- जनसंख्या
- कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान- जनसंख्या
- 1. जनसंख्या क्या है?
- 2. जनसंख्या वितरण (Population Distribution)
- 3. जनसंख्या घनत्व (Population Density)
- 4. जनसंख्या वृद्धि (Population Growth)
- 5. जनसंख्या संरचना (Population Composition)
- 6. जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव
- 7. जनसंख्या नियंत्रण के उपाय
- 8. भारत में जनसंख्या नीति
- 9. निष्कर्ष
- मुख्य बिंदु (Revision Points):
- Importent Q/A of Chapter
- प्रश्न 1 – नीचे दिए गए चार विकल्पों में सही विकल्प चुनिए:
- प्रश्न 2 – निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दें।
- प्रश्न 3 – जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अंतर स्पष्ट करें।
- प्रश्न 4 – व्यवसायिक संरचना एवं विकास के बीच क्या संबंध है?
- प्रश्न 5 – स्वास्थ्य जनसंख्या कैसे लाभकारी है?
- प्रश्न 6 – राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
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- कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान- जनसंख्या
जनसंख्या
कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान- जनसंख्या
परिचय
जनसंख्या का अध्ययन समाजशास्त्र और भूगोल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जनसंख्या से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की संख्या से है। जनसंख्या के वितरण, घनत्व, वृद्धि दर और उनके प्रभावों का अध्ययन करने से हमें सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थितियों की बेहतर समझ मिलती है।
1. जनसंख्या क्या है?
जनसंख्या शब्द का अर्थ है किसी निश्चित समय में किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या। यह एक स्थान, राज्य, देश, या विश्व स्तर पर मापी जा सकती है।
जनसंख्या अध्ययन का मुख्य उद्देश्य:
- लोगों की संख्या का आकलन करना
- वितरण और घनत्व को समझना
- संसाधनों पर जनसंख्या का प्रभाव जानना
2. जनसंख्या वितरण (Population Distribution)
जनसंख्या वितरण से तात्पर्य यह है कि किसी क्षेत्र में लोग कैसे और कहाँ फैले हुए हैं।
प्रमुख कारक:
- भौगोलिक कारक: जलवायु, मिट्टी, जल की उपलब्धता, स्थलरूप
- आर्थिक कारक: रोजगार के अवसर, औद्योगीकरण, व्यापार
- सामाजिक और सांस्कृतिक कारक: परंपराएँ, धार्मिक स्थल, बेहतर जीवनशैली
भारत में जनसंख्या वितरण
- भारत की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है।
- घनी आबादी वाले क्षेत्र: गंगा घाटी, तटीय राज्य जैसे केरल और तमिलनाडु
- कम आबादी वाले क्षेत्र: रेगिस्तानी क्षेत्र (राजस्थान), पर्वतीय क्षेत्र (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड)
3. जनसंख्या घनत्व (Population Density)
जनसंख्या घनत्व का अर्थ है प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या। इसे निम्नलिखित सूत्र से मापा जाता है:
जनसंख्या घनत्व = कुल जनसंख्या / कुल क्षेत्रफल
भारत में जनसंख्या घनत्व
- भारत का जनसंख्या घनत्व विश्व के औसत से अधिक है।
- घनी जनसंख्या वाले राज्य: बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश
- कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्य: अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम
4. जनसंख्या वृद्धि (Population Growth)
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ है समय के साथ जनसंख्या में होने वाली वृद्धि।
जनसंख्या वृद्धि के प्रकार:
- प्राकृतिक वृद्धि: जन्म दर और मृत्यु दर में अंतर के कारण होती है।
- प्रवास (Migration): लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना जनसंख्या में परिवर्तन करता है।
जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण:
- जन्म दर में वृद्धि: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, सामाजिक मान्यताएँ
- मृत्यु दर में कमी: चिकित्सा सुविधाओं में सुधार, संक्रामक रोगों पर नियंत्रण
- प्रवास: रोजगार और बेहतर जीवनशैली के लिए लोग ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर जाते हैं।
