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अध्याय-1: भारत आकार और स्थिति

अध्याय-1: भारत आकार और स्थिति

भारत आकार और स्थिति

भारत आकार और स्थिति

भारत आकार और स्थिति, भारत (India) विश्व के सबसे प्राचीन देशों में से एक है और इसके भौगोलिक स्वरूप और स्थिति ने इसे विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है। भारत का भूगोलिक स्थान, आकार और विस्तार न केवल देश के सांस्कृतिक और सामाजिक विकास को प्रभावित करता है, बल्कि आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में भी इसकी विशेष भूमिका है।


भारत की स्थिति

1. भौगोलिक स्थिति

  • भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित है।
  • भारत का मुख्य भाग उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।
  • इसका विस्तार 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश और 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच है।
  • कर्क रेखा (Tropic of Cancer) 23°30′ उत्तरी अक्षांश भारत के मध्य से गुजरती है, जो इसे लगभग दो बराबर भागों में बाँटती है।
  • भारत का समय देश के 82°30′ पूर्वी देशांतर के आधार पर निर्धारित किया गया है, जिसे भारतीय मानक समय (IST) कहा जाता है। यह रेखा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के निकट से गुजरती है।

2. विस्तार और समय का प्रभाव

  • भारत का विस्तार पश्चिम से पूर्व की ओर लगभग 30° देशांतर तक है।
  • समय की दृष्टि से, 1° देशांतर के बीच का अंतर लगभग 4 मिनट होता है। अतः भारत के पश्चिमी और पूर्वी छोर के समय में लगभग 2 घंटे का अंतर होता है।
  • भारत का पूर्वी भाग जैसे अरुणाचल प्रदेश में सूर्य जल्दी उगता है जबकि पश्चिमी भाग जैसे गुजरात में सूर्य देर से उगता है।
  • समय की इस भिन्नता को दूर करने के लिए पूरे देश में एक ही समय, भारतीय मानक समय (IST), अपनाया गया है।

भारत आकार और स्थिति

1. क्षेत्रफल

  • भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है।
  • यह एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा देश है।

2. भारत की सीमाएँ

  • भारत की कुल भूमि सीमा लगभग 15,200 किलोमीटर है।
  • भारत की तटीय सीमा लगभग 7,516.6 किलोमीटर लंबी है, जिसमें द्वीप समूहों की तटरेखा भी शामिल है।
  • भारत के उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान और अफगानिस्तान, उत्तर में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में म्यांमार और बांग्लादेश हैं।
  • दक्षिण में हिन्द महासागर भारत को श्रीलंका और मालदीव से अलग करता है।
  • श्रीलंका और भारत के बीच “पाक जलडमरूमध्य” (Palk Strait) और “मन्नार की खाड़ी” (Gulf of Mannar) स्थित है।

3. द्वीप समूह

  • भारत के दो मुख्य द्वीप समूह हैं:
    1. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह – यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
    2. लक्षद्वीप द्वीप समूह – यह अरब सागर में स्थित है।

भारत की भौगोलिक विविधता-भारत आकार और स्थिति

भारत का आकार और स्थिति इसे भौगोलिक दृष्टि से विविध बनाते हैं। यहाँ हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखलाएँ, विशाल मैदान, रेगिस्तान, पठार, और तटीय क्षेत्रों की अद्भुत विविधता पाई जाती है।

1. उत्तर में हिमालय

  • भारत के उत्तरी भाग में हिमालय पर्वत स्थित है, जो भारत की प्राकृतिक सीमा का निर्माण करता है।
  • हिमालय न केवल भारत को उत्तर दिशा से सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि जलवायु को भी नियंत्रित करता है।
  • यह भारत की नदियों का प्रमुख स्रोत है।

2. उत्तरी मैदानी क्षेत्र

  • हिमालय से निकलने वाली नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु भारत के उत्तरी मैदानों का निर्माण करती हैं।
  • यह क्षेत्र अत्यंत उपजाऊ है और यहाँ कृषि प्रमुख रूप से की जाती है।

