9th Math HM

Chapter 12: हीरोन का सूत्र

हीरोन का सूत्र (Heron’s Formula)

हीरोन का सूत्र ज्यामिति और त्रिकोणमिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उपयोग किसी त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने के लिए किया जाता है। यह सूत्र मुख्य रूप से तब उपयोगी होता है जब त्रिभुज की तीनों भुजाओं की लंबाई ज्ञात हो। इस सूत्र का नाम प्राचीन यूनानी गणितज्ञ हीरोन (Hero of Alexandria) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इस सूत्र को विकसित किया था।

हीरोन का सूत्र का परिचय

यदि किसी त्रिभुज की तीनों भुजाओं की लंबाई क्रमशः aa, bb, और cc हो, तो हीरोन का सूत्र त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने के लिए निम्नलिखित है:

A=s(s−a)(s−b)(s−c)A = \sqrt{s(s-a)(s-b)(s-c)}

जहाँ:

  • AA = त्रिभुज का क्षेत्रफल
  • ss = अर्द्ध परिमाप (Semi-perimeter)
  • aa, bb, cc = त्रिभुज की भुजाओं की लंबाई

अर्द्ध परिमाप (Semi-perimeter)

अर्द्ध परिमाप (ss) को निम्नलिखित सूत्र से निकाला जाता है:

s=a+b+c2s = \frac{a + b + c}{2}

हीरोन के सूत्र की व्युत्पत्ति

हीरोन का सूत्र एक प्राचीन सूत्र है, जिसकी व्युत्पत्ति ज्यामिति और बीजगणित के मिश्रण से की जाती है। इसे निम्नलिखित चरणों में समझा जा सकता है:

चरण 1: त्रिभुज का परिमाप और अर्द्ध परिमाप

त्रिभुज की तीनों भुजाओं को जोड़कर परिमाप निकाला जाता है। इसे आधे से विभाजित करने पर अर्द्ध परिमाप (ss) प्राप्त होता है।

चरण 2: त्रिभुज के क्षेत्रफल का सूत्र

हीरोन का सूत्र त्रिभुज की भुजाओं के बीच संबंध को आधार बनाकर क्षेत्रफल निकालने का एक साधन है। यह सूत्र विशेष रूप से तब उपयोगी होता है, जब ऊँचाई (Height) ज्ञात न हो।

हीरोन के सूत्र का उपयोग करने की प्रक्रिया

  1. भुजाओं की लंबाई ज्ञात करें:
    त्रिभुज की तीनों भुजाओं की लंबाई ज्ञात होनी चाहिए।
  2. अर्द्ध परिमाप (ss) का पता लगाएं:
    भुजाओं की लंबाई को जोड़कर उसे 2 से विभाजित करें।
  3. सूत्र में मान रखें:
    हीरोन के सूत्र में ss, s−as-a, s−bs-b, और s−cs-c के मान रखें।
  4. गुणा और वर्गमूल निकालें:
    गुणा करने के बाद वर्गमूल (\sqrt{}) निकालकर त्रिभुज का क्षेत्रफल प्राप्त करें।

उदाहरण

उदाहरण 1:

एक त्रिभुज की भुजाओं की लंबाई क्रमशः a=7 सेमीa = 7 \, \text{सेमी}, b=24 सेमीb = 24 \, \text{सेमी}, और c=25 सेमीc = 25 \, \text{सेमी} है। इस त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालें।

चरण 1: अर्द्ध परिमाप (ss) ज्ञात करें:

s=a+b+c2=7+24+252=28 सेमीs = \frac{a + b + c}{2} = \frac{7 + 24 + 25}{2} = 28 \, \text{सेमी}

चरण 2: हीरोन के सूत्र का उपयोग करें:

A=s(s−a)(s−b)(s−c)A = \sqrt{s(s-a)(s-b)(s-c)}

यहाँ,

s−a=28−7=21,s−b=28−24=4,s−c=28−25=3s – a = 28 – 7 = 21, \quad s – b = 28 – 24 = 4, \quad s – c = 28 – 25 = 3

अब,

A=28⋅21⋅4⋅3=28⋅252=7056=84 सेमी2A = \sqrt{28 \cdot 21 \cdot 4 \cdot 3} = \sqrt{28 \cdot 252} = \sqrt{7056} = 84 \, \text{सेमी}^2

इस प्रकार, त्रिभुज का क्षेत्रफल 84 सेमी284 \, \text{सेमी}^2 है।

उदाहरण 2:

यदि त्रिभुज की भुजाओं की लंबाई 5 सेमी5 \, \text{सेमी}, 12 सेमी12 \, \text{सेमी}, और 13 सेमी13 \, \text{सेमी} है, तो क्षेत्रफल ज्ञात करें।

चरण 1: अर्द्ध परिमाप (ss) ज्ञात करें:

s=5+12+132=15 सेमीs = \frac{5 + 12 + 13}{2} = 15 \, \text{सेमी}

चरण 2: हीरोन के सूत्र का उपयोग करें:

A=s(s−a)(s−b)(s−c)A = \sqrt{s(s-a)(s-b)(s-c)}

यहाँ,

s−a=15−5=10,s−b=15−12=3,s−c=15−13=2s – a = 15 – 5 = 10, \quad s – b = 15 – 12 = 3, \quad s – c = 15 – 13 = 2

अब,

A=15⋅10⋅3⋅2=15⋅60=900=30 सेमी2A = \sqrt{15 \cdot 10 \cdot 3 \cdot 2} = \sqrt{15 \cdot 60} = \sqrt{900} = 30 \, \text{सेमी}^2

इस प्रकार, त्रिभुज का क्षेत्रफल 30 सेमी230 \, \text{सेमी}^2 है।

हीरोन के सूत्र का अनुप्रयोग

  1. इंजीनियरिंग और वास्तुकला:
    त्रिभुजाकार संरचनाओं के क्षेत्रफल का सही-सही अनुमान लगाने के लिए।
  2. जमीन मापने में:
    जब ज़मीन त्रिभुजाकार हिस्सों में बंटी हो।
  3. खेल के मैदान में:
    त्रिकोणीय मैदानों के क्षेत्रफल का निर्धारण।
  4. खगोल विज्ञान:
    तारों के बीच त्रिभुजाकार क्षेत्र के क्षेत्रफल का पता लगाने में।

सूत्र की सीमाएँ

  1. यह केवल उस स्थिति में लागू होता है, जब त्रिभुज की तीनों भुजाएँ ज्ञात हों।
  2. यदि दी गई भुजाओं से त्रिभुज बन ही न सके, तो सूत्र का उपयोग नहीं किया जा सकता।
  3. त्रिभुज की ऊँचाई ज्ञात होने पर सरलता से क्षेत्रफल निकाला जा सकता है, जिससे हीरोन का सूत्र अनावश्यक हो सकता है।

निष्कर्ष

हीरोन का सूत्र त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने का एक सरल और प्रभावी साधन है। यह गणित में त्रिकोणमिति और ज्यामिति के अध्ययन को आसान बनाता है। भुजाओं के माध्यम से बिना ऊँचाई मापे त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने में इसकी उपयोगिता अमूल्य है। गणित के इस सूत्र का व्यावहारिक महत्व आज भी उतना ही है जितना प्राचीन काल में था।

Chapter 13: पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन

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