अध्याय-3: मुद्रा एवं बैंकिंग ( Money and  Banking)

 मुद्रा एवं बैंकिंग ( Money and  Banking)   मुद्रा एवं बैंकिंग मुद्रा को ऐसी वस्तु के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो विनिमय के माध्यम, मूल्य के मापक, स्थगित भुगतानों के माप तथा मूल्य संचय हेतु, संचय रूप से स्वीकार की जाती है।  मुद्रा आपूर्ति मुद्रा पूर्ति से … Continue reading अध्याय-3: मुद्रा एवं बैंकिंग ( Money and  Banking)