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Chapter 10: वृत

वृत: परिचय और संपूर्ण विवेचना

वृत (Circle) गणित और ज्यामिति का एक महत्त्वपूर्ण विषय है। यह एक ऐसा ज्यामितीय आकार है, जिसमें एक निश्चित बिंदु (जिसे केंद्र कहते हैं) से समान दूरी पर स्थित अनंत बिंदुओं का समुच्चय होता है। वृत का अध्ययन न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में उपयोगी है, बल्कि यह वास्तुशास्त्र, भौतिकी, खगोलशास्त्र, इंजीनियरिंग और दैनिक जीवन के कई पहलुओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वृत का परिभाषा और भाग

वृत की परिभाषा:

वृत वह ज्यामितीय आकृति है, जिसमें सभी बिंदु एक निश्चित बिंदु (केंद्र) से समान दूरी पर होते हैं। केंद्र से इन बिंदुओं तक की दूरी को वृत का त्रिज्या (Radius) कहते हैं।

वृत के प्रमुख भाग:

  1. केंद्र (Center): वृत का वह निश्चित बिंदु, जिससे सभी बिंदु समान दूरी पर होते हैं।
  2. त्रिज्या (Radius): वृत के केंद्र और वृत पर स्थित किसी भी बिंदु के बीच की दूरी।
  3. व्यास (Diameter): वृत पर स्थित दो बिंदुओं को जोड़ने वाली रेखा, जो वृत के केंद्र से होकर गुजरती है। व्यास, त्रिज्या का दोगुना होता है। व्यास=2×त्रिज्याव्यास = 2 \times त्रिज्या
  4. परिधि (Circumference): वृत की बाहरी सीमा की कुल लंबाई। यह π (पाई) का उपयोग करके ज्ञात की जाती है: परिधि=2πrपरिधि = 2 \pi r
  5. ज्यामिति (Arc): वृत पर स्थित दो बिंदुओं के बीच की दूरी, जो वृत का एक हिस्सा होती है।
  6. ज्याः (Chord): वृत पर स्थित दो बिंदुओं को जोड़ने वाली सीधी रेखा। व्यास सबसे लंबी ज्याः होती है।
  7. खंड (Segment): वृत को किसी ज्याः द्वारा दो भागों में विभाजित करने पर बनने वाले क्षेत्र।
  8. वृत्तीय क्षेत्रफल (Sector): वृत को दो त्रिज्याओं और उनके बीच की चाप द्वारा विभाजित किया गया भाग।

वृत से संबंधित सूत्र

वृत के साथ गणना के लिए कुछ महत्वपूर्ण सूत्र निम्नलिखित हैं:

  1. परिधि (Circumference):
    परिधि=2πrपरिधि = 2 \pi r
    जहाँ, rr त्रिज्या है और π=3.14159\pi = 3.14159.
  2. वृत्तीय क्षेत्रफल (Area):
    क्षेत्रफल=πr2क्षेत्रफल = \pi r^2
  3. चाप की लंबाई (Length of Arc):
    यदि चाप θ डिग्री के कोण पर आधारित है:
    चापकीलंबाई=θ360×2πrचाप की लंबाई = \frac{\theta}{360} \times 2 \pi r
  4. खंड का क्षेत्रफल (Area of Segment):
    खंडकाक्षेत्रफल=चाप का क्षेत्रफल−त्रिभुज का क्षेत्रफलखंड का क्षेत्रफल = \text{चाप का क्षेत्रफल} – \text{त्रिभुज का क्षेत्रफल}
  5. ज्याः की लंबाई (Length of Chord):
    ज्याः=2r2−d2ज्याः = 2 \sqrt{r^2 – d^2}
    जहाँ dd वृत के केंद्र से ज्याः तक की दूरी है।

वृत का गुणधर्म

वृत के कुछ विशेष गुणधर्म निम्नलिखित हैं:

  1. वृत पर स्थित सभी बिंदु केंद्र से समान दूरी पर होते हैं।
  2. वृत की सबसे लंबी ज्याः उसका व्यास होता है।
  3. वृत में किसी दो त्रिज्याओं के बीच का कोण 360 डिग्री होता है।
  4. यदि दो वृत एक-दूसरे को स्पर्श करते हैं, तो उनका संपर्क बिंदु उनकी त्रिज्या की दिशा में होता है।
  5. किसी भी वृत में एक अर्धव्यास और एक केंद्र के आधार पर इसे पूर्ण रूप से परिभाषित किया जा सकता है।