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर
- स्वतंत्रता के बाद भारत में जनसंख्या वृद्धि की दर में वृद्धि हुई।
- वर्तमान में भारत की जनसंख्या वृद्धि दर स्थिर होने की ओर है।
5. जनसंख्या संरचना (Population Composition)
जनसंख्या संरचना का अर्थ है जनसंख्या को विभिन्न समूहों में विभाजित करना।
जनसंख्या संरचना के तत्व:
- आयु संरचना:
- आयु वर्ग को तीन भागों में बाँटा जाता है:
- 0-14 वर्ष (आश्रित वर्ग)
- 15-59 वर्ष (कार्यशील वर्ग)
- 60+ वर्ष (वरिष्ठ नागरिक)
- आयु वर्ग को तीन भागों में बाँटा जाता है:
- लिंगानुपात (Sex Ratio):
- प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या।
- भारत में लिंगानुपात असंतुलित है।
- इसके कारण: कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, लैंगिक भेदभाव
- साक्षरता दर (Literacy Rate):
- साक्षरता का अर्थ है किसी व्यक्ति का पढ़ने-लिखने में सक्षम होना।
- साक्षरता दर को शिक्षा के स्तर से जोड़ा जाता है।
6. जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव
भारत जैसे विकासशील देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या कई समस्याओं को जन्म देती है।
सकारात्मक प्रभाव:
- अधिक कार्यबल: बढ़ती जनसंख्या के साथ काम करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती है।
- बाज़ार का विस्तार: अधिक जनसंख्या का अर्थ है अधिक उपभोक्ता।
नकारात्मक प्रभाव:
- प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव: बढ़ती जनसंख्या से जल, भूमि, और ऊर्जा संसाधनों की मांग बढ़ती है।
- बेरोजगारी: सीमित रोजगार अवसरों के कारण बेरोजगारी बढ़ती है।
- गरीबी: जनसंख्या वृद्धि गरीबी की समस्या को गंभीर बनाती है।
- शहरीकरण की समस्याएँ: बढ़ते जनसंख्या दबाव के कारण शहरों में झुग्गियाँ और अव्यवस्थित विकास होता है।
- पर्यावरण पर प्रभाव: वनों की कटाई, प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
7. जनसंख्या नियंत्रण के उपाय
जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सरकार और समाज को संयुक्त प्रयास करने होंगे।
उपाय:
- शिक्षा का प्रसार: विशेष रूप से महिलाओं में शिक्षा को बढ़ावा देना।
- परिवार नियोजन: जन्म दर को नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम लागू करना।
- महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: बच्चों और माताओं की मृत्यु दर को कम करना।
- जागरूकता कार्यक्रम: लोगों में जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
8. भारत में जनसंख्या नीति
भारत सरकार ने जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं:
- 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम: जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में यह पहला कदम था।
- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000:
- बाल मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करना।
- परिवार नियोजन के साधनों को बढ़ावा देना।
9. निष्कर्ष
जनसंख्या किसी देश की एक बड़ी संपत्ति हो सकती है यदि इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों का सही प्रबंधन जरूरी है। भारत जैसे देश के लिए जनसंख्या नियंत्रण, संसाधनों का सतत उपयोग, और महिलाओं का सशक्तिकरण मुख्य प्राथमिकताएँ होनी चाहिए।
मुख्य बिंदु (Revision Points):
- जनसंख्या का अर्थ और इसका अध्ययन
- जनसंख्या वितरण और घनत्व
- जनसंख्या वृद्धि और इसके कारण
- जनसंख्या संरचना के तत्व
- जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव
- जनसंख्या नियंत्रण के उपाय
- भारत में जनसंख्या नीति
महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है।
- वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि दर को स्थिर करने के प्रयास चल रहे हैं।
- परिवार नियोजन और शिक्षा जनसंख्या नियंत्रण के मुख्य साधन हैं।
प्रश्न अभ्यास:
- जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं? इसका भारत में वितरण कैसा है?
- जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण क्या हैं?
