12th Econimics

अध्याय-3: मुद्रा एवं बैंकिंग ( Money and  Banking)

 मुद्रा एवं बैंकिंग ( Money and  Banking)

 

 मुद्रा एवं बैंकिंग

मुद्रा एवं बैंकिंग

मुद्रा को ऐसी वस्तु के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो विनिमय के माध्यम, मूल्य के मापक, स्थगित भुगतानों के माप तथा मूल्य संचय हेतु, संचय रूप से स्वीकार की जाती है। 

मुद्रा आपूर्ति

मुद्रा पूर्ति से अभिप्राय एक निश्चित समय पर देश में जनता के पास कुल मुद्रा के स्टॉक से है।

मुद्रा की आपूर्ति = जनता के पास करेंसी + बैंकों के पास मांग जमाएं + रिजर्व बैंक के पास अन्य जमाएं

MS = C + DD + OD

मुद्रा आपूर्ति के घटक

  • जनता के पास करेंसी (सिक्के व नोट)
  • मांग जमाएँ।

मांग जमाएँ

ये वे जमाएं हैं जो किसी भी समय मांगने पर बैंक से निकलवाई जा सकती हैं या जिन्हें चैक द्वारा भी निकलवाया जा सकता है। 

व्यावसायिक बैंक का अर्थ

व्यावसायिक बैंक वह वित्तीय संस्था है जो मुद्रा तथा साख में व्यापार करती है। व्यावसायिक बैंक ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से जनता से जमाएँ स्वीकार करते हैं तथा अपने लिए लाभ का सृजन करती हैं।

व्यावसायिक बैंकों द्वारा साख निर्माण / मुद्रा निर्माण :-

साख निर्माण से तात्पर्य बैंकों की उस शक्ति से है जिसके द्वारा वे प्राथमिक जमाओं का विस्तार करते हैं। बैंकों द्वारा साख सृजन की प्रक्रिया तथा वैधानिक आरक्षित अनुपात (LRR) में विपरीत सम्बन्ध होता है।

  • जमा सृजन = प्रारम्भिक जमा x जमा गुणक।
  • शुद्ध / निवल साख का सृजन = जमा सृजन – प्रारम्भिक जमा। 

केन्द्रीय बैंक

एक देश की बैंकिंग व वित्तीय प्रणाली में सर्वोच्च संस्था है। जो देश के मौद्रिक व बैंकिंग ढाँचे का संचालन, नियंत्रण, निर्देशन एवं नियमन करती है तथा देश के हित में मौद्रिक नीति का निर्माण करती है। 

केन्द्रीय बैंक के कार्य

  • नोट निर्गमन का एकाधिकार अर्थात् वैधानिक मुद्रा का जारीकर्ता बैंक 
  • सरकार का बैंकर, अभिकर्ता एवं सलाहकार 
  • बैंकों का बैंक तथा पर्यवेक्षक 
  • साख नियंत्रक 
  • विदेशी मुद्रा का एक मात्र संग्राहक और संरक्षक

रेपो दर

वह ब्याज दर जिस पर केन्द्रीय बैंक वैधानिक तरलता अनुपात की प्रतिभूतियों के अतिरिक्त शेष प्रतिभूति पर पुनक्रय प्रस्ताव के बदले व्यायवसायिक बैंकों को अल्पकाल के लिए ऋण प्रदान करता है, रेपो दर कहलाता है। 

रिवर्स रेपो दर :-

वह दर जिस पर व्यवसायिक बैंक केन्द्रीय बैंक के पास अपना अतिरिक्त फंड जमा करके केन्द्रीय बैंक से सरकारी प्रतिभूति के पुनर्विक्रय प्रस्ताव के तहत प्रतिभूति क्रय करते है। 

वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) :-

SLR से अभिप्राय वाणिज्यिक बैंकों की तरल परिसंपतियों से है जो उन्हें अपनी कुल जमाओं के न्यूनतम प्रतिशत के रूप में अपने पास रखने की आवश्यकता होती है।

नकद आरक्षित अनुपात (CRR) :-

प्रत्येक व्यापारिक बैंक को अपने पास कुल जमा राशियों का एक न्यूनतम अनुपात केन्द्रीय बैंक के पास कानूनन जमा करना होता है। इसे नकद आरक्षित अनुपात कहते हैं। 

खुले बाजार की क्रियाएँ (Open Market Operations) :-

  • देश के केंद्रीय बैंक (रिजर्व बैंक) द्वारा खुले बाजार में प्रतिभूतियों (Securities) के खरीदने अथवा बेचने से संबधित क्रिया को खुले बाजार की क्रिया कहते हैं। 
  • जब रिजर्व बैंक (केंद्रीय बैंक) बाजार में प्रतिभूतियों को बेचना प्रारंभ करता है तो वाणिज्य बैंकों के नकदी कोषों में कमी आ जाती है,इसके परिणामस्वरूप बैंकों की साख निर्माण क्षमता घट जाती है। इस प्रकार,प्रतिभूतियों की बिक्री साख की उपलब्धता को कम कर देती है।

बैंक दर (Bank Rate) :-

जिस दर पर देश का केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है उसे बैंक दर कहते है।

केन्द्रीय बैंक के कार्य ‘ मुद्रा जारी करना ‘ :-

  • मुद्रा जारी करना केन्द्रीय बैंक का प्राथमिक और बहुत ही महत्त्वपूर्ण कार्य है। आजकल प्रत्येक देश में केंद्रीय बैंक और इसलिए हमारे देश में रिजर्व बैंक को नोट – निर्गमन का एकाधिकार प्राप्त है इस कार्य का इतना अधिक महत्त्व हो गया है कि केंद्रीय बैंक को ‘ निर्गमन बैंक ‘ (Bank of Issue) ही कहा जाने लगा है।
  • नोट जारी करने की दृष्टि से केंद्रीय बैंक तीन मुख्य बातों को ध्यान में रखता है : एकरूपता, लोचशीलता (आवश्यकता के अनुसार मुद्रा की मात्रा तय करना), और सुरक्षा। 
  • रिजर्व बैंक मुद्रा की वृद्धि को एक सीमा के भीतर ही बनाए रखने का प्रयत्न करता है और इस प्रकार, स्फीतिकारी दबावों को नियंत्रण में रखता है।