3. प्रायद्वीपीय पठार

  • भारत के दक्षिणी भाग में प्रायद्वीपीय पठार स्थित है।
  • यह क्षेत्र कर्क रेखा के दक्षिण में है और इसमें विंध्य, सतपुड़ा, और अरावली पर्वत शामिल हैं।
  • यह पठारी क्षेत्र खनिज संसाधनों में समृद्ध है।

4. तटीय मैदान और द्वीप समूह

  • भारत के पश्चिमी तट पर कोंकण तट और मालाबार तट तथा पूर्वी तट पर कोरोमंडल तट स्थित है।
  • ये तटीय क्षेत्र व्यापार, मछली पालन और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं।

भारत का सामरिक महत्त्व-भारत आकार और स्थिति

1. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भूमिका

  • भारत की स्थिति इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाती है।
  • भारत के पश्चिम में अरब सागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी इसे जल परिवहन के लिए अनुकूल बनाते हैं।
  • प्राचीन समय से ही भारत जलमार्गों के माध्यम से यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अन्य देशों से जुड़ा हुआ था।

2. दक्षिण एशिया में प्रमुख स्थान

  • भारत दक्षिण एशिया में अपनी केंद्रीय स्थिति के कारण प्रमुख भूमिका निभाता है।
  • यह देश एशिया के कई देशों के बीच सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक आदान-प्रदान का केंद्र है।

3. महासागरीय संपर्क

  • दक्षिण में हिन्द महासागर भारत को कई देशों जैसे श्रीलंका, मालदीव, और इंडोनेशिया से जोड़ता है।
  • यह महासागर व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग प्रदान करता है।

निष्कर्ष-भारत आकार और स्थिति

भारत का आकार और स्थिति इसे विश्व मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान प्रदान करते हैं। भारत का भौगोलिक विस्तार, इसके प्राकृतिक संसाधन और इसकी रणनीतिक स्थिति देश के विकास और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में इसे महत्वपूर्ण बनाते हैं।

भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित हिमालय, विशाल मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, तटीय क्षेत्र और द्वीप समूह इसके भौगोलिक स्वरूप को अत्यंत विविध बनाते हैं। यह विविधता भारत की जलवायु, संसाधन, संस्कृति और जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डालती है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार, सांस्कृतिक विरासत और सामरिक महत्त्व के कारण भारत विश्व के देशों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी अद्वितीय स्थिति और विशाल भौगोलिक विस्तार इसे वैश्विक मंच पर विशेष पहचान दिलाते हैं।


मुख्य बिंदु:- भारत आकार और स्थिति

  1. भारत का विस्तार: 8°4′ से 37°6′ उत्तरी अक्षांश और 68°7′ से 97°25′ पूर्वी देशांतर।
  2. कर्क रेखा भारत के मध्य से गुजरती है।
  3. क्षेत्रफल: 32,87,263 वर्ग किलोमीटर।
  4. प्राकृतिक सीमाएँ: हिमालय, तटीय क्षेत्र और महासागर।
  5. सामरिक महत्त्व: भारत की स्थिति अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए लाभदायक है।

 

प्रश्न 1- निम्नलिखित चार उत्तरों में से उपयुक्त उत्तर चुनिए:

(i) कर्क रेखा किस राज्य से नहीं गुजरती है?

(क) राजस्थान

(ख) उड़ीसा

(ग) छत्तीसगढ़

(घ) त्रिपुरा

उत्तर – उड़ीसा

(ii) भारत का सबसे पूर्वी देशांतर कौन – सा है?

(क) 97°25’ पू०

(ख) 77°6’पू०

(ग) 68°7’पू०

(घ) 82°32’पू०

उत्तर – 97°25’ पू०

(iii) उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमाएं किस देश को छूती हैं?

क. चीन

ख. भूटान

ग. नेपाल

घ. म्यांमार

उत्तर – नेपाल

(iv) ग्रीष्मावकाश में आप यदि कवरत्ती जाना चाहते हैं तो किस केंद्र शासित क्षेत्र में जाएंगे?