- जनसंख्या वृद्धि के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को समझाइए।
- भारत की राष्ट्रीय जनसंख्या नीति के मुख्य बिंदु लिखिए।
Importent Q/A of Chapter
प्रश्न 1 – नीचे दिए गए चार विकल्पों में सही विकल्प चुनिए:
(i) निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में प्रवास आबादी की संख्या, वितरण एवं संरचना में परिवर्तन लाता है
(क) प्रस्थान करने वाले क्षेत्र में
(ख) आगमन वाले क्षेत्र में
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(ii) जनसंख्या में बच्चों का एक बहुत बड़ा अनुपात निम्नलिखित में से किसका परिणाम है
(क) उच्च जन्म दर
(ख) उच्च मृत्यु दर
(ग) उच्च जीवन दर
(घ) अधिक विवाहित जोड़े
उत्तर – उच्च जन्म दर
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक जनसंख्या वृद्धि का परिणाम दर्शाता है
(क) एक क्षेत्र की कुल जनसंख्या
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(ग) जनसंख्या वृद्धि की दर
(घ) प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या
उत्तर – प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(iv) 2011 की जनगणना के अनुसार एक ‘ साक्षर’ व्यक्ति वह है
(क) जो अपने नाम को पढ़ एवं लिख सकता है।
(ख) जो किसी भी भाषा में पढ़ एवं लिख सकता है।
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।
(घ) जो पढ़ना-लिखना एवं अंकगणित, तीनों जानता है।
उत्तर – जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।
प्रश्न 2 – निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दें।
(i) जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें।
उत्तर – जन्म दर – जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन की तीन मुख्य प्रक्रिया हैं – जन्म दर, मृत्यु दर एवं प्रवास। जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच का अंतर जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि है। एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में जितने जीवित बच्चों का जन्म होता है, उसे ‘ जन्म दर’ कहते हैं। यह वृद्धि का एक प्रमुख घटक है क्योंकि भारत में हमेशा जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक रहा है।
मृत्यु दर – एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में मरने वालों की संख्या को ‘ मृत्यु दर’ कहा जाता है। मृत्यु दर में तेज़ गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का मुख्य कारण है।
प्रवास – जनसंख्या वृद्धि का तीसरा घटक है प्रवास। लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। प्रवास आंतरिक (देश के भीतर) या अंतरराष्ट्रीय (देशों के बीच) हो सकता है। आंतरिक प्रवास जनसंख्या के आकार में कोई परिवर्तन नहीं लाता हैं, लेकिन यहां एक देश के भीतर जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करता है। जनसंख्या वितरण एवं उसके घटकों को परिवर्तित करने में प्रवास की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण घटक है। ये केवल जनसंख्या के आकार को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि उम्र एवं लिंग के दृष्टिकोण से नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या की संरचना को ही परिवर्तित करता है।
(ii) 1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर क्यों घट रही है?
उत्तर – 1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर निम्नलिखित कारणों से घट रही है- जन्म दर नियंत्रण, साक्षरता, परिवार नियोजन, आदि के कारण।
(iii) आयु संरचना, जन्म दर एवं मृत्यु दर को परिभाषित करें।
उत्तर – आयु संरचना – किसी देश में, जनसंख्या की आयु संरचना वहां के विभिन्न आयु समूहों के लोगों की संख्या को बताता है। यह जनसंख्या की मूल विशेषताओं में से एक है।
किसी राष्ट्र की आबादी को सामान्यत : तीन वर्गों में बांटा जाता है:
बच्चे (सामान्यत : 15 वर्ष से कम)
ये आर्थिक रूप से उत्पादनशील नहीं होते हैं तथा इनको भोजन, वस्त्र एवं स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता होती है।
वयस्क (15 से 59 वर्ष)
ये आर्थिक रूप से उत्पादनशील तथा जैविक रूप से प्रजननशील होते हैं। यह जनसंख्या का कार्यशील वर्ग है।
वृद्ध (59 वर्ष से अधिक)
ये आर्थिक रूप से उत्पादनशील या अवकाश प्राप्त हो सकते हैं। ये स्वैच्छिक रूप से कार्य कर सकते हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया के द्वारा इनकी नियुक्ति नहीं होती है।
जन्म दर – एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में जितने जीवित बच्चों का जन्म होता है उसे जन्म दर कहते हैं।
मृत्यु दर – एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में मरने वालों की संख्या को मृत्यु दर कहते हैं।
(iv) प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन का एक कारक।
उत्तर – ये केवल जनसंख्या के आकार को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि उम्र एवं लिंग के दृष्टिकोण से नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या की संरचना को भी प्रभावित करता है।
भारत में ग्रामीण – नगरीय प्रवास के कारण शहरों तथा नगरों की जनसंख्या में नियमित वृद्धि हुई है।
एक दशक (2001 से 2011) के भीतर 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 35 से बढ़कर 53 हो गई है।
प्रश्न 3 – जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर – जनसंख्या वृद्धि –
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ होता है, किसी विशेष समय अंतराल में जैसे, 10 वर्षों के भीतर, किसी देश/ राज्य के निवासियों की संख्या में परिवर्तन। इस प्रकार के परिवर्तन को दो प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है। पहला, सापेक्ष वृद्धि तथा दूसरा, प्रतिवर्ष होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के द्वारा।
जनसंख्या परिवर्तन –
जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन की तीन मुख्य प्रक्रियाएं हैं – जन्म दर, मृत्यु दर एवं प्रवास। जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच का अंतर जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि है।
प्रश्न 4 – व्यवसायिक संरचना एवं विकास के बीच क्या संबंध है?