केन्द्रीय बैंक के कार्य ” बैंकों का बैंक ” :-

केन्द्रीय बैंक बैंकों का बैंक हैं। केन्द्रीय बैंक का अन्य व्यवसायिक बैंकों के साथ वैसा ही संबंध होता है,जैसा एक साधारण बैंक का अपने ग्राहकों के साथ होता है। केन्द्रीय बैंक व्यवसायिक बैंकों के कोषों का संरक्षक होता है तथा आवश्यकता पड़ने पर व्यापारिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है।

केन्द्रीय बैंक के कार्य ‘ सरकार का बैंक ‘ :-

  • केन्द्रीय बैंक वे सभी बैंकिंग सुविधाएँ सरकार को प्रदान करता है,जो व्यापारिक बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को प्रदान की जाती हैं।
  • केन्द्रीय बैंक सरकार के बैंक एजेंट व वित्तीय सलाहकार के रूप में सरकार के लिए कोषों की व्यवस्था करता है। 
  • एक एजेंट के रूप में केन्द्रीय बैंक सरकार के लिए प्रतिभूतियों का क्रय – विक्रय तथा सार्वजनिक ऋण का प्रबन्ध करता है।
  • साथ ही यह सरकार को उचित मौद्रिक नीतियों के निर्माण हेतु उपयोगी परामर्श प्रदान करता है।

FAQs on Class 12th Economics (मुद्रा एवं बैंकिंग) :


1. मुद्रा (Money)

Q1. मुद्रा क्या है?
मुद्रा वह माध्यम है जिसे वस्तुओं और सेवाओं के विनिमय के लिए स्वीकार किया जाता है। यह मूल्य मापने, संचित करने और विनिमय के लिए प्रयुक्त होती है।

Q2. मुद्रा के प्रकार कौन-कौन से हैं?
मुद्रा के मुख्य प्रकार:

  • धातु मुद्रा: सोना, चांदी आदि।
  • कागजी मुद्रा: नोट और सिक्के।
  • बैंक मनी: चेक, डेबिट कार्ड आदि।
  • डिजिटल मुद्रा: UPI, ई-वॉलेट आदि।

Q3. मुद्रा की विशेषताएँ क्या हैं?

  • विनिमय का माध्यम
  • मूल्य मापन का मानक
  • भविष्य के लिए मूल्य का भंडारण
  • देनदारी के भुगतान का साधन

2. बैंकिंग (Banking)

Q4. बैंक क्या है और इसका मुख्य कार्य क्या है?
बैंक वह वित्तीय संस्था है जो लोगों के धन को जमा करता है और आवश्यकता पड़ने पर ऋण के रूप में प्रदान करता है। मुख्य कार्य:

  • जमा स्वीकार करना
  • ऋण प्रदान करना
  • नकद प्रबंधन
  • मुद्रा का प्रेषण

Q5. वाणिज्यिक बैंक (Commercial Bank) के कार्य क्या हैं?

  • प्राथमिक कार्य: जमा स्वीकार करना और ऋण प्रदान करना।
  • द्वितीयक कार्य: बिलों का संग्रह, विदेशी मुद्रा विनिमय, धन का स्थानांतरण।

Q6. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) क्या है और इसका कार्य क्या है?
भारतीय रिज़र्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है।
मुख्य कार्य:

  • मौद्रिक नीति का संचालन।
  • मुद्रा का निर्गमन।
  • बैंकों का नियमन।
  • विदेशी मुद्रा का प्रबंधन।

3. मुद्रा एवं बैंकिंग से संबंधित प्रमुख अवधारणाएँ

Q7. रेपो दर (Repo Rate) और रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) क्या है?

  • रेपो दर: वह दर जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है।
  • रिवर्स रेपो दर: वह दर जिस पर RBI बैंकों से उनकी अतिरिक्त नकदी को जमा करता है।

Q8. नकद आरक्षित अनुपात (CRR) और वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) क्या है?

  • CRR: बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक हिस्सा RBI के पास नकद के रूप में रखना होता है।
  • SLR: बैंकों को अपनी जमा राशि का एक हिस्सा सरकार द्वारा निर्धारित परिसंपत्तियों में निवेश करना होता है।

Q9. मुद्रास्फीति (Inflation) का बैंकिंग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
मुद्रास्फीति से ब्याज दरों में परिवर्तन होता है, जिससे ऋण की मांग और जमा पर प्रतिफल प्रभावित होता है।


4. अन्य सामान्य प्रश्न

Q10. चेक और ड्राफ्ट में क्या अंतर है?

  • चेक: खाते का स्वामी इसे जारी करता है।
  • ड्राफ्ट: बैंक इसे जारी करता है और यह अधिक सुरक्षित होता है।

Q11. NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) क्या है?
NBFC वह वित्तीय संस्था है जो बैंकिंग सेवाएं प्रदान करती है लेकिन उसके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता।

Q12. डिजिटल बैंकिंग के लाभ क्या हैं?

  • 24×7 सुविधा।
  • तेजी से लेनदेन।
  • कागज रहित प्रक्रिया।
  • ग्राहकों की सुविधा के लिए सुरक्षित और सरल।

अध्याय-4: आय और रोजगार के निर्धारण

 

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