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Toggleरेखाएँ और कोण
रेखाएँ और कोण (Lines and Angles) गणित का एक महत्वपूर्ण भाग है जो ज्यामिति के बुनियादी तत्वों से संबंधित है। यह अध्याय हमें विभिन्न प्रकार की रेखाओं और कोणों को समझने और उनके गुणों का विश्लेषण करने में मदद करता है। इस नोट्स में हम रेखाओं और कोणों की परिभाषा, प्रकार, और उनके गुणों पर चर्चा करेंगे।
रेखाएँ (Lines)
रेखा एक सीधी आकृति है जो दोनों दिशाओं में अनंत तक बढ़ सकती है। इसे बिना किसी मोड़ के एक ही दिशा में खींचा गया माना जाता है।
रेखा के प्रकार
- रेखा खंड (Line Segment)
- यह रेखा का एक सीमित भाग होता है जिसके दोनों सिरों पर बिंदु होते हैं।
- इसे उदाहरण के तौर पर ABABAB द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ AAA और BBB इसके सिरे हैं।
- रेखा (Line)
- यह दोनों दिशाओं में अनंत तक बढ़ती है। इसे सिरों के बिना माना जाता है।
- इसे ABABAB या AB↔\overleftrightarrow{AB}AB से दर्शाया जाता है।
- किरण (Ray)
- यह एक ऐसा रेखा खंड है जो एक बिंदु से शुरू होकर एक दिशा में अनंत तक बढ़ता है।
- इसे AB→\overrightarrow{AB}AB द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, जहाँ AAA इसकी प्रारंभिक बिंदु है।
कोण (Angles)
जब दो किरणें एक ही बिंदु से निकलती हैं, तो उनके बीच बनने वाले झुकाव को कोण कहते हैं। इसे डिग्री (∘^{\circ}∘) में मापा जाता है। कोण के बुनियादी भाग हैं:
- बाहु (Arms): कोण बनाने वाली किरणें।
- शीर्ष (Vertex): वह बिंदु जहाँ से किरणें निकलती हैं।
कोण के प्रकार
- समकोण (Right Angle):
- 90° का कोण।
- इसका उदाहरण है किसी वर्ग का एक कोना।
- न्यूनकोण (Acute Angle):
- 0° से अधिक और 90° से कम का कोण।
- जैसे 30°, 45° आदि।
- अधिककोण (Obtuse Angle):
- 90° से अधिक और 180° से कम का कोण।
- जैसे 120°, 135° आदि।
- समकोण (Straight Angle):
- ठीक 180° का कोण।
- यह एक सीधी रेखा जैसा दिखता है।
- प्रावरण कोण (Reflex Angle):
- 180° से अधिक और 360° से कम का कोण।
- जैसे 210°, 300° आदि।
- पूरा कोण (Complete Angle):
- 360° का कोण, जो एक पूरा चक्र बनाता है।
रेखाओं और कोणों का परस्पर संबंध
रेखाओं और कोणों के बीच विभिन्न प्रकार के संबंध बनते हैं। जब दो रेखाएँ एक-दूसरे को काटती हैं, तो उनके बीच बनने वाले कोण विभिन्न प्रकार के होते हैं। इसे नीचे विस्तार से समझाया गया है:
समानांतर और लम्ब रेखाएँ
- समानांतर रेखाएँ (Parallel Lines):
- दो रेखाएँ जो एक ही समतल में हों और कभी न मिलें, समानांतर कहलाती हैं।
- जैसे AB∥CDAB \parallel CDAB∥CD।
- लम्ब रेखाएँ (Perpendicular Lines):
- जब दो रेखाएँ एक-दूसरे को 90° के कोण पर काटती हैं, तो वे लम्ब कहलाती हैं।
- जैसे AB⊥CDAB \perp CDAB⊥CD।
रेखाओं के प्रतिच्छेदन पर बनने वाले कोण
- सामना कोण (Vertically Opposite Angles):
- जब दो रेखाएँ एक-दूसरे को काटती हैं, तो उनके विपरीत कोण समान होते हैं।
- उदाहरण: ∠A=∠B \angle A = \angle B∠A=∠B।
- पूरक कोण (Supplementary Angles):
- दो कोण जिनका योग 180° होता है।
- उदाहरण: ∠A+∠B=180∘ \angle A + \angle B = 180^\circ∠A+∠B=180∘।
- सम्पूरक कोण (Complementary Angles):
- दो कोण जिनका योग 90° होता है।
- उदाहरण: ∠A+∠B=90∘ \angle A + \angle B = 90^\circ∠A+∠B=90∘।
कोण मापने के उपकरण
कोण मापने के लिए ज्यामिति में प्रोट्रैक्टर (Protractor) का उपयोग किया जाता है। यह एक अर्धवृत्ताकार उपकरण है जिसमें 0° से 180° तक मापने के लिए अंक दिए होते हैं।
कोण मापने के चरण:
- प्रोट्रैक्टर को उस बिंदु पर रखें जहाँ कोण की दो भुजाएँ मिलती हैं।
- प्रोट्रैक्टर की आधार रेखा को एक भुजा के साथ समांतर करें।
- दूसरी भुजा जहाँ प्रोट्रैक्टर पर स्थित है, वहीं कोण का माप होगा।
रेखाएँ और कोण से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
- त्रिभुज का आंतरिक कोण योग (Triangle Angle Sum Property):
- किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग हमेशा 180° होता है।
- ∠A+∠B+∠C=180∘ \angle A + \angle B + \angle C = 180^\circ∠A+∠B+∠C=180∘।
- रेखाओं का कोणीय संबंध:
- यदि दो समानांतर रेखाएँ किसी तृतीय रेखा द्वारा काटी जाती हैं, तो:
- समांतर कोण (Corresponding Angles) समान होते हैं।
- आंतरिक विपरीत कोण (Alternate Interior Angles) समान होते हैं।
- आंतरिक कोणों का योग (Co-interior Angles) 180° होता है।
- यदि दो समानांतर रेखाएँ किसी तृतीय रेखा द्वारा काटी जाती हैं, तो:
- सीधी रेखा पर बनने वाले कोण:
- यदि दो कोण एक सीधी रेखा पर स्थित हैं, तो उनका योग 180° होगा।
- ∠1+∠2=180∘ \angle 1 + \angle 2 = 180^\circ∠1+∠2=180∘।
व्यावहारिक उपयोग
रेखाओं और कोणों का अध्ययन वास्तुकला, इंजीनियरिंग, भौतिकी, और कला में किया जाता है। कुछ व्यावहारिक उपयोग हैं:
- भवन निर्माण:
- समानांतर और लम्ब रेखाओं का उपयोग करके इमारतों के कोने बनाए जाते हैं।
- सड़क निर्माण:
- सड़क के मोड़ों पर कोण का ध्यान रखा जाता है ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
- भौतिकी में:
- प्रकाश की परावर्तन और अपवर्तन की गणना में कोण का उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष
रेखाएँ और कोण ज्यामिति की नींव हैं। इनके गुण और नियम हमें विभिन्न प्रकार की ज्यामितीय आकृतियों को समझने और उनके गुणों को परिभाषित करने में मदद करते हैं। इस अध्याय को अच्छे से समझकर विद्यार्थी त्रिभुज, चतुर्भुज और अन्य ज्यामितीय आकृतियों के निर्माण और विश्लेषण में निपुण हो सकते हैं।