हैं?

सरकारी बजट के दो प्रमुख घटक हैं:

  1. राजस्व बजट: इसमें सरकार की आय और राजस्व व्यय शामिल होते हैं।
  2. पूंजी बजट: इसमें पूंजीगत व्यय और पूंजीगत प्राप्तियां शामिल होती हैं।

3. बजट घाटा क्या है?

बजट घाटा वह स्थिति है, जब सरकार का कुल व्यय उसकी कुल आय से अधिक हो। इसे निम्नलिखित सूत्र से समझा जा सकता है:
बजट घाटा = कुल व्यय – कुल आय (कुल राजस्व + पूंजीगत प्राप्तियां)


4. सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

  1. आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।
  2. आय और संपत्ति का समान वितरण।
  3. बेरोजगारी और गरीबी को कम करना।
  4. आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना।
  5. सार्वजनिक सेवाओं का विस्तार करना।

5. राजस्व प्राप्तियां क्या होती हैं?

राजस्व प्राप्तियां वे आय हैं जो सरकार कर और गैर-कर स्रोतों से प्राप्त करती है।

  • कर राजस्व: आयकर, वस्तु एवं सेवा कर (GST), सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क।
  • गैर-कर राजस्व: लाभांश, ब्याज, शुल्क और जुर्माना।

6. पूंजीगत व्यय का क्या महत्व है?

पूंजीगत व्यय वह व्यय है जो दीर्घकालिक परिसंपत्तियों को बनाने या संरक्षित करने में होता है। इसमें शामिल है:

  1. इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।
  2. निवेश।
  3. ऋण चुकाना।

7. शुद्ध कर राजस्व (Net Tax Revenue) क्या है?

शुद्ध कर राजस्व वह राशि है जो सरकार को कर संग्रहण के बाद राज्यों के साथ हिस्सेदारी और अन्य कटौतियों को घटाने के बाद प्राप्त होती है।


8. सरकार बजट घाटे को कैसे पूरा करती है?

सरकार बजट घाटे को निम्नलिखित तरीकों से पूरा करती है:

  1. बाहरी उधारी: विदेशी ऋण।
  2. आंतरिक उधारी: बांड और ट्रेजरी बिल्स।
  3. भारतीय रिज़र्व बैंक से उधारी
  4. सरकारी परिसंपत्तियों का विनिवेश।

9. राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) और प्राथमिक घाटा (Primary Deficit) में क्या अंतर है?

  • राजकोषीय घाटा: कुल व्यय और कुल प्राप्तियों (ऋण रहित) के बीच का अंतर।
    राजकोषीय घाटा = कुल व्यय – कुल आय (ऋण रहित)
  • प्राथमिक घाटा: राजकोषीय घाटे से ब्याज भुगतान घटाने के बाद शेष राशि।
    प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा – ब्याज भुगतान

10. बजट में सब्सिडी का क्या महत्व है?

सब्सिडी वह वित्तीय सहायता है जो सरकार कमजोर वर्गों और प्राथमिक क्षेत्रों (जैसे कृषि, खाद्य और ईंधन) की मदद के लिए प्रदान करती है। यह आय असमानता कम करने और विकास को बढ़ावा देने में सहायक होती है।


11. भारतीय बजट प्रक्रिया कितने चरणों में पूरी होती है?

भारतीय बजट प्रक्रिया मुख्य रूप से चार चरणों में पूरी होती है:

  1. बजट निर्माण: बजट का प्रारूप तैयार करना।
  2. बजट प्रस्तुति: वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाना।
  3. बजट पर चर्चा और अनुमोदन
  4. बजट का कार्यान्वयन।

12. पूंजीगत प्राप्तियां क्या होती हैं?

पूंजीगत प्राप्तियां वे होती हैं जो सरकार को संपत्ति बेचने, ऋण लेने या अन्य पूंजीगत स्रोतों से प्राप्त होती हैं।
उदाहरण:

  1. कर्ज लेना।
  2. सरकारी संपत्ति का विनिवेश।
  3. विदेशी सहायता।

13. “अर्थव्यवस्था पर बजट का प्रभाव” क्या है?

सरकारी बजट अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है:

  1. मांग और आपूर्ति
  2. महंगाई और बेरोजगारी
  3. आय का वितरण
  4. औद्योगिक और कृषि क्षेत्र का विकास।

14. राजस्व घाटा (Revenue Deficit) क्या है?

राजस्व घाटा वह स्थिति है, जब सरकार का राजस्व व्यय उसकी राजस्व प्राप्तियों से अधिक हो।
राजस्व घाटा = राजस्व व्यय – राजस्व प्राप्तियां

 

अध्याय-6: खुली अर्थव्यवस्थाः समष्टि अर्थशास्त्र

 

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