12th Econimics

अध्याय-8: भारत और इसके पडोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव

भारत और इसके पडोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव

भारत

 

भारत और इसके पडोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव

भारत, पाकिस्तान और चीन का विकास पथ

  • तीनों देशों ने लगभग एक ही समय में विकास पथ की ओर बढ़ना शुरू किया। भारत और पाकिस्तान सन् 1947 में स्वतंत्रता हुए जबकि चीन गणराज्य की स्थापना सन् 1949 में हुई। 
  • तीनों देशों ने एक ही प्रकार से अपनी विकास नीतियाँ तैयार करना शुरू किया था। 
  • भारत ने सन् 1951 में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की, पाकिस्तान ने सन् 1956 में तथा चीन ने 1953 में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की। 
  • भारत और पाकिस्तान ने समान नीतियाँ अपनाई जैसे वृहत् सार्वजनिक क्षेत्रक का सृजन और सामाजिक विकास पर सार्वजनिक व्यय। 
  • भारत और पाकिस्तान दोनों ने मिश्रित अर्थव्यवस्था के प्रारूप को अपनाया जबकि चीन ने आर्थिक संवृद्धि के निर्देशित अर्थव्यवस्था प्रारूप को अपनाया। 
  • 1980 तक सभी तीनों देशों में संवृद्धि दर और प्रति व्यक्ति आय लगभग समान थी। आर्थिक सुधार चीन में 1978 में पाकिस्तान में 1988 में और भारत में 1991 में लाभ किये गये। 

चीन में विकास रणनीतियां

  • एकदलीय शासन के अंतर्गत चीनी गणराज्य की स्थापना के बाद अर्थव्यवस्था के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रकों, उद्यमों तथा भूमि, जिनका स्वामित्व संचालन व्यक्तियों द्वारा किया जाता था, को सरकारी नियंत्रण में लाया गया है। 
  • सन् 1958 में द ग्रेट लीप फॉरवड नामक अभियान शुरू किया गया जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगीकरण करना था। इस अभियान के अंतर्गत लोगों को अपने लोगों को अपने घरों के पिछवाड़े में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
  • सन् 1965 में, माओत्से तुंग ने ‘ महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति ‘ का आरम्भ किया। इसके अन्तर्गत छात्रों और विशेषज्ञों को ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने और अध्ययन करने के लिए भेजा गया। 
  • ग्रामीण क्षेत्रों में कम्यून प्रकृति से खेती प्रारंभ की गई। इसके अन्तर्गत लोग सामूहिक रूप से खेती करते थे।
  • सुधार प्रक्रिया में ‘ दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति लागू की गई। इसका अर्थ है कि कीमत का निर्धारण दो तरीके से किया जाता था। किसानों और औद्योगिक इकाइयों से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे सरकार द्वारा निर्धारित मात्राएं खरीदेंगें और बेचेंगें और शेष वस्तुएं बाजार कीमतों पर खरीदी बेची जाती थी। 
  • विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किए गये। ऐसे भौगोलिक क्षेत्र जिनमें विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के ध्येय से देश के सामान्य आर्थिक कानूनों को पूर्णतः लागू नहीं किया जाता विशेष आर्थिक क्षेत्र कहलाते हैं।

पाकिस्तान में विकास रणनितियां

  • पाकिस्तान ने सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के सह – अस्तित्व वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था प्रणाली को अपनाया। 
  • पाकिस्तान ने उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण के लिए प्रशुल्क संरक्षण तथा प्रतिस्पर्धी आयातों पर प्रत्यक्ष आयात नियंत्रण की नीतियां अपनाई। 
  • हरितक्रान्ति के आगमन ने और चुनिंदा क्षेत्रों की आधारिक संरचना में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि से खाद्यानों के उत्पादन में वृद्धि की।
  • सन् 1970 के दशक में पूंजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
  • 1988 में संरचनात्मक आर्थिक सुधार लागू किये गए। मुख्य जोर निजी क्षेत्रक। को प्रोत्साहन देना था।

भारत में विकास रणनितियां

स्वतंत्रता के बाद, भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को आर्थिक विकास रणनीति के रूप में अपनाया है।  दोनों सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ-साथ मौजूद हैं।  तीव्र आर्थिक विकास को प्राप्त करने के लिए, नियोजित विकास अर्थव्यवस्था की शुरुआत की गई।

