- बल तथा गति के नियम
- बल तथा गति के नियम (Laws of Motion)
- 1. गति का प्रथम नियम (Newton’s First Law of Motion)
- 2. गति का द्वितीय नियम (Newton’s Second Law of Motion)
- 3. गति का तृतीय नियम (Newton’s Third Law of Motion)
- बल (Force)
- घर्षण बल (Frictional Force)
- जड़त्व (Inertia)
- गति के समीकरण
- बल और गति के नियमों का दैनिक जीवन में उपयोग
- निष्कर्ष
- पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न :- (पेज नं. 102)
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बल तथा गति के नियम
बल तथा गति के नियम (Laws of Motion)
वर्ग 9वीं विज्ञान
बल तथा गति के नियम (Newton’s Laws of Motion) भौतिकी के प्रमुख सिद्धांतों में से एक हैं। ये नियम यह समझने में मदद करते हैं कि वस्तुएं क्यों और कैसे गति करती हैं। आइए विस्तार से प्रत्येक नियम और उनसे संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करें।
1. गति का प्रथम नियम (Newton’s First Law of Motion)
नियम का कथन:
यदि कोई वस्तु स्थिर अवस्था में है या समान गति से सीधी रेखा में गति कर रही है, तो वह तब तक अपनी स्थिति में बदलाव नहीं करेगी जब तक उस पर बाहरी बल का प्रयोग न किया जाए।
मुख्य बिंदु:
- इस नियम को जड़त्व का नियम (Law of Inertia) भी कहते हैं।
- जड़त्व: यह किसी वस्तु की वह प्रवृत्ति है जिसके कारण वह अपनी वर्तमान स्थिति (स्थिरता या गति) को बनाए रखना चाहती है।
- यदि किसी चलती हुई बस में यात्री अचानक रुकने पर आगे की ओर झुकते हैं, तो यह जड़त्व का उदाहरण है।
उदाहरण:
- चलती गाड़ी अचानक रुकने पर यात्री आगे की ओर झुकते हैं।
- मेज पर रखे सिक्के को अचानक हटाने पर सिक्का वहीं रह जाता है।
2. गति का द्वितीय नियम (Newton’s Second Law of Motion)
नियम का कथन:
किसी वस्तु पर लगाया गया बल उसकी द्रव्यमान और त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।
गणितीय रूप:
F=ma
जहां:
- = बल (न्यूटन में)
- = द्रव्यमान (किलोग्राम में)
- = त्वरण (मीटर/सेकंड² में)
मुख्य बिंदु:
- यह नियम वस्तु की गति में परिवर्तन का कारण बताता है।
- बल और त्वरण एक ही दिशा में होते हैं।
- यदि बल अधिक होगा तो त्वरण भी अधिक होगा।
उदाहरण:
- किसी क्रिकेट गेंद को तेज गति से फेंकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है।
- भारी वस्तु को गति में लाने के लिए हल्की वस्तु की तुलना में अधिक बल चाहिए।
3. गति का तृतीय नियम (Newton’s Third Law of Motion)
नियम का कथन:
प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
गणितीय रूप:
Faction=−Freaction
मुख्य बिंदु:
- यह नियम बताता है कि बल हमेशा युग्म में कार्य करता है।
- यदि कोई वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर समान और विपरीत दिशा में बल लगाएगी।
उदाहरण:
- बंदूक चलाने पर पीछे की ओर झटका महसूस होता है।
- तैराक पानी को पीछे की ओर धकेलता है और आगे बढ़ता है।
- रॉकेट का प्रक्षेपण, जहां ईंधन के दहन से गैसें नीचे की ओर निकलती हैं और रॉकेट ऊपर की ओर बढ़ता है।
बल (Force)
बल वह बाहरी कारण है जो किसी वस्तु की स्थिति, दिशा या आकार में परिवर्तन करता है।
बल के प्रकार:
- संपर्क बल (Contact Force):
- घर्षण बल (Frictional Force)
- खिंचाव बल (Tension Force)
- सामान्य बल (Normal Force)
- असंपर्क बल (Non-contact Force):
- गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force)
- विद्युत बल (Electrostatic Force)
- चुंबकीय बल (Magnetic Force)
बल की इकाई:
- बल की SI इकाई न्यूटन (N) है।
- 1 न्यूटन वह बल है जो 1 किलोग्राम की वस्तु को 1 मीटर/सेकंड² की त्वरण प्रदान करता है।
घर्षण बल (Frictional Force)
- घर्षण बल वह बल है जो किसी सतह पर दूसरी वस्तु के संपर्क में आने पर उसकी गति का विरोध करता है।
- यह सतहों की असमतलता और अणुओं के बीच आकर्षण के कारण उत्पन्न होता है।
घर्षण के प्रकार:
