11th Sociology

अध्याय-8: पर्यावरण और समाज

Table of Contents

 पर्यावरण और समाज

पर्यावरण और समाज

पर्यावरण और समाज के बीच का संबंध इस प्रकार है: 

  • पर्यावरण और समाज, जीवों और समाज को प्रभावित करता है और जीव और समाज भी पर्यावरण को प्रभावित करते हैं 
  • पर्यावरण में कई तरह के कारक शामिल हैं, जैसे कि प्राकृतिक पर्यावरण, सामाजिक-सांस्कृतिक पर्यावरण, और आर्थिक पर्यावरण
  • पर्यावरण और समाज के बीच का संबंध जटिल है. पर्यावरण में होने वाले बदलावों से समाज प्रभावित होता है और समाज भी पर्यावरण को प्रभावित करता है
  • पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर अलग-अलग सामाजिक वर्गों का अलग-अलग नज़रिया होता है
  • पर्यावरण और समाज के बीच के संबंधों में बदलाव करके पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को सुलझाया जा सकता है

पर्यावरण

हम जिस वातावरण और परिवेश के चारों ओर से घिरे हैं उसे पर्यावरण कहते हैं।

पर्यावरण के प्रकार

मुख्यतः पर्यावरण दो प्रकार का होता है :-

  • प्राकृतिक पर्यावरण 
  • मानव द्वारा निर्मित पर्यायवरण

पारिस्थितिकी

पारिस्थितिकी शब्द का अर्थ एक ऐसे जाल से है जहाँ भौतिक और जैविक व्यवस्थाएँ तथा प्रक्रियाएँ घटित होती हैं तथा मनुष्य भी इसका एक अंग होता है। नदियाँ, पर्वत, सागर, मैदान, जीव जंतु सभी पारिस्थितिक अंग हैं।

सामाजिक पारिस्थितिकी

वह विज्ञान जो पर्यावरण तथा जीवित वस्तुओं के बीच के संबंधों का अध्ययन करता है उसे सामाजिक पारिस्थितिकी कहते हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र

वह परितंत्र जिसका हिस्सा पशु, पौधे तथा पर्यावरण होते हैं, पारिस्थितिकी तंत्र कहलाता है।

सामाजिक पर्यावरण

सामाजिक पर्यावरण का उद्भव जैव – भौतिक पारिस्थितिकी तथा मनुष्य के हस्तक्षेप की अंतःक्रिया के कारण होता है। यह दो – तरफा प्रक्रिया है जिस प्रकार समाज को आकार देती है, ठीक उसी प्रकार से समाज भी प्रकृति को आकार देता है।

दो तरफा प्रक्रिया

  • प्रकृति समाज को आकार देती है :- सिंधु, गंगा के बाढ़ के मैदान की उपजाऊ भूमि गहन कृषि के लिए उपयुक्त है उसकी उच्च उत्पादकता क्षमता के कारण यह घनी आबादी का क्षेत्र बन जाता है।
  • समाज प्रकृति को आकार देता है :- पूंजीवादी सामाजिक संगठनों ने विश्वभर की प्रकृति को आकार दिया है। शहरों में वायु प्रदूषण तथा भीड़ – भाड़, प्रादेशिक झगड़े तेल के लिए युद्ध तथा ग्लोबल वार्मिंग ने प्रकृति को प्रभावित किया है।

पर्यावरण की प्रमुख समस्याएँ ओर जोखिम

  • संसाधनो की क्षीणता :- 

अस्वीकृत प्राकृतिक संसाधनो का प्रयोग करना पर्यावरण की एक गंभीर समस्या है। भूजल के स्तर में लगातार कमी इसका एक उदाहरण है।

  • प्रदूषण :-
  1. पर्यावरण प्रदूषण आज के समय में एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण इत्यादि ऐसे प्रदूषण हैं जिन्होने हमारे पर्यावरण को इतना दूषित कर दिया है कि शुद्ध वायु और जल का मिलना असंभव हो गया है।
  2. वैश्विक तापमान वृद्धि प्रदूषण की सबसे बड़ी समस्या हमारे सामने आ रही है वैश्विक तापमान वृद्धि के रूप में विश्वव्यापी तापीकरण के कारण हमारा पर्यावरण उलट – पलट हो गया है। अधिक गर्मी हो रही है जिससे ध्रुवों की बर्फ पिघल रही है तथा महासागरों में पानी की मात्रा बढ़ रही है। इससे कई द्वीपों के डूबने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
  • जैनेटिकल मोडिफाइड आर्गेकनजम्स :-

वैज्ञानिक जीन स्पेलिसिंग की नई तकनीकों के द्वारा एक किस्म के गुणों को दूसरी किस्म में डालते हैं ताकि बेहतरीन गुणों से भरपूर वस्तु का निर्माण किया जा सके।

