12th Geography

अध्याय-5: भारत के संदर्भ में नियोजन एवं सततपोषणीय विकास
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अध्याय-5: भारत के संदर्भ में नियोजन एवं सततपोषणीय विकास

  भारत के संदर्भ में नियोजन एवं सततपोषणीय विकास नियोजन :- नियोजन का तात्पर्य सोच विचार की प्रक्रिया, कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार करना तथा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए गतिविधियों के क्रियान्वयन से है। खण्डीय नियोजन :- अर्थव्यस्था के विभिन्न सेक्टरों जैसे – कृषि, सिंचाई, विनिर्माण, ऊर्जा, परिवहन, […]

अध्याय-6: परिवहन तथा संचार
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अध्याय-6: परिवहन तथा संचार

परिवहन तथा संचार परिवहन तथा संचार :- परिवहन तथा संचार, वस्तुओं तथा व्यक्तियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की प्रक्रिया को परिवहन कहते हैं। आधुनिक समय में मनुष्य के जीवन के लिए आवश्यक दिन – प्रतिदिन की क्रियाओं एंव व्यापार के लिये परिवहन के साधनों का […]

अध्याय-7: अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
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अध्याय-7: अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार: पृष्ठ प्रदेश :- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार ,वह क्षेत्र जो इसकी सेवा करता है तथा इससे सेवा प्राप्त करता है बन्दरगाह का पृष्ठप्रदेश कहलाता है।  पृष्ठ प्रदेश की सीमाओं का सीमांकन मुश्किल होता है क्