- स्थैतिक घर्षण (Static Friction): गति शुरू होने से पहले का घर्षण।
- सामान्य घर्षण (Sliding Friction): गति के दौरान होने वाला घर्षण।
- रोलिंग घर्षण (Rolling Friction): वस्तु के लुढ़कने के दौरान होने वाला घर्षण।
जड़त्व (Inertia)
जड़त्व किसी वस्तु की वह प्रवृत्ति है जिसके कारण वह अपनी गति या स्थिरता को बनाए रखना चाहती है।
जड़त्व के प्रकार:
- विश्राम का जड़त्व (Inertia of Rest): स्थिर वस्तु की स्थिर रहने की प्रवृत्ति।
- गति का जड़त्व (Inertia of Motion): गतिशील वस्तु की गति में बने रहने की प्रवृत्ति।
- दिशा का जड़त्व (Inertia of Direction): वस्तु की दिशा में बदलाव का विरोध करने की प्रवृत्ति।
उदाहरण:
- किसी कार के अचानक ब्रेक लगाने पर यात्री का आगे झुकना गति के जड़त्व का उदाहरण है।
- स्थिर किताब को खिसकाने के लिए बल का प्रयोग करना विश्राम के जड़त्व का उदाहरण है।
गति के समीकरण
गति के नियमों के आधार पर तीन प्रमुख समीकरण होते हैं:
- v=u+at
- s=ut+1/2at^2
- v^2=u^2+2as
जहां:
- u: प्रारंभिक वेग
- : अंतिम वेग
- : त्वरण
- : समय
- : विस्थापन
बल और गति के नियमों का दैनिक जीवन में उपयोग
- वाहनों में सीट बेल्ट:
- सीट बेल्ट यात्रियों को अचानक ब्रेक लगाने पर जड़त्व के कारण चोट लगने से बचाती है।
- रॉकेट प्रक्षेपण:
- गति का तृतीय नियम रॉकेट के प्रक्षेपण का आधार है।
- खेलकूद में बल का प्रयोग:
- क्रिकेट, फुटबॉल, और टेनिस में गेंद पर बल लगाकर उसकी गति और दिशा बदली जाती है।
- घर्षण का उपयोग:
- घर्षण के कारण हम चलते समय फिसलते नहीं हैं।
निष्कर्ष
बल तथा गति के नियम भौतिकी में एक आधारभूत भूमिका निभाते हैं। इन नियमों के अध्ययन से न केवल भौतिक प्रक्रियाओं को समझा जा सकता है, बल्कि उनकी मदद से तकनीकी और वैज्ञानिक विकास में भी योगदान दिया जा सकता है।
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न :- (पेज नं. 102)
प्रश्न 1 – निम्न में किसका जड़त्व अधिक है:-
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर,
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का
उत्तर :- किसी भी वस्तु का जड़त्व उसका प्राकृतिक गुण होता है जो उसकी विराम या गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है। इस प्रकार किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जडत्व की माप है। उससे हमें यह समझ आता है कि जितना द्रव्यमान होगा उतना ही उसका जड़त्व अधिक होगा। इसलिए यह स्पष्ट है कि एक रबड़ की गेंद और उसी आकार के पत्थर की तुलना में पत्थर का द्रव्यमान ज्यादा है इसलिए उसका जड़त्व भी अधिक होगा। उसी प्रकार एक साइकिल और एक रेलगाड़ी की तुलना में रेलगाड़ी का और पांच रुपये के एक सिक्के, एक रुपये के सिक्के में पांच रुपये के सिक्के का जड़त्व अधिक होगा।
प्रश्न 2 – नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें: “फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुंचाता है। दूसरा खिलाड़ी उसी गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाडी की ओर किक लगाता है”। इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर :- किसी भी वस्तु की एक अवस्था होती है जो बल लगाने पर गति में परिवर्तित होती है। लेकिन ऐसा नहीं की वह उसी अवस्था में गति करती रहे, एक समय पर वह विराम अवस्था में भी आती है। विराम अवस्था में कब आए यह निर्भर करता है कि उस वस्तु पर कितनी ज़ोर से बल लगाया गया। उसी प्रकार एक फुटबॉल भी उस पर लगाए गए बल के अनुसार गति की स्थिति पकड़ती है। इस प्रश्न के अनुसार गेंद का वेग चार बार बदला। यह गति का तीसरा नियम है, जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तब दूसरी वस्तु द्वारा भी पहली वस्तु पर तात्क्षणिक बल लगाया जाता है। ये दोनों बल परिमाण में सदैव समान लेकिन दिशा में विपरीत होते।
प्रश्न 3 – किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती है। क्यों?
