10th Science HM

Chapter 15: हमारा पर्यावरण

NCERT Solutions for Class 10 Science in Hindi

हमारा पर्यावरण

पर्यावरण का अर्थ है हमारे चारों ओर का प्राकृतिक परिवेश, जिसमें जीव, वनस्पति, जल, वायु, मृदा और अन्य प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं। यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है और हम इसके साथ गहरे रूप से जुड़े हुए हैं। पर्यावरण से हमारा जीवन, स्वास्थ्य, और अस्तित्व प्रभावित होता है, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इसे बचाएं और संतुलित रखें।

1. पर्यावरण के घटक

पर्यावरण को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है:

1.1. जैविक घटक (Biotic Components)

यह घटक सभी जीवों से संबंधित होते हैं, जैसे पौधे, पशु, बैक्टीरिया, फंगी आदि। ये जीव एक दूसरे से संबंध बनाए रखते हैं और एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिसे अन्य जीवों द्वारा श्वास के रूप में लिया जाता है।

1.2. अजैविक घटक (Abiotic Components)

यह घटक प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित होते हैं, जैसे जल, वायु, मृदा, तापमान आदि। ये सभी घटक जीवन के लिए आवश्यक हैं और इनकी आपसी क्रिया पर्यावरण को संतुलित बनाए रखती है। जैसे, सूरज की ऊर्जा सभी जैविक घटकों के जीवन के लिए आवश्यक होती है।

2. पर्यावरण का संतुलन

पर्यावरण में जैविक और अजैविक घटकों के बीच एक संतुलन बना रहता है, जो जीवन के लिए आवश्यक है। यदि इस संतुलन में कोई विघटन होता है, तो इससे पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो सकता है। उदाहरण के रूप में, यदि किसी स्थान पर अधिक वृक्षों की अंधाधुंध कटाई होती है, तो यह वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है और जलवायु परिवर्तन का कारण बन सकता है।

3. प्रदूषण

प्रदूषण पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा है। यह मानव गतिविधियों, जैसे उद्योगों, वाहनों, कचरा आदि से उत्पन्न होता है। प्रदूषण के विभिन्न प्रकार हैं:

3.1. वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण तब होता है जब हानिकारक गैसें और कण वायु में मिल जाते हैं। इसका प्रमुख कारण औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन ध्वनि, और घरों में जलने वाली लकड़ी और कचरा होते हैं। यह अस्थमा, श्वसन रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

3.2. जल प्रदूषण

जल प्रदूषण तब होता है जब हमारे जल स्रोतों में हानिकारक रसायन, कचरा और अवशेष मिल जाते हैं। यह मानवों, जानवरों और पौधों के लिए खतरनाक हो सकता है। औद्योगिक अपशिष्ट, प्लास्टिक और अन्य रसायन जल को प्रदूषित करते हैं।

3.3. मृदा प्रदूषण

मृदा प्रदूषण तब होता है जब भूमि में हानिकारक रसायन, प्लास्टिक और अन्य अवशेष मिल जाते हैं। यह कृषि उत्पादों को नुकसान पहुंचाता है और जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करता है।

3.4. ध्वनि प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण तब होता है जब अत्यधिक शोर वातावरण में फैलता है। यह मुख्य रूप से शहरों में ट्रैफिक, निर्माण कार्य और औद्योगिक क्षेत्रों से उत्पन्न होता है। ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव और श्रवण हानि हो सकती है।

4. पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें विभिन्न उपायों की आवश्यकता है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने पर्यावरण को बचाएं और इसे सुरक्षित रखें। कुछ उपाय जो पर्यावरण को बचाने के लिए किए जा सकते हैं, वे निम्नलिखित हैं:

4.1. वृक्षारोपण

वृक्षों का पर्यावरण में महत्वपूर्ण स्थान है। वे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। इससे वायु की गुणवत्ता बेहतर होती है और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए।

4.2. जल संरक्षण

जल जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें जल का सदुपयोग करना चाहिए और इसे व्यर्थ बहने से बचाना चाहिए। वर्षा के पानी को संचित करने के उपायों को अपनाना चाहिए, ताकि पानी की कमी से बचा जा सके।

4.3. कचरा प्रबंधन

कचरा प्रबंधन से तात्पर्य है कचरे का उचित निपटान और पुनर्चक्रण। हमें कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में बांटना चाहिए जैसे जैविक और अजैविक कचरा। इस तरह से कचरे को पुनः उपयोग में लाकर पर्यावरण को बचाया जा सकता है।

4.4. ऊर्जा बचत

हमारी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जलवायु परिवर्तन के कारण नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना चाहिए। सूर्य, पवन, और जल शक्ति जैसी ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए।

4.5. प्लास्टिक का उपयोग कम करना

प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के लिए एक गंभीर समस्या है। प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग कम करना चाहिए और इन्हें पुनर्चक्रित करना चाहिए।

5. जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है, जो मुख्य रूप से मानव गतिविधियों के कारण हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र स्तर का बढ़ना, अत्यधिक गर्मी, सूखा, बर्फ का पिघलना और असमय बारिश जैसी घटनाएं हो रही हैं। इसका समाधान जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का उपयोग करना है।

6. पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान

पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों से भी किया जा सकता है। सरकार, गैर-सरकारी संगठनों, और समुदायों को मिलकर पर्यावरणीय शिक्षा और संरक्षण कार्यों में भाग लेना चाहिए।

7. निष्कर्ष

हमें अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक होना चाहिए और इसे बचाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण की रक्षा करें और इसे संतुलित बनाए रखें। वृक्षारोपण, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, और ऊर्जा बचत जैसे उपायों को अपनाकर हम पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसके साथ ही हमें अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावरण छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए।

NCERT Solutions

https://readspot.in/ch13/

Also Visit eStudyzone for English Medium Study Material