वृत और दैनिक जीवन

वृत हमारे दैनिक जीवन में कई रूपों में उपयोग होता है:

  1. घड़ियाँ: घड़ी का डायल वृत के रूप में होता है, जिसमें समय का विभाजन वृत के चाप के आधार पर किया गया है।
  2. पहिए: वाहनों के पहिए वृत के सिद्धांत पर आधारित होते हैं, जो गति और स्थिरता प्रदान करते हैं।
  3. सिक्के: अधिकांश मुद्राएं वृताकार होती हैं, जिससे वे संतुलित रहती हैं।
  4. क्रीड़ा सामग्री: क्रिकेट की गेंद, फुटबॉल, और हुला-हूप जैसी वस्तुएं वृत या गोले पर आधारित हैं।

वृत का गणितीय उपयोग

वृत गणित और ज्यामिति के लिए आधारभूत आकृति है। इसके अनुप्रयोग नीचे दिए गए हैं:

  1. त्रिकोणमिति: वृत के चाप और केंद्र का उपयोग कोणीय मापन और त्रिकोणमिति में होता है।
  2. डिजाइन और वास्तुकला: भवनों और पुलों के गोलाकार हिस्से वृत की ज्यामिति पर आधारित होते हैं।
  3. खगोलशास्त्र: ग्रहों और तारों की कक्षाएँ वृताकार होती हैं या वृत के समीप होती हैं।
  4. इंजीनियरिंग: गियर और मशीनरी में वृत का उपयोग घूर्णन और गति हस्तांतरण के लिए किया जाता है।

वृत का ऐतिहासिक महत्व

वृत का अध्ययन प्राचीन काल से होता आ रहा है। प्राचीन ग्रीक और भारतीय गणितज्ञों ने वृत के गुणधर्म और उपयोग पर महत्वपूर्ण शोध किए।

  1. ग्रीक गणित: यूक्लिड और आर्किमिडीज ने वृत की परिधि और क्षेत्रफल पर गहन अध्ययन किया।
  2. भारतीय गणित: आर्यभट्ट और ब्रह्मगुप्त ने वृत और चाप की लंबाई का उल्लेख अपने ग्रंथों में किया है।

वृत से जुड़े प्रश्न

सरल प्रश्न:

  1. एक वृत की त्रिज्या 7 सेमी है। इसका क्षेत्रफल और परिधि ज्ञात करें। क्षेत्रफल=πr2=22/7×7×7=154 वर्ग सेमीक्षेत्रफल = \pi r^2 = 22/7 \times 7 \times 7 = 154 \, \text{वर्ग सेमी} परिधि=2πr=2×22/7×7=44 सेमीपरिधि = 2 \pi r = 2 \times 22/7 \times 7 = 44 \, \text{सेमी}
  2. वृत की व्यास 14 सेमी है। इसका क्षेत्रफल क्या होगा?
    r=142=7 सेमीr = \frac{14}{2} = 7 \, \text{सेमी}
    क्षेत्रफल=πr2=154 वर्ग सेमीक्षेत्रफल = \pi r^2 = 154 \, \text{वर्ग सेमी}

जटिल प्रश्न:

  1. यदि एक वृत का क्षेत्रफल 616 वर्ग सेमी है, तो उसकी परिधि ज्ञात करें।
    πr2=616⇒r2=61622/7=196⇒r=14 सेमी\pi r^2 = 616 \Rightarrow r^2 = \frac{616}{22/7} = 196 \Rightarrow r = 14 \, \text{सेमी}
    परिधि=2πr=88 सेमीपरिधि = 2 \pi r = 88 \, \text{सेमी}

निष्कर्ष

वृत गणित और ज्यामिति का एक आधारभूत और बहुप्रयुक्त विषय है। इसके गुणधर्म, अनुप्रयोग, और उपयोग जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। वृत का अध्ययन न केवल छात्रों के लिए बौद्धिक विकास का माध्यम है, बल्कि यह वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण से भी अत्यंत उपयोगी है।

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