उत्तर :- गति के द्वितीय नियम के अनुसार जैसे बस में बैठे व्यक्ति के पैर स्थिर होते हैं और शरीर गति अवस्था में होता है। लेकिन ब्रेक लगने पर वह विराम अवस्था से गति अवस्था में आता है। उसी प्रकार पेड़ की पत्तियों का स्थिर अवस्था में होना और पेड़ की टहनियों का गति अवस्था में होना पत्तियों के झड़ने का कारण है।
प्रश्न 4 – जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर :- दिए गए अध्याय में गति के प्रथम नियम के अनुसार किसी बस में सफर करते समय हम जडत्व के नियम में होते हैं। जब कोई बस रुकने के लिए बल लगाती है तब बस विराम अवस्था में आ जाती है और हमारा शरीर गतिज़ अवस्था में आ जाता है। चलती बस में हमारे पैर गतिशील होते हैं और शरीर स्थिर अवस्था में होता है। बस की विराम अवस्था में इसका विपरीत होता है। यही बस का अचानक रुकने से हमारे आगे झुकने और विरामावस्था से गतिशील होकर पीछे की ओर होना कारण है।
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1 – यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाडी को कैसे खींच पाता है?
उत्तर :- जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तब दूसरी वस्तु द्वारा भी पहली वस्तु पर तात्क्षणिक बल लगाया जाता है। ये दोनों बल परिमाण में सदैव समान लेकिन दिशा में विपरीत होते। उसी प्रकार बल सदैव युगल रूप में होते हैं। घोड़े के जमीन पर अगले पीछे पैरो के बल लगाने से गाडी खींच पाती है। इससे तात्पर्य यह है कि जब एक घोड़ा गाडी को खींचता है तो गाडी विपरीत दिशा में बल लगाती है।
प्रश्न 2 – एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फैंकने वाली रबड की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट करें।
उत्तर :- जब एक व्यक्ति या अग्नि भुजाने वाला कर्मचारी किसी अग्नि भुजाने वाली रबड़ वाली पाइप को पकड़ता है तब अधिक तीव्रता के साथ आने वाला पानी अधिक बल के साथ निकलता है। इसी कारण से किसी व्यक्ति को या अग्नि भुजाने वाले कर्मचारी के हाथों में रबड़ की नली पर लगने वाले बल का अनुभव करता है।
प्रश्न 3 – एक 50g द्रव्यमान की गोली 4kg द्रव्यमान की रायफ़ल से 35m के प्रारम्भिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफ़ल के प्रारम्भिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
उत्तर :- प्रत्येक जगह ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाएगा कि किसी भी वस्तु पर लगा बल विपरीत दिशा में लगा है।

प्रश्न 4 – 100g और 200g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती है। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।

अभ्यास प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1 – कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करे।
उत्तर :- जब किसी वस्तु पर बाह्य बल लगाया जाता है तो वह शून्य अवस्था से गति की अवस्था में आती है। तब किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना सम्भव नही है। न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार बाह्य लगने वाला बल और वस्तु का वेग दोनों परिणाम की दिशा इसका एक उदाहरण है। किसी फुटबाल को किक मारना बाह्य बल के कारण अपनी गति में आएगी ऐसे ही सामान वज़न के पत्थर को किक मारने की गति शून्य ही रहेगी।
प्रश्न 2 – जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं स्पष्ट करें।
उत्तर :- जब किसी छड़ी से एक दरी को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते है। दरी को पीटने से दरी में वेग आता है और धूल के कणों की स्थिरता होने के कारण धूल के कण नीचे गिर जाते है।
प्रश्न 3 – बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
उत्तर :- बस की छत पर सामान को इसलिए बांधा जाता है क्योकि सामान की अवस्था ठोस होने के कारण स्थिर होती है। जब सामान अपनी स्थिर अवस्था में होता है बस अपनी गति में चलती है तो बस के एकदम ब्रेक लगाने से सामान आगे गिरता है परन्तु बस अपनी स्थिर अवस्था से अस्थिर अवस्था में आ जाता है तो सामान पीछे की तरफ गिरता है।