आजादी के बाद की आर्थिक विकास रणनीति

  • सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को व्यावसायिक गतिविधियों को करने के लिए आवंटित किया गया था। सार्वजनिक क्षेत्र को कोयला, खनन, इस्पात, बिजली, सड़क आदि गतिविधियों का आवंटन किया गया था। निजी क्षेत्र को कानून के रूप में नियंत्रण और नियमों के अधीन उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित किया गया था।
  • सार्वजनिक क्षेत्र को सरकार द्वारा प्रमुख धक्का दिया गया।  इस क्षेत्र में अधिकतम राजस्व का निवेश किया गया था जो रुपये से बढ़ गया था। प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56) में 81.1 करोड़ रुपये से नौवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97) में  34,206 करोड़ रुपये।
  • गरीबी, बेरोजगारी आदि को समाप्त करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र को महत्व दिया गया।
  • सार्वजनिक क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था के औद्योगिकीकरण में योगदान दिया।  इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी हद तक आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद की।

तुलनात्मक अध्ययन भारत, पाकिस्तान और चीन

जनांकिकीय संकेतक :-

  • पाकिस्तान की जनसंख्या बहुत कम है और वह भारत या चीन की जनसंख्या का लगभग दसवां भाग है।
  • यद्यपि इन तीनों देशों में चीन सबसे बड़ा राष्ट्र है तथापि इसका जनसंख्या घनत्व सबसे कम है। पाकिस्तान में जनसंख्या वृद्धि सबसे अधिक है इसके बाद भारत और चीन का स्थान है।
  • चीन में जनसंख्या की निम्न वृद्धि दर का कारण 1970 के दशक में अंत में लागू की गई केवल एक संतान नीति है। परंतु इसके कारण लिंगानुपात (अर्थात प्रति 1000 पुरूषों पर महिलाओं का अनुपात) में गिरावट आई। 
  • तीनों देशों में लिंगानुपात महिलाओं के पक्ष में कम है। इसका मुख्य कारण तीनों देशों में पुत्र प्राप्ति की प्रबल इच्छा है। 
  • चीन में प्रजनन दर बहुत कम है जबकि पाकिस्तान में बहुत अधिक है। 
  • नगरीकरण चीन और पाकिस्तान दोनों में अधिक है जबकि भारत में नगरीकरण (अर्थात् शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या का प्रतिशत) 28 प्रतिशत है।

सकल देशी उत्पाद (GDP) और क्षेत्रक :-

  • 2013 में अनुमानित चीन का सकल देशीय उत्पादन 9.24 ट्रिलीयन डॉलर था जबकि भारत और पाकिस्तान का क्रमश : 1 . 877 ट्रिलियन अमेरिकन डालर तथा 232 . 3 विलियम अमेरिकी डालर होने का अनुमान था। 
  • विकास प्रक्रिया के इस पथ पर इतने वर्षों में चीन की औसत वार्षिक वृद्धि लगभग 9 . 5 % भारत की लगभग 5 . 8 % तथा पाकिस्तान की लगभग 4 . 1 % रही है। 
  • वर्ष 2011 में चीन में लगभग 37 प्रतिशत कार्यबल कृषि में लगा हुआ था जिसका सकल देशीय उत्पाद में योगदान 9 प्रतिशत के लगभग था। भारत और पाकिस्तान मे जीडीपी में कृषि का योगदान क्रमशः 14 % व 25 % लगभग थौ परन्तु पाकिस्तान में इस क्षेत्रक में 43 प्रतिशत लोग कार्यरत हैं जबकि भारत में 49 प्रतिशत लोग इस क्षेत्रक (अर्थात कृषि) में संलग्न है। 
  • चीन में सकल देशीय उत्पाद में सर्वाधिक योगदान विनिर्माण क्षेत्र का है।
  • जबकि भारत और पाकिस्तान में सकल देशीय उत्पाद में सर्वाधिक योगदान (50 प्रतिशत से अधिक) सेवा क्षेत्रक का है।
  • यद्यपि चीन ने परम्परागत नीति को अपनाया जिसमें क्रमशः कृषि से विनिर्माण तथा उसके बाद सेवा क्षेत्र की ओर अवसर होने की प्रवृति थी। परन्तु भारत और पाकिस्तान सीधे कृषि क्षेत्रांक से सेवा क्षेत्रांक की ओर चले गए। 
  • 1980 के दशक में भारत, चीन और पाकिस्तान में सेवा क्षेत्रांक में क्रमशः 17 . 12, और 27 प्रतिशत कार्यबल लगा हुआ था। वर्ष 2011 में यह बढ़कर क्रमशः 31, 37 और 35 प्रतिशत लगभग हो गया है।
  • चीन की आर्थिक संवृद्धि का मुख्य आधार विनिर्माण क्षेत्रांक है जबकि भारत और पाकिस्तान की संवृद्धि का मुख्य आधार सेवा क्षेत्रांक है। 

