बहुपद (Polynomial)
बहुपद : गणित में, बहुपद (Polynomial) एक ऐसा गणितीय अभिव्यक्ति है जिसमें चर (Variable) और स्थिरांक (Constant) का योगफल और गुणा-भाग होता है। बहुपद में केवल धनात्मक पूर्णांक घातें (Positive Integer Powers) होती हैं। यह गणित के प्रमुख विषयों में से एक है और इसका उपयोग विज्ञान, इंजीनियरिंग, सांख्यिकी और वित्त में किया जाता है।
बहुपद की परिभाषा
बहुपद वह अभिव्यक्ति है जिसे निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है:
P(x)=anxn+an−1xn−1+⋯+a1x+a0P(x) = a_n x^n + a_{n-1} x^{n-1} + \dots + a_1 x + a_0
जहाँ:
- a0,a1,…,ana_0, a_1, \dots, a_n वास्तविक या जटिल संख्या (coefficients) हैं,
- xx एक चर है,
- nn बहुपद की अधिकतम घात (degree) है।
बहुपद के प्रकार
बहुपद को उनके घात और रूप के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- शून्य बहुपद (Zero Polynomial): वह बहुपद जिसमें सभी गुणांक शून्य होते हैं। इसे P(x)=0P(x) = 0 लिखा जाता है। इसकी डिग्री अपरिभाषित मानी जाती है।
- सामान्य बहुपद (Non-Zero Polynomial): वह बहुपद जिसमें कम से कम एक गुणांक शून्य नहीं होता।
- डिग्री के आधार पर वर्गीकरण:
- स्थिरांक बहुपद (Constant Polynomial): डिग्री 0 का बहुपद। जैसे P(x)=5P(x) = 5।
- रैखिक बहुपद (Linear Polynomial): डिग्री 1 का बहुपद। जैसे P(x)=2x+3P(x) = 2x + 3।
- द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomial): डिग्री 2 का बहुपद। जैसे P(x)=x2+2x+1P(x) = x^2 + 2x + 1।
- घन बहुपद (Cubic Polynomial): डिग्री 3 का बहुपद। जैसे P(x)=x3−x+2P(x) = x^3 – x + 2।
- उच्च डिग्री के बहुपद (Higher-Degree Polynomials): डिग्री 4 या उससे अधिक। जैसे P(x)=x4+2×3−x+5P(x) = x^4 + 2x^3 – x + 5।
- अवकल और अवकलांक (Monomial, Binomial, Trinomial):
- अवकल (Monomial): केवल एक पद का बहुपद। जैसे P(x)=5x3P(x) = 5x^3।
- द्विपद (Binomial): दो पदों का बहुपद। जैसे P(x)=x2+3xP(x) = x^2 + 3x।
- त्रिपद (Trinomial): तीन पदों का बहुपद। जैसे P(x)=x3+2×2−xP(x) = x^3 + 2x^2 – x।
बहुपद के गुण
- घात (Degree): बहुपद का सबसे बड़ा घात उसकी डिग्री कहलाता है। जैसे P(x)=x3+2×2−x+1P(x) = x^3 + 2x^2 – x + 1 में डिग्री 3 है।
- गुणांक (Coefficients): बहुपद के प्रत्येक पद में चर के साथ जुड़ी संख्या गुणांक कहलाती है। जैसे P(x)=2×2+3x+5P(x) = 2x^2 + 3x + 5 में 2,3,2, 3, और 55 गुणांक हैं।
- मूल (Roots or Zeros): किसी बहुपद P(x)P(x) के मूल वे मान हैं जहाँ P(x)=0P(x) = 0 होता है। जैसे, P(x)=x2−4P(x) = x^2 – 4 के मूल x=2x = 2 और x=−2x = -2 हैं।