पर्यावरण की समस्याएँ सामाजिक समस्याएँ भी हैं

पर्यावरण की समस्याएँ सामाजिक समस्याएँ भी हैं क्योंकि पर्यावरण प्रत्यक्ष रूप से समाज को प्रभावित करता है। मनुष्य अपने निजी स्वार्थ के लिए पर्यावरण को काफी समय से प्रदूषित करता आ रहा है तथा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता आ रहा है। मनुष्यों के इन कृत्यों के कारण ही प्रकृति विनाश की तरफ बढ़ रही है तथा मनुष्य को प्रकार की पर्यावरण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यावरण से संबंधित कुछ विवादास्पद मुद्दे :-

  • चिपको आन्दोलन (उत्तराखण्ड) 
  • नर्मदा बचाओं आंदोलन (एम पी और गुजरात) 
  • भोपाल औद्योगिक दुर्घटना (मध्य प्रदेश)

पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता

पर्यावरण के संरक्षण की बहु आवश्यकता है क्योंकि जीवन जीने के लिए पर्यावरण सबसे महत्वपूर्ण कारण है। अगर वायु प्रदूषित हो गये तो हे स्वस्थ जीवन नहीं जी पायेंगे और भावी पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों की कमी हो जाएगी।

ग्रीन हाउस

पौधों की जलवायु को अधिक ठंड से बचाने के लिए ढका हुआ ढांचा जिसे हरितगृह भी कहते हैं। इसमें बाहर की तुलना में अंदर का तापमान अधिक होता है।

प्रदूषण के प्रकार

  • वायु प्रदूषण :- उद्योगो तथा वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैसे तथा घरेलू उपयोग के लिए लकड़ी तथा कोयले को जलाने से।
  • जल प्रदूषण :- घरेलू नालियाँ, फैक्ट्री से निकलने वाले व्यर्थ पदार्थ, नदियों तथा जलाशयों में नहाना तथा कूड़ा कर्कट डालना। 
  • ध्वनि प्रदूषण :- लाउडस्पीकर, वाहनों के हार्न, यातायात के साधनों का शोर, मनोरंजन के साधनों से निकलने वाली आवाजें, पटाखे आदि।
  • भूमि प्रदूषण :- खेतों में कीटनाशक दवाओं, रसायनिक खादों का प्रयोग, शहरी कूड़ा कर्कट, सीवरेज, तेजाबी वर्षा से रसायनिक पदार्थों का मिट्टी में मिलना। 
  • परमाणु प्रदूषण :- परमाणु परीक्षण से निकलने वाली किरणें।

प्रशासक – मानवविज्ञानी

यह शब्द ब्रिटिश प्रशासनिक अधिकारियों को संदर्भित करता है जो 19 वीं और 20 वीं शताब्दी की शुरूआत में ब्रिटिश भारत सरकार का हिस्सा थे, और जिन्होंने मानव विज्ञान अनुसंधान, विशेष रूप से सर्वेक्षण और जनगणना आयोजित करने में बहुत रूचि ली। उनमें से कुछ सेवानिवृत्ति के बाद अच्छी तरह से ज्ञात मानवविज्ञानी बन गए। प्रमुख नामों में शामिल हैं : एडगर थर्स्टन, विलियम क्रुक, हर्बर्ट रिस्ले और जेएच हटन।

मानव विज्ञान

मानव विज्ञान की शाखा, मानव शरीर को मापकर, विशेष रूप से क्रेनियम (खोपड़ी की मात्रा, सिर की परिधि और नाक की लंबाई को मापकर मानव जाति के प्रकार का अध्ययन किया।

आत्मसातीकरण

एक प्रक्रिया जिसके द्वारा एक संस्कृति (आमतौर पर बड़ा या अधिक प्रभावशाली) धीरे – धीरे दूसरे को आत्मसात करता है, समेकित संस्कृति संस्कृति में विलीन हो जाती है, ताकि प्रक्रिया के अंत में यह जीवित या दिखाई न दे।

अंतसमूह

एक सामाजिक संस्था जो सामाजिक या रिश्तेदार समूह की सीमा को परिभाषित करती है जिसमें विवाह समबंध की अनुमति है, इस परिभाषित समूहों के बाहर विवाह प्रतिबंधित है। सबसे आम उदाहरण जाति अंतसमूह है, जहां विवाह केवल उसी जाति के सदस्य के साथ ही हो सकता है।

बहिर्विवाह

एक सामाजिक संस्थान जो एक सामाजिक या रिश्तेदार समूह की सीमा को परिभाषित करता है जिसके साथ या जिसके भीतर विवाह समबंध निषिद्ध है, इन प्रतिबंधित समूहों के बाहर विवाहों को अनुबंधित किया जाना चाहिए। सामान्य उदाहरणों में रक्त रिश्तेदारों (सैपिंड एक्सोगामी) के साथ विवाह की रोकथाम, एक ही वंश (सगोत्र exogamy) के सदस्य या एक ही गांव या क्षेत्र के निवासियों (गांव / क्षेत्र exogamy) शामिल है।

लाइससेज़ – फेयर

एक फ्रांसिसी वाक्यांश (शाब्दिक रूप से चलो ‘ या ‘ अकेला छोड़ें) जो एक राजनीतिक और आर्थिक सिद्धांत के लिए खड़ा है जो अर्थव्यवस्था और आर्थिक समबंध में न्यूनतम राज्य हस्तक्षेप की वकालत करता है, आमतौर पर नियामक शक्तियों और मुक्त बाजार की दक्षता में विश्वास के साथ जुड़े होते हैं। और अततः अपने पूर्ववर्तियों से परे जाओ।