मानव विकास संकेतक

  • मानव विकास के अधिकांश क्षेत्रों में चीन ने भारत और पाकिस्तान की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह बात अनेक संकेतकों के विषय में सही है, जैसे प्रति व्यक्ति जी . डी . पी . निर्धनता रेखा से नीचे की जनसंख्या का प्रतिशत तथा स्वास्थ्य संकेतक जैसे मृत्युदर, स्वच्छता, साक्षरता तक पहुंच, जीवन प्रत्याशा अथवा कुपोषण। 
  • पाकिस्तान गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का अनुपात कम करने में भारत से आगे है। स्वच्छता और उत्तम जल स्रोत तक पहुंच के मामलों में इसका निष्पादन भारत से बेहतर है।
  • इसके विपरीत भारत में शिक्षा में निवेश का रिकार्ड व प्रदर्शन पाकिस्तान से बेहतर है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में भी भारत पाकिस्तान से आगे है। 
  • भारत और पाकिस्तान उत्तम जल स्रोत उपलब्ध कराने में चीन से आगे है।

निष्कर्ष

भारत :-

लोकतांत्रिक संस्थाओं सहित भारत का निष्पादन साधारण रहा है। यह बात अग्रलिखित तथ्यों से स्पष्ट है :-

  • अधिकांश जनसंख्या आज भी कृषि पर निर्भर है।
  • अनेक भागों में आधारिक संरचना का अभाव है।
  • आज लगभग 22 % जनसंख्या निर्धनता रेखा से नीचे है जिसे ऊपर उठाने की आवश्यकता है।

पाकिस्तान :-

पाकिस्तान का निष्पादन बहुत खराब रहा है। पाकिस्तान की संवृद्धि कमी और निर्धरता में पुनः वृद्धि के कारण अग्रलिखित है :-

  • राजनीतिक अस्थिरता।
  • कृषि क्षेत्रांक का अस्थिर निष्पादन।
  • प्रेषणों और विदेशी अनुदानों पर अत्यधिक निर्भरता।
  • एक तरफ विदेशी ऋणों पर बढ़ती निर्भरता तो दूसरी ओर पुराने ऋणों को चुकाने में बढ़ती कठिनाई।

चीन :-

  • चीन का निष्पादन सर्वोतम रहा है। यह बात अग्रलिखित तथ्यों से स्पष्ट 
  • निर्धनता निवारण के साथ – साथ संवृद्धि दर को बढ़ाने में सफलता।
  • अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता को खोये बिना, बाजार व्यवस्था का प्रयोग अतिरिक्त सामाजिक आर्थिक सुअवसरों के लिए किया है।
  • सामुदायित्व भू – स्वामित्व को कायम रखते हुए और लोगों को भूमि पर कृषि की अनुमति देकर चीन ने ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कर दी है।
  • सामाजिक आधारिक संरचना उपलब्ध कराने में सरकारी हस्तक्षेप द्वारा मानव विकास संकेतकों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।

भारत

NCERT SOLUTIONS   अभ्यास (पृष्ठ संख्या 201-202)

प्रश्न 1 क्षेत्रीय और आर्थिक समूहों के बनने के कारण दीजिए।

उत्तर- सभी राष्ट्र अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रकार के क्षेत्रीय और वैश्विक समूहों का निर्माण करते रहे हैं जैसे कि सार्क, यूरोपियन संघ, ब्रिक्स, आसियान, जी-8, जी-20 ब्रिक्स आदि। विभिन्न राष्ट्र इस बात के लिए उत्सुक रहे हैं कि वे अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करें। इससे उन्हें अपने पड़ोसी देशों की शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। इसे विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए आवश्यक समझा गया, क्योंकि वे अपेक्षाकृत सीमित स्थान में न केवल विकसित देशों द्वारा प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, बल्कि आपसी प्रतिस्पर्धा का भी।

प्रश्न 2 वे विभिन्न साधन कौन-से हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने का प्रयत्न कर रहे हैं?