उत्तर – आर्थिक रूप से क्रियाशील जनसंख्या का प्रतिशत, विकास का एक महत्वपूर्ण सूचक होता है। विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के अनुसार किए गए जनसंख्या के वितरण को व्यवसायिक संरचना कहा जाता है। किसी भी देश में विभिन्न व्यवसायों को करने वाले भिन्न-भिन्न लोग होते हैं। व्यवसायों को सामान्यत: प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक श्रेणीयों में वर्गीकृत किया जाता है।
प्राथमिक: इनमें कृषि, पशुपालन, वृक्षारोपण एवं मछली पालन तथा खनन आदि क्रियाएं शामिल हैं।
द्वितीयक: क्रियाकलापों में उत्पादन करने वाले उद्योग, भवन एवं निर्माण कार्य आते हैं।
तृतीयक: क्रियाकलापों में परिवहन, संचार, प्रशासन तथा सेवाएं शामिल हैं।
विकसित एवं विकासशील देशों में विभिन्न क्रियाकलापों में कार्य करने वाले लोगों का अनुपात अलग- अलग होता है। विकसित देशों में द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाकलापों में कार्य करने वाले लोगों की संख्या का अनुपात अधिक होता है। विकासशील देशों में प्राथमिक क्रियाकलापों में कार्यरत लोगों का अनुपात अधिक होता है। भारत में कुल जनसंख्या का 64% भाग केवल कृषि कार्य करता है। द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या का अनुपात क्रमश: 13 तथा 20% है। वर्तमान समय में बढ़ते हुए औद्योगिक एवं शहरीकरण में वृद्धि होने का कारण द्वितीय एवं तृतीय क्षेत्रों में व्यवसायिक परिवर्तन हुआ है।
प्रश्न 5 – स्वास्थ्य जनसंख्या कैसे लाभकारी है?
उत्तर – 1. स्वास्थ्य जनसंख्या की संरचना का एक महत्वपूर्ण घटक है जो कि विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
2. सरकारी कार्यक्रमों के निरंतर प्रयास के द्वारा भारत की जनसंख्या के स्वास्थ्य स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
3. मृत्यु दर जो 1951 में (प्रति हजार) 25 थी, 2011 में घटकर (प्रति हजार) 7.2 रह गई है। औसत आयु जो कि 1951 में 36. 7 वर्ष थी, बढ़कर वर्ष 2012 में 67. 9 वर्ष हो गई है।
4. महत्वपूर्ण सुधार बहुत से कारकों, जैसे – जन स्वास्थ्य, संक्रमाक बीमारियों से बचाव एवं रोगों के इलाज में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग के परिणाम स्वरुप हुआ है।
प्रश्न 6 – राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर – 1. परिवारों के आकार को सीमित रखकर एक व्यक्ति के स्वास्थ्य एवं कल्याण को सुधारा जा सकता है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 1952 में एक व्यापक परिवार नियोजन कार्यक्रम को प्रारंभ किया।
2. परिवार कल्याण कार्यक्रम जिम्मेदार तथा सुनियोजित पितृत्व को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 कई वर्षों के नियोजित प्रयासों का परिणाम है।
3. 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने, शिशु मृत्यु दर को प्रति 1,000 में 30 से कम करने, व्यापक स्तर पर टिकारोधी बीमारियों से बच्चों को छुटकारा दिलाने, लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने तथा परिवार नियोजन को एक जन केंद्रित कार्यक्रम बनाने के लिए नीतिगत ढांचा प्रदान करती है।