उत्सर्जन

मानव द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया आमतौर पर उद्योगों या वाहनों के संदर्भ में दिए गए अपशिष्ट गैसों को छोड़ दें।

अपशिष्ट

औद्योगिक प्रक्रियाओं से उत्पादित तरल पदार्थ में अपशिष्ट सामग्री।

एक्वाफर्स / जलवाही स्तर

एक ऐसे क्षेत्र के भूविज्ञान में प्राकृतिक भूमिगत संरचनाएं जहां पानी संग्रहित हो जाता है।

मोनोकल्चर

जब एक इलाके या क्षेत्र में पौधे का जीवन एक ही विविधता में कम हो जाता है।

 

FAQs on: पर्यावरण और समाज

1. पर्यावरण और समाज का आपसी संबंध क्या है?

पर्यावरण और समाज का आपसी संबंध परस्पर निर्भरता पर आधारित है। पर्यावरण में उपलब्ध संसाधन समाज की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, और समाज पर्यावरण पर अपने कार्यों से प्रभाव डालता है। मानवीय गतिविधियां जैसे कृषि, उद्योग, और शहरीकरण पर्यावरण को प्रभावित करती हैं।


2. पर्यावरणीय समस्याएं समाज को कैसे प्रभावित करती हैं?

पर्यावरणीय समस्याएं जैसे जलवायु परिवर्तन, वायु और जल प्रदूषण, तथा वनों की कटाई समाज के स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिरता और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, जल संकट खेती और पीने के पानी की कमी को जन्म देता है, जो समाज की स्थिरता को चुनौती देता है।


3. सामाजिक संरचना पर्यावरण को कैसे प्रभावित करती है?

सामाजिक संरचना में जाति, वर्ग, लिंग और संस्कृति जैसे कारक पर्यावरणीय संसाधनों के उपयोग और संरक्षण पर प्रभाव डालते हैं। आर्थिक रूप से सशक्त वर्ग अक्सर अधिक संसाधन उपयोग करता है, जबकि वंचित वर्गों को पर्यावरणीय समस्याओं का सामना अधिक करना पड़ता है।


4. जलवायु परिवर्तन का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

जलवायु परिवर्तन से प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा और चक्रवात बढ़ते हैं, जिससे समाज को खाद्य संकट, स्वास्थ्य समस्याओं, और आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। इससे गरीब और कमजोर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।


5. वनों की कटाई समाज और पर्यावरण दोनों को कैसे प्रभावित करती है?

वनों की कटाई से जैव विविधता का नुकसान होता है, जलवायु परिवर्तन तेज होता है, और स्थानीय समुदायों को आजीविका के साधनों का नुकसान होता है। यह जलवायु में अस्थिरता और मिट्टी के कटाव को भी बढ़ाता है।


6. पर्यावरणीय न्याय क्या है, और इसका समाज से क्या संबंध है?

पर्यावरणीय न्याय का अर्थ है सभी वर्गों को पर्यावरणीय संसाधनों और प्रदूषण के जोखिमों से समान सुरक्षा मिलना। समाज में आर्थिक और सामाजिक असमानताएं पर्यावरणीय न्याय को प्रभावित करती हैं, क्योंकि गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को अक्सर पर्यावरणीय समस्याओं का सामना अधिक करना पड़ता है।


7. शहरीकरण का पर्यावरण और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

शहरीकरण से भूमि, जल, और वायु प्रदूषण बढ़ता है, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन होता है। इसके अलावा, जनसंख्या का दबाव सामाजिक सेवाओं जैसे स्वच्छता, पानी और बिजली की कमी को बढ़ाता है, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


8. पर्यावरणीय संरक्षण के लिए समाज की क्या भूमिका है?

पर्यावरणीय संरक्षण के लिए समाज का योगदान अनिवार्य है। इसमें वृक्षारोपण, जल संरक्षण, कचरे का पुनर्चक्रण, और स्वच्छता बनाए रखना शामिल है। सामूहिक प्रयासों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से समाज पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा दे सकता है।


9. ग्रामीण समाज और पर्यावरण में क्या संबंध है?

ग्रामीण समाज मुख्य रूप से कृषि और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करता है। जल, मिट्टी, और वन जैसे संसाधन ग्रामीण जीवन के केंद्र में होते हैं। पर्यावरण में परिवर्तन, जैसे जलवायु परिवर्तन, सीधे तौर पर ग्रामीण समाज को प्रभावित करते हैं।


10. पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान समाज के लिए क्यों आवश्यक है?

पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान समाज के स्वास्थ्य, आर्थिक विकास, और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। यदि समय पर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह प्राकृतिक आपदाओं, संसाधनों की कमी, और सामाजिक अस्थिरता को जन्म दे सकता है। समाज को स्थिरता और सतत विकास के लिए पर्यावरण को संरक्षित करना आवश्यक है।

अध्याय-9: पाश्चात्य समाजशास्त्री एक परिचय 

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