- प्राकृतिक रूप (Standard Form): बहुपद को घटते क्रम में व्यवस्थित करते हुए प्राकृतिक रूप में लिखा जाता है। जैसे, P(x)=3+x3−4x2P(x) = 3 + x^3 – 4x^2 को P(x)=x3−4×2+3P(x) = x^3 – 4x^2 + 3 लिखा जाएगा।
बहुपद में संक्रियाएँ
- जोड़ (Addition): दो बहुपदों के समान घात वाले पदों को जोड़ने पर नया बहुपद प्राप्त होता है।
उदाहरण:
यदि P(x)=3×2+2x+5P(x) = 3x^2 + 2x + 5 और Q(x)=x2−x+4Q(x) = x^2 – x + 4, तोP(x)+Q(x)=(3×2+x2)+(2x−x)+(5+4)=4×2+x+9P(x) + Q(x) = (3x^2 + x^2) + (2x – x) + (5 + 4) = 4x^2 + x + 9
- घटाव (Subtraction): समान घात वाले पदों को घटाने पर नया बहुपद प्राप्त होता है।
उदाहरण:P(x)−Q(x)=(3×2−x2)+(2x+x)+(5−4)=2×2+3x+1P(x) – Q(x) = (3x^2 – x^2) + (2x + x) + (5 – 4) = 2x^2 + 3x + 1
- गुणा (Multiplication): दो बहुपदों को गुणा करने पर नया बहुपद प्राप्त होता है।
उदाहरण:
P(x)=x+2,Q(x)=x−3P(x) = x + 2, Q(x) = x – 3,P(x)⋅Q(x)=(x+2)(x−3)=x2−3x+2x−6=x2−x−6P(x) \cdot Q(x) = (x + 2)(x – 3) = x^2 – 3x + 2x – 6 = x^2 – x – 6
- भागफल (Division): किसी बहुपद को दूसरे बहुपद से विभाजित करने पर भागफल और शेषफल प्राप्त होते हैं।
उदाहरण:
P(x)=x2−4,Q(x)=x−2P(x) = x^2 – 4, Q(x) = x – 2,P(x)Q(x)=x+2\frac{P(x)}{Q(x)} = x + 2
बहुपद प्रमेय (Polynomial Theorems)
- शून्य प्रमेय (Remainder Theorem): यदि किसी बहुपद P(x)P(x) को x−ax – a से विभाजित किया जाए, तो शेषफल P(a)P(a) के बराबर होता है।
उदाहरण: P(x)=x2−3x+2P(x) = x^2 – 3x + 2 को x−2x – 2 से विभाजित करें।शेषफल=P(2)=22−3(2)+2=0शेषफल = P(2) = 2^2 – 3(2) + 2 = 0
- घातांक प्रमेय (Factor Theorem): यदि P(a)=0P(a) = 0, तो x−ax – a बहुपद P(x)P(x) का एक गुणक है।
बहुपद का अनुप्रयोग
- विज्ञान में: विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं को मॉडल करने में।
- इंजीनियरिंग में: डिज़ाइन और सिग्नल प्रोसेसिंग में।
- आर्थिक मॉडलिंग: स्टॉक मार्केट विश्लेषण में।
- गणितीय समीकरणों के हल: अवकलन और एकीकरण के माध्यम से।
बहुपद का ग्राफ
बहुपद का ग्राफ एक चिकना वक्र होता है। डिग्री के आधार पर ग्राफ का स्वरूप भिन्न होता है।
- डिग्री 1: एक सीधी रेखा।
- डिग्री 2: एक परवलय (Parabola)।
- डिग्री 3 और अधिक: वक्राकार।
निष्कर्ष
बहुपद गणित का आधारभूत विषय है, जो संख्याओं, चर और घातों की परस्पर क्रिया को समझने में मदद करता है। यह विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी होता है, चाहे वह शिक्षा हो, विज्ञान हो, या तकनीकी अनुसंधान। बहुपद की विस्तृत समझ और उनका सही उपयोग हमें विभिन्न गणितीय और वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाता है।