उत्तर- विभिन्न देश अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को निम्न साधनों से मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं-

  1. विभिन्न प्रकार के क्षेत्रीय एवं वैश्विक आर्थिक समूहों का निर्माण करके जैसे सार्क (SAARC), आसियान (ASEAN), जी-8 (G-8), यूरोपीय संघ (EU) आदि।
  2. अपनी अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधारों को अपनाकर अर्थात् वैश्वीकरण की प्रक्रिया को अपनाकर।
  3. अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझकर।
  4. अपने पड़ोसी देशों की शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझकर।
  5. वैश्वीकरण के प्रभावों का आकलन करके।

प्रश्न 3 वे समान विकासात्मक नीतियाँ कौन-सी हैं जिनका कि भारत और पकिस्तान ने अपने-अपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है?

उत्तर- भारत और पकिस्तान ने निम्नलिखित समान विकासात्मक नीतियों का पालन किया है-

  • भारत और पाकिस्तान दोनों ने 1947 में अपनी आजादी के तुरंत बाद आर्थिक योजना के आधार पर विकास कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
  • विकास और विकास की प्रक्रिया शुरू करने के लिए दोनों देश सार्वजनिक क्षेत्र पर भरोसा करते हैं।
  • दोनों देशों ने सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रकों के सह-अस्तित्व वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल का अनुसरण किया है।
  • दोनों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए एक ही समय आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।

प्रश्न 4 1958 में प्रारम्भ की गई चीन के ग्रेट लीप फॉरवर्ड अभियान की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- ‘महान् प्रगति उछाल’ (Great Leap Forward: GLF) 1958 ई. में चीन में आरम्भ किया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगीकरण करना था। इस अभियान के अन्तर्गत सरकार ने एक ऐसी सामाजिक जागृति को प्रोत्साहित किया जिसके द्वारा लोग औद्योगीकरण (उद्योगों की स्थापना) की ओर आकर्षित हुए। इसके अन्तर्गत लोगों को अपने घरों के पिछवाड़े खाली स्थानों पर उद्योग लगाने को प्रोत्साहित किया गया। इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित थे।

  1. समष्टि स्तर पर औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करना।
  2. लोगों को अपने घरों के पिछवाड़े, खाली स्थानों पर उद्योग लगाने को प्रोत्साहित करना।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक खेती’ (commune) को प्रोत्साहित करना।

‘लेप लीप फॉरवर्ड’ अभियान को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। इनमें प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित थीं-

  1. भयंकर सूखे ने चीन में तबाही मचा दी। इसमें लगभग 3 करोड़ लोग मारे गए।
  2. रूस और चीन के मध्य संघर्ष हो गया और रूस ने अपने उन सभी विशेषज्ञों को वापस बुला लिया जिन्हें औद्योगीकरण की प्रक्रिया के लिए सहायता करने के लिए चीन भेजा गया था।

प्रश्न 5 चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- हाँ, चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। चीन में सुधार चरणों में शुरू किया गया। प्रारंभिक चरण में कृषि, विदेशी व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किये गये। उदाहरण के लिए, कृषि क्षेत्रक में कम्यून भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में बाँट दिया गया जिन्हें अलग-अलग परिवारों को आवंटित किया गया। वे प्रकल्पित कर देने के बाद भूमि से होने वाली समस्त आय को अपने पास रख सकते थे। बाद के चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार आरंभ किये गये। सामान्य, नगरीय तथा ग्रामीण उद्यमों को निजी क्षेत्रक को उन फर्मो को वस्तुएँ उत्पादित करने को अनुमति थी, जो स्थानीय लोगों के स्वामित्व और संचालन के अधीन थे। इस अवस्था में उद्यमों को जिन पर सरकार का स्वामित्व था, और जिन्हें हम भारत में सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यम कहते हैं। उनकी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। सुधार प्रक्रिया में दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति लागू थी। इसका अर्थ यह है कि कीमत का निर्धारण दो प्रकार से किया जाता था। किसानों और औद्योगिक इकाइयों से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे सरकार द्वारा निर्धारित की गई कीमतों के आधार पर आगतों एवं निर्गतों की निर्धारित मात्राएँ खरीदेंगे और बेचेंगे और शेष वस्तुएँ बाजार कीमतों पर खरीदी और बेची जाती थी। गत वर्षों के दौरान उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ बाजार में बेची और खरीदी गई वस्तुओं या आगतों के अनुमान में भी वृद्धि हुई। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किये गये। इसलिए, चीन में तेजी से औद्योगिक विकास इसके आर्थिक सुधारों के विभिन्न चरणों की सफलता के कारण है।

