11th Geography HM

अध्याय- 5: भू आकृतिक प्रक्रियाएँ

Class 11 Geography NCERT Solutions in Hindi

भू आकृतिक प्रक्रियाएँ

यह अध्याय भू आकृतिक प्रक्रियाएँ के अध्ययन पर केंद्रित है, जिसमें पृथ्वी की सतह पर होने वाले विभिन्न प्राकृतिक परिवर्तनों का विश्लेषण किया गया है। इस अध्याय में मुख्य रूप से आंतरिक और बाह्य बलों का वर्णन किया गया है जो पृथ्वी की संरचना को प्रभावित करते हैं। आंतरिक प्रक्रियाओं में भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, और पर्वत निर्माण जैसे घटनाओं का अध्ययन किया जाता है, जबकि बाह्य प्रक्रियाओं में वायुमंडलीय, जलवायु संबंधित, और जल द्वारा होने वाली क्षरण, अपरदन और अवसादन जैसी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।

यह अध्याय विद्यार्थियों को भू-आकृतिक घटनाओं के गहन वैज्ञानिक विश्लेषण में सहायता करता है और यह समझने में मदद करता है कि किस प्रकार ये प्रक्रियाएँ समय के साथ भूदृश्यों का निर्माण और परिवर्तन करती हैं। इसके अंतर्गत, विभिन्न भूदृश्य जैसे घाटियाँ, नदियाँ, पहाड़, मैदान आदि कैसे विकसित होते हैं, इसका भी विश्लेषण किया गया है। इसके साथ ही, पृथ्वी की सतह पर मानवीय हस्तक्षेप का प्रभाव और पर्यावरणीय स्थिरता का महत्व भी समझाया गया है। यह अध्याय भूगोल के प्रति रुचि विकसित करने के साथ-साथ भू-आकृति विज्ञान की बुनियादी अवधारणाओं को स्पष्ट करता है।

 भू– आकृतिक प्रक्रियाएँ

भू– आकृ तिक प्रक्रियाएँ

भू आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes): अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ क्या होती हैं?
    भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ वे प्राकृतिक प्रक्रियाएँ हैं जो पृथ्वी की सतह को आकार देने और उसमें परिवर्तन करने का कार्य करती हैं, जैसे कि क्षरण, अपरदन, अवसादन, और पर्वत निर्माण।
  2. भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के कितने प्रकार होते हैं?
    भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं: आंतरिक प्रक्रियाएँ (ज्वालामुखी, भूकंप) और बाह्य प्रक्रियाएँ (क्षरण, अपरदन)।
  3. आंतरिक भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ क्या होती हैं?
    आंतरिक प्रक्रियाएँ वे होती हैं जो पृथ्वी के भीतर से उत्पन्न होती हैं, जैसे कि भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, और पर्वतों का निर्माण।
  4. बाह्य भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ क्या होती हैं?
    बाह्य प्रक्रियाएँ वे होती हैं जो पृथ्वी की सतह पर वायुमंडलीय और जलवायु संबंधित गतिविधियों के कारण होती हैं, जैसे जल द्वारा क्षरण, हवा द्वारा अपरदन, और हिमनदों द्वारा भूमि का कटाव।
  5. क्षरण (Weathering) और अपरदन (Erosion) में क्या अंतर है?
    क्षरण एक स्थिर प्रक्रिया है जिसमें चट्टानों का टूटना और विघटन होता है, जबकि अपरदन में मिट्टी और चट्टानें एक स्थान से दूसरे स्थान पर जल, हवा या हिमनदों द्वारा ले जाई जाती हैं।
  6. अवसादन (Deposition) क्या है?
    अवसादन वह प्रक्रिया है जिसमें अपरदन के बाद मिट्टी, रेत, और चट्टानें किसी अन्य स्थान पर जमा हो जाती हैं, जिससे नए भू-आकृतिक रूप बनते हैं।
  7. ज्वालामुखी कैसे भू-आकृतिक रूपों को प्रभावित करते हैं?
    ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान निकलने वाला लावा और राख पृथ्वी की सतह पर नए भूदृश्य, जैसे ज्वालामुखीय पहाड़, का निर्माण करते हैं।
  8. भूकंप से किस प्रकार की भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ प्रभावित होती हैं?
    भूकंप के कारण पृथ्वी की परतों में दरारें और स्थानांतरण होते हैं, जिससे पहाड़ों का निर्माण या अन्य भूदृश्यों में परिवर्तन होता है।
  9. मानव गतिविधियाँ भू-आकृतिक प्रक्रियाओं को कैसे प्रभावित करती हैं?
    मानव द्वारा किए गए कार्य, जैसे खनन, जंगलों की कटाई, और निर्माण कार्य, भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में बदलाव लाते हैं, जिससे मिट्टी का क्षरण और भूमि का विनाश हो सकता है।
  10. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं?
    भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ नदियों, पहाड़ों, मैदानों और अन्य भूदृश्यों को आकार देती हैं, जो हमारे पर्यावरण, कृषि, जल संसाधन और निवास स्थान को प्रभावित करते हैं।

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