NCERT Solutions for Class 10 Science in Hindi
ऊर्जा के स्रोत – कक्षा 10वीं विज्ञान
ऊर्जा हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह जीवन के सभी कार्यों को चलाने का मुख्य स्रोत है। ऊर्जा के बिना किसी भी कार्य को करना असंभव होता। ऊर्जा के विभिन्न स्रोत होते हैं, जिनका उपयोग हम अपनी दैनिक गतिविधियों में करते हैं। इन स्रोतों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है – पारंपरिक ऊर्जा स्रोत और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत। इस लेख में हम ऊर्जा के स्रोतों, उनके प्रकार, और उनके महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
ऊर्जा के स्रोत
ऊर्जा के स्रोत मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- पारंपरिक ऊर्जा स्रोत (Non-renewable Sources of Energy)
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (Renewable Sources of Energy)
1. पारंपरिक ऊर्जा स्रोत
पारंपरिक ऊर्जा स्रोत वे ऊर्जा स्रोत होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से सीमित होते हैं और इनका पुनःप्राप्ति (replenishment) समय बहुत लंबा होता है। इन्हें नवीकरणीय स्रोतों की श्रेणी में नहीं रखा जाता। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित ऊर्जा स्रोत आते हैं:
(i) कोयला
कोयला एक महत्वपूर्ण पारंपरिक ऊर्जा स्रोत है, जो मुख्य रूप से बिजली उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। कोयला का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है, जैसे स्टील बनाने और अन्य धातुओं के उत्पादन में। यह कच्चा माल होने के कारण न केवल ऊर्जा का स्रोत है, बल्कि विभिन्न उत्पादों के निर्माण में भी मदद करता है।
(ii) पेट्रोलियम
पेट्रोलियम एक तरल ईंधन है, जो मुख्य रूप से वाहनों और औद्योगिक प्रक्रियाओं में ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल होता है। यह कच्चे तेल से प्राप्त होता है और इसका उपयोग विभिन्न उत्पादों, जैसे पेट्रोल, डीजल, और कच्चे तेल के अन्य रूपों में होता है। पेट्रोलियम के उपयोग से प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न होती है।
(iii) प्राकृतिक गैस
प्राकृतिक गैस भी एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है, जो मुख्य रूप से गैस के रूप में होता है। इसका उपयोग घरेलू और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। प्राकृतिक गैस का उपयोग विद्युत उत्पादन और वाहनों के ईंधन के रूप में भी होता है। यह कोयले और पेट्रोलियम से कम प्रदूषण उत्पन्न करता है, परंतु यह भी एक सीमित संसाधन है।
(iv) परमाणु ऊर्जा
परमाणु ऊर्जा, जिसे आणविक ऊर्जा भी कहा जाता है, परमाणु क्रियाओं (nuclear reactions) से प्राप्त होती है। इसका मुख्य उपयोग बिजली उत्पादन में होता है। परमाणु ऊर्जा के स्रोत में यूरेनियम और थोरियम जैसी रेडियोधर्मी धातुएं आती हैं। हालांकि, परमाणु ऊर्जा के प्रयोग से प्रदूषण की समस्या कम होती है, लेकिन यह खतरनाक रेडिएशन के कारण भी जोखिम पैदा कर सकता है।
2. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत वे ऊर्जा स्रोत होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से पुनःप्राप्त होते हैं और इनका उपयोग अनिश्चितकाल तक किया जा सकता है। इन स्रोतों का पर्यावरण पर कम असर पड़ता है और यह प्रदूषण रहित होते हैं। प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत इस प्रकार हैं:
(i) सूर्य ऊर्जा (Solar Energy)
सूर्य ऊर्जा पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे प्रमुख और सर्वश्रेष्ठ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। सूर्य की किरणों से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन, पानी गर्म करने और अन्य घरेलू कार्यों के लिए किया जाता है। सौर पैनल और सौर ताप संयंत्र इस ऊर्जा का प्रमुख रूप से उपयोग करते हैं। सूर्य ऊर्जा से प्रदूषण भी नहीं होता है और यह अनंत है।
(ii) पवन ऊर्जा (Wind Energy)
पवन ऊर्जा भी एक प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। पवन से उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है। पवन मिल (windmills) के माध्यम से पवन ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित किया जाता है। यह ऊर्जा स्रोत भी पर्यावरण के लिए सुरक्षित है और इसकी कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं होता।
(iii) जल ऊर्जा (Hydro Energy)
जल ऊर्जा, या जलविद्युत ऊर्जा, जल के प्रवाह से उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा मुख्य रूप से बांधों और जलाशयों से प्राप्त की जाती है, जहां पानी की विशाल मात्रा को ऊंचाई से गिरने पर ऊर्जा में बदल दिया जाता है। जल ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है और यह ऊर्जा स्रोत पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, क्योंकि इसमें कोई प्रदूषण नहीं होता।
(iv) बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy)
बायोमास ऊर्जा जैविक पदार्थों, जैसे लकड़ी, फसल के अवशेष, गोबर, आदि से प्राप्त होती है। इन पदार्थों को जलाकर या उनके माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। यह ऊर्जा स्रोत भी नवीकरणीय है और पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाता है। बायोमास का उपयोग ताप उत्पादन, बिजली उत्पादन और अन्य उद्योगों में किया जाता है।
(v) जियोथर्मल ऊर्जा (Geothermal Energy)
जियोथर्मल ऊर्जा पृथ्वी के आंतरिक गर्मी से प्राप्त होती है। पृथ्वी के अंदर स्थित गर्म पिघलते पदार्थों से इस ऊर्जा को उत्पन्न किया जाता है। जियोथर्मल ऊर्जा का मुख्य उपयोग विद्युत उत्पादन में होता है। यह ऊर्जा स्रोत भी प्रदूषण रहित और नवीकरणीय है।
ऊर्जा के स्रोतों का महत्व
ऊर्जा के स्रोतों का महत्व बहुत अधिक है। ऊर्जा का उपयोग न केवल मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है, बल्कि यह औद्योगिक, कृषि, परिवहन और अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऊर्जा के बिना किसी भी प्रकार की सामाजिक और आर्थिक प्रगति संभव नहीं है।
- औद्योगिक विकास: उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा के बिना उत्पादन की प्रक्रिया रुक जाती है और विकास रुक जाता है।
- परिवहन: परिवहन के क्षेत्र में ऊर्जा का महत्व अत्यधिक है। सभी प्रकार के वाहन – सड़क, रेल, जल, और हवाई परिवहन – ऊर्जा पर निर्भर होते हैं।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऊर्जा का उपयोग शोध, प्रयोग, और विकास में किया जाता है। यह न केवल नवीकरणीय ऊर्जा तकनीकों को विकसित करने में मदद करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नई तकनीकों को लागू करने में भी सहायक होता है।
निष्कर्ष
ऊर्जा के स्रोतों का चयन हमारे पर्यावरण, समाज और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालता है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत सीमित और प्रदूषणकारी होते हैं, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करते हैं। इसलिए, हमें ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण छोड़ सकें।
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