प्रश्न 6 पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए की गई विकासात्मक पहलों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए की गई विभिन्न विकासात्मक पहले निम्नलिखित हैं-

  1. पाकिस्तान ने ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया जिसमें सार्वजनिक व निजी क्षेत्रक मिलकर काम करते हैं। दोनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं।
  2. 1950 और 1960 के दशकों में अन्त में पाकिस्तान ने अनेक प्रकार के नियन्त्रण लगाए।
  • औद्योगिक विकास के लिए आयात प्रतिस्थापन की नीति को अफ्नाया।
  • उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण को संरक्षण देने के लिए प्रशुल्क लगाए।
  • प्रतिस्पर्धा आयातों पर आयात-नियन्त्रण लगाए।
  • चुनिन्दा क्षेत्रों की आधारिक संरचना में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि की।
  • 1970 ई. के दशक में प्रमुख पूँजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया।
  • कृषि क्षेत्र में हरित क्रान्ति को प्रोत्साहन दिया।
  • 1970 और 1980 के दशकों के अन्त में अ-राष्ट्रीयकरण की नीति अपनाई और निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित किया।
  • 1988 ई. में देश में आर्थिक सुधार लागू किए गए।

प्रश्न 7 चीन में ‘एक संतान’ नीति का महत्वपूर्ण निहितार्थ क्या है?

उत्तर- चीन में ‘एक संतान नीति’ का महत्वपूर्ण निहितार्थ जनसंख्या की कम वृद्धि है। इसके कारण लिंगानुपात (प्रत्येक एक हजार पुरूषों में महिलाओं का अनुपात) में गिरावट आई। कुछ दशकों के बाद चीन में वयोवृद्ध लोगों की जनसंख्या का अनुपात युवा लोगों की अपेक्षा अधिक होगा। इसके कारण, चीन को प्रत्येक दंपत्ति को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति देनी पड़ी।

प्रश्न 8 चीन, पकिस्तान और भारत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों का उल्लेख कीजिए।

देश अनुमानित जनसंख्या (मिलियन में) (2015) जनसंख्या की वार्षिक संवृद्धि 

(2015)

जनसंख्या का घनत्व

(प्रति वर्ग कि.मी.)

लिंग अनुपात 

(2015)

प्रजनन दर

(2014)

नगरीकरण 

(2015)

भारत 1311 1.2 441 929 2.4 33
चीन 1371 0.5 146 941 1.6 56
पाकिस्तान 188 2.1 245 947 3.6 39

उत्तर- दिए गए आंकड़ों से यह पता चलता है-

  • चीन की जनसंख्या सबसे अधिक है जिसके बाद भारत का स्थान आता है। पकिस्तान की जनसंख्या बहुत कम है और वह चीन या भारत की जनसंख्या का लगभग दसवाँ भाग है।
  • इन तीनों देश में चीन सबसे बड़ा राष्ट्र है तथापि इसका जनसंख्या का घनत्व सबसे कम है और भौगोलिक रूप से इसका क्षेत्र सबसे बड़ा है।
  • पाकिस्तान में जनसंख्या की वृद्धि सबसे अधिक है, उसके बाद भारत और चीन का स्थान है। चीन में जनसंख्या की कम वृद्धि का कारण उसके द्वारा अपनाई गई ‘एक संतान नीति’ है।
  • तीनो देशों में लिंगानुपात कम और पक्षपातपूर्ण है।
  • चीन में प्रजनन दर भी बहुत कम है तथा पाकिस्तान में बहुत अधिक है।
  • चीन में पकिस्तान और भारत की तुलना में नगरीकरण अधिक है। भारत में नगरीय क्षेत्रों में 33% लोग ही रहते हैं।

प्रश्न 9 मानव विकास के विभिन्न संकेतकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- मानव विकास के विभिन्न संकेतक निम्नलिखित हैं-

  1. प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद।
  2. निर्धनता रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोग।
  3. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा।
  4. प्रौढ़ साक्षरता दरें (15 वर्ष और अधिक आयु)।
  5. सामान्य साक्षरता दर।
  6. शिशु मृत्यु-दर।
  7. मातृत्व मृत्यु-दर।
  8. उत्तम स्वच्छता तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या।
  9. उत्तम जलस्रोतों तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या।
  10. अल्पपोषित जनसंख्या।

प्रश्न 10 स्वतंत्रता संकेतक की परिभाषा दीजिए। स्वतंत्रता संकेतकों के कुछ उदाहरण दीजिए।

उत्तर- ऐसे संकेतक जो किसी देश में व्यक्तियों की ‘सामाजिक व राजनितिक निर्णय-प्रक्रिया में लोकतान्त्रिक भागीदारी’ का प्रतिनिधित्व करते हैं, स्वतंत्रता संकेतक कहलाते हैं। जैसे, नागरिक अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए संवैधानिक संरक्षण देने की संवैधानिक सीमा।

प्रश्न 11 उन विभिन्न कारकों का मूल्यांकन कीजिए जिनके आधार पर चीन में आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि (तीव्र आर्थिक विकास) हुई।

उत्तर- चीन में तीव्र आर्थिक विकास के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

  1. विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दिशा-निर्देशों के बिना ही चीन ने 1978 ई. में आर्थिक सुधारों को आरम्भ किया।
  2. व्यापक भूमि सुधार, सामुदायिकीकरण और ग्रेट लीप फॉरवर्ड जैसी पहले (Initiatives) ली गईं।
  3. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में आधारिक संरचना का निर्माण किया गया, योजनाओं को विकेन्द्रीकरण किया गया, भू-सुधार कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया गया तथा लघु उद्योगों के विकास पर पर्याप्त बल दिया गया।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का बड़े व्यापक स्तर पर प्रसारण किया गया।
  5. प्रत्येक सुधार को पहले छोटे स्तर पर लागू किया गया और बाद में उसे बड़े पैमाने पर लागू किया गया। उपर्युक्त सुधारों के कारण चीन की वार्षिक संवृद्धि दर में तेजी से वृद्धि हुई।

प्रश्न 12 भारत, चीन और पकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित विशेषताओं को तीन शीर्षकों के अंतर्गत समूहित कीजिए।

  • एक संतान का नियम।
  • निम्न प्रजनन दर।
  • नगरीकरण का उच्च स्तर।
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था।
  • अति उच्च प्रजनन दर।
  • भारी जनसंख्या।
  • जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व।
  • विनिर्माण क्षेत्रक के कारण संवृद्धि।
  • सेवा क्षेत्रक के कारण संवृद्धि।

उत्तर-

  • भारत: मिश्रित अर्थव्यवस्था, अति उच्च प्रजनन दर, भारी जनसंख्या, जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व, सेवा क्षेत्रक के कारण संवृद्धि।
  • चीन: एक संतान का नियम, निम्न प्रजनन दर, नगरीकरण का उच्च स्तर, मिश्रित अर्थव्यवस्था, भारी जनसंख्या, विनिर्माण क्षेत्रक के कारण संवृद्धि।
  • पाकिस्तान: मिश्रित अर्थव्यवस्था, अति उच्च प्रजनन दर, सेवा क्षेत्रक के कारण संवृद्धि।

प्रश्न 13 पाकिस्तान में धीमी संवृद्धि दर तथा पुनः निर्धनता के कारण बताइए।

उत्तर- पाकिस्तान में संवृद्धि दर धीमी रही है। यह 1980-90 के दशक में 6.3% थी जो 1990-2003 की अवधि के दौरान घटकर 3.6% रह गई। यह गिरावट कृषि, विनिर्माण व सेवा–तीनों ही क्षेत्रकों में देखी गई। संवृद्धि दर में गिरावट के साथ-साथ निर्धनता का स्तर भी कम होने के बाद 1990 के दशक में पुन: बढ़ने लगा है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

  1. कृषि संवृद्धि और खाद्य पूर्ति, तकनीकी परिवर्तन संस्थागत प्रक्रिया पर आधारित न होकर अच्छीफसल पर आधारित था। फसल के अच्छा होने पर अर्थव्यवस्था ठीक रहती थी और फसल के अच्छी न होने पर संवृद्धि दर गिर जाती थी।
  2. विदेशी मुद्रा फ़ा अर्जन विनिर्मित उत्पादों के निर्यात पर आधारित न होकर, मध्य-पूर्व में काम करने वाले पाकिस्तानी श्रमिकों की आय प्रेषण तथा अति अस्थिर कृषि उत्पादों के निर्यातों पर आधारित था।
  3. पाकिस्तान में विदेशी ऋणों पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी और दूसरी ओर पुराने ऋणों को चुकाने की कठिनाई बढ़ती जा रही थी। इस प्रकार पाकिस्तान विदेशी ऋण-जाल में फँसता जा रहा था।
  4. पाकिस्तान विनिर्माण क्षेत्र के लिए आवश्यक आधारिक संरचना का निर्माण नहीं कर पाया।
  5. आतंकवाद के चलते विदेशी निवेशकों ने पाकिस्तान में निवेश के प्रति रुचि नहीं दिखाई।