प्रश्न 4 – किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद ज़मीन पर लुढ़कती है कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें)
उत्तर :- जब किसी बल्लेबाज़ द्वारा क्रिकेट मैच में गेंद को हिट किया जाता है तो गेंद पर लगे उसे दुगुने या तिगुने बल के कारण भगती है या लुढ़कती है। परन्तु गेंद पर जैसे ही बल का प्रभाव कम होता है तो गेंद धीरे धीरे अपनी स्थिर अवस्था में आ जाती है।इसी प्रकार गेंद की गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्यरत है जो न्यूटन का प्रथम नियम है।
प्रश्न 5 – एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन 1000 kg)।
उत्तर :

प्रश्न 6 – 1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
उत्तर :

प्रश्न 7 – एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें:
(a) नेट त्वरण बल तथा
(b) रेल का त्वरण
उत्तर :

प्रश्न 8 – एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7ms2के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन ) के साथ विरामावस्था में लाना है तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
उत्तर :-

प्रश्न 9 – किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग v है का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)2 (b) Mv2 (c) (1/2)mv2 (d) Mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर :- (b) Mv2
प्रश्न 10 – हम एक लकड़ी के बक्से को 200N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते है। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर :- बक्से पर लगने वाला घर्षण और उस पर लगे नियत वेग से फर्श पर धकेला गया बल एक समान ही होगा। दोनों दिशाओं में बराबर बल ही लगेगा अर्थात घर्षण बल = लगाया गया आरोपित बल = 200N क्योंकि इसमें ऐसा हमें कोई बल नहीं मिलता कि फर्श पर धकेलते हुए घर्षण से कुछ ज्यादस बल उत्पन्न हो जाए वह उतना ही रहेगा।
प्रश्न 11 – दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही है। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
प्रश्न 11 – गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर :- न्यूटन के तृतीय नियम के अनुसार जड़त्व द्रव्यमान के हमेशा विपरीत होता है। जब हम किसी वस्तु को धकेलने में बल लगाते है तब वह वस्तु बल लगाकर अपना काम करती है। जब कोई व्यक्ति खड़े ट्रक को धक्का लगाता है वह गति में नहीं आता। ऐसा ट्रक के अधिक जड़त्व या उसके अधिक द्रव्यमान के कारण होता है जिससे कोई व्यक्ति उस ट्रक को गतिशीलता में नहीं ला सकता।
प्रश्न 12 – 200g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5 ms-1 के वेग से अपने प्रारंभिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
उत्तर :- गेंद का द्रव्यमान(m) :- 200g = 0.2kg
वेग (u) :- 10ms-1
प्रारम्भिक मार्ग से वापिस लौटते हुए मार्ग से वेग (v) =-5ms-1
संवेग में परिवर्तन :- m(v-u)= 2(-5-10)= 2-5= -3kgms-1
प्रश्न 13 – 10g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें।
उत्तर :- गोली का द्रव्यमान(m):- 10g=0.01kg
वेग(u) :- 150ms-1
V= 0
. समय(t) :- 0.03s
A= v-u/t = 0-150/0.03 = 150/0.03 =150/0×3= -5000ms
गोली द्वारा लकड़ी को भेदने की दूरी (s) :- ut + ½ at2
150 × 0.03 +1/2 (-5000)× (0.03)2
- -2500×0.09 = 4.5 – 2.25 = 2.25m
लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल का परिणाम :-
Ma = 0.01 × 5000 = 50N
प्रश्न 14 – एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1kg है, 10ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
उत्तर :- वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1kg
वस्तु का वेग (u1) = 10m/s
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान (m2)= 5kg
लकड़ी के गुटके का वेग (u2) = 0m/s
संघट्ट से पहले, दोनों वस्तुओं का संवेग =m1u1+m2u2 =1×10+5×0= 10kgm/s
संघट्ट के बाद में, दोनों वस्तुओं का संवेग = m1v2+m2v2=1xv2+5v2= 6kgm/s