क. पांडुचेरी

ख. लक्षद्वीप

ग. अंडमान और निकोबार

घ. दीव और दमन

उत्तर –  लक्षद्वीप

(v) मेरे मित्र एक ऐसे देश के निवासी हैं जिस देश की सीमा भारत के साथ नहीं लगती है। आप बताइए, वह कौन – सा देश है?

क. भूटान

ख. ताजिकिस्तान

ग. बांग्लादेश

घ.  नेपाल

उत्तर –  ताजिकिस्तान

 प्रश्न – 2. निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए:

(i) अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह के नाम बताइए। दक्षिण में कौन-कौन से द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं?

उत्तर – अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह है। दक्षिण में श्रीलंका तथा मालदीव द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं।

(ii) उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं?

उत्तर – रूस, कनाडा, अमेरिका, चीन, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया ये देश क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं।

(iii) हमारे उत्तर – पश्चिमी, उत्तरी तथा उत्तरी- पूर्वी पड़ोसी देशों के नाम बताइए।

उत्तर – भारत की भूमि की सीमाएं उत्तर – पश्चिमी देशों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान के साथ, उत्तरी में चीन, नेपाल, भूटान, तथा उत्तर – पूर्वी पड़ोसी देशों में म्यांमार व बांग्लादेश आते हैं।

(iv) भारत में किन – किन राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है, उनके नाम बताइए।

उत्तर –  भारत में कर्क रेखा निम्नलिखित राज्यों से होकर गुजरती है :- गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम।

प्रश्न 3– सूर्यदय अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घंटे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – गुजरात से अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय समय में 2 घंटे का अंतर है, अतः 82°32’ पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर माना गया है जो कि उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर से गुजरती है। आकांक्षा का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की ओर, दिन और रात की अवधि पर पड़ता हैं।

प्रश्न 4– हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय स्थिति से इसे किस प्रकार लाभ प्राप्त हुआ?

उत्तर – भारतीय भूखंड एशिया महाद्वीप के पूर्व और पश्चिम के मध्य में स्थित है। भारतीय भूभाग एशिया महाद्वीप का दक्षिणी विस्तार है। हिंदी महासागर जो कि पश्चिम में यूरोपीय देशों और पूर्वी एशियाई देशों को मिलता है, भारत को केंद्रीय स्थिति प्रदान करता है।

लाभ 

1. दक्षिण का पठार हिंद महासागर में शीर्षक फैला हुआ है और पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों के साथ-साथ पूर्वी एशिया के देशों से भी पूर्वी तट के माध्यम से निकटतम संबंध बनाए हुए हैं।

2. हिंद महासागर में किसी भी देश की तटीय सीमा भारत जैसी नहीं है। भारत की किसी महत्वपूर्ण स्थिति के कारण एक महासागर का नाम इसके नाम पर रखा गया है।

3. भारत का विश्व के देशों के साथ संपर्क युगो पुराना है। परंतु यह संबंध समुद्री जलमार्ग की अपेक्षा  भूभागों से होकर था।

4. उत्तरी पर्वतों के दरों से अनेक यात्री प्राचीन काल में भारत आए।

5. इन मार्गो से प्राचीन समय से विचारों और वस्तुओं का आदान प्रदान होता रहा है।

6. भारत का पश्चिम – मध्य और पूर्वी एशिया तथा दक्षिणी एशिया के पड़ोसी देशों के साथ एक अद्भुत संपर्क रहा है।

7. मसाले, मलमल आदि कपड़े तथा व्यापार के अन्य सामान भारत से विभिन्न देशों के लिए ले जाए जाते थे।

8. पश्चिमी एशिया की वस्तुकला के प्रतीक मीनारों तथा गुंबदों का प्रभाव हमारे देशों के विभिन्न भागों में देखा गया।

 

अध्याय-2: भारत का भौतिक स्वरूप

 

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