प्रश्न 14 कुछ विशेष मानव विकास संकेतकों के सन्दर्भ में भारत, चीन और पाकिस्तान के विकास की तुलना कीजिए और उसका वैषम्य बताइए।

उत्तर- चीन मानव विकास संकेतक के सन्दर्भ में भारत और पाकिस्तान से आगे है। चीन 81वें, भारत 128वें और पाकिस्तान 136वें स्थान पर है। चीन की उच्च रैंकिंग प्रति व्यक्ति उच्च सकल प्रति उत्पाद के कारण है। चीन में एक संतान नीति के कारण सकल घरेलू उत्पाद में लगातार वृद्धि हुई। परिणामस्वरूप, चीन मानव विकास संकेतक की रैंकिंग में भारत और पकिस्तान की तुलना में उच्च स्थान पर था। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की कम संख्या और बेहतर स्वच्छता और पीने के पानी को उपलब्ध कराने के मामले में पाकिस्तान भारत से आगे है। लेकिन, शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर के मामले में दोनों देशों का प्रदर्शन बुरा है। तीनों देशों की स्थिति लिंग अनुपात में ठीक नहीं है।

प्रश्न 15 पिछले दो दशकों में चीन और भारत में देखी गई संवृद्धि दर की प्रवृत्तियों पर टिप्पणी दीजिए।

उत्तर- लोकतान्त्रिक संस्थाओं सहित भारत का निष्पादन साधारण रहा है। अधिकतर लोग आज भी कृषि पर निर्भर हैं। भारत के अनेक भागों आधारिक संरचना का अभाव है। भारत में निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले एक चौथाई से भी अधिक जनसंख्या का रहन-सहन के स्तर को ऊपर उठाने की आवश्यकता है। चीन में, राजनीतिक स्वतंत्रता का अभाव तथा मानव अधिकारों पर उसके निहितार्थ चिंता के मूल विषय हैं। फिर भी, अंतिम तीन दशकों में से इसने अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धत्ता को खोये बिना, बाजार व्यवस्था का प्रयोग किया तथा निर्धनता निवारण के साथ-साथ संवृद्धि के स्तर को बढ़ाने में सफल रहा है। आप यह भी देखेंगे कि भारत और पाकिस्तान में जहाँ सार्वजनिक क्षेत्रक के उपक्रमों के निजीकरण का प्रयास हो रहा है, वहाँ चीन ने बाजार व्यवस्था का उपयोग अतिरिक्त सामाजिक-आर्थिक सुअवसरों के सर्जन के लिए किया है। सामुदायिक भू-स्वामित्व को कायम रखते हुए और लोगों को भूमि पर कृषि की अनुमति देकर चीन ने ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक असुरक्षा सुनिश्चित कर दी हैं। चीन में सुधारों से पूर्व ही सामाजिक आधारिक संरचना उपलब्ध कराने में सरकारी हस्तक्षेप द्वारा मानब विकास संकेतकों में सकारात्मक परिणाम हुए हैं।

प्रश्न 16 निम्नलिखित रिक्त स्थानों को भरिए-

  1. 1956 ई. में ____________ की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू हुई थी। (पाकिस्तान/ चीन)
  2. मातृमृत्यु-दर ____________ में अधिक है। (चीन/ पाकिस्तान)
  3. निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात ____________ में अधिक है। (भारत/ पाकिस्तान)
  4. निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात ____________ में अधिक है। (भारत/ पाकिस्तान)

उत्तर-

  1. 1956 ई. में पाकिस्तान की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू हुई थी।
  2. मातृत्व मृत्यु-दर पाकिस्तान में अधिक है।
  3. निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात भारत में अधिक है।
  4. चीन में आर्थिक सुधार 1978 ई. में शुरू किए गए थे।

Chapter 1: ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ (Bricks, Beads, and Bones)

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