आपस में जुड़े हुए संयोजन का वेग :-
10 = 6v2
10/6 = v2
5/3=v2 = 1.67m/s
प्रश्न 15 – 100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5ms-1 से 8ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
उत्तर : वस्तु का द्रव्यमान (m):- 100kg
वेग (u) :- 5m/s
त्वरण (v) :- 8m/s
समय (t) :- 6s
प्रारम्भिक संवेग :- mu: – 100×5 = 500 kgms-1
अंतिम संवेग :- mu :- 100×8 = 800 kgms-1
वस्तु पर आरोपित बल का परिणाम :- 800 -500/6 =300/6 =50N
प्रश्न 16 – अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर :- इसमें हमें राहुल द्वारा बताया तर्क सही लगा, कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा जिसकी वजह से दोनों के संवेग में भी बराबर परिवर्तन हुआ। हालाँकि हम जानते हैं कि कीड़े का जड़त्व या द्रव्यमान कम होने के कारण वह शीशों से टकरा गया और शीशे से चिपक गया।
प्रश्न 17 – एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10ms-2 लें।
उत्तर :- घंटी का द्रव्यमान(m):-10kg
वेग (u):- 0m/s
त्वरण(a):- 10ms-2
माना अंतिम वेग (v):- 0m/s
दूरी(s) :- 80 cm=0.8m
परिकलन :-
V2 = u2+2as
= 02+2x10x0.8
= 0+20×0.8=16
V2 =16
V= √16 = 4m/s
घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग = बाद का संवेग – प्रारम्भिक संवेग
= mv – mu
= m (v-u )
= 10 ( 4-0)
= 10 × 4 = 40kgm/s
अतिरिक्त अभ्यास प्रश्न-उत्तर
A 1- एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी समय सारणी निम्नवत् है:
समय (सेकंड)
समय (सेकंड) | दूरी (मीटर) |
0 | 0 |
1 | 1 |
2 | 8 |
3 | 27 |
4 | 64 |
5 | 125 |
6 | 216 |
7 | 343 |
(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? क्या नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? या शून्य है?
उत्तर :- दिया गया:-
समय t = 1 सेकंड
दूरी s = 1m
वेग u = 0 m /s
इस प्रकार :- s = ut + ½ at2
1= 0×1+1/2× a× 12 = 2ms-2
उसी प्रकार यही विधि अपनाते हुए:-8= 0×2+1/2× a× 22 = 4ms-2
इस तरह त्वरण लगातार आगे बढ़ता जाएगा।
(B) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
उत्तर :- पिछले उत्तर में हमने पाया कि त्वरण लगाता एक दिशा में बढ़ रहा है तो हम यह कह सकते है कि वस्तु पर लगाया बल भी ऐसे ही सामान दिशा में बढ़ेगा।
A2 – 1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0.2 ms-2 का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाते हैं। (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
उत्तर :- कार का द्रव्यमान m = 1200 kg
त्वरण a = 0.2 ms-2
बल = m × a = 1200 × 0.2= 240N
तीन व्यक्तियों द्वारा लगाया गया बल = 240/3 = 80N (प्रत्येक व्यक्ति द्वारा इतने बल से कार को धकेला जाता है)
A3 – 500g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms वेग से एक कील पर प्रहार500g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 mst वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल का परिकलन करें।
उत्तर :- हथौडे का द्रव्यमान (m)= 500g = 0.5kg
वेग (u) = 50m/s
त्वरण (v)=0
समय (s)=0.01 sec
v=u+at = 0= 50+a(0.01)
-50= 0.01a
A= -5000m/s-2
कील के द्वारा हथोड़े पर लगाए गए बल का परिकलन
F= ma
F= 0.5 x-5000ms-2
F= -2500N
A4 – एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटर कार 90 km/h की वेग से एक सरल रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असंतुलित बल लगने के कारण 4s में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण का भी परिकलन करें।
उत्तर :- मोटरकार का द्रव्यमान (m)= 1200kg
वेग (u)= 90km/h =(90×1000)m/(60 x 60)s
90000/3600 = 25m/s
अन्तिम वेग (v)= 18km/h = (18×1000)m/(60×60)s =18000/3600= 5m/s
समय (t)= 4s
(i) त्वरण (a) = V=u+at = 5=25+a×4s= 5-25 =4a= -20=4a
A = -5m/s2
(ii) संवेग में परिवर्तन :- mv-mu
=m(v-u)= 1200(5-25)=-24000 kgm/s
(iii) बल का परिमाण :- F= ma
F= 1200 x (-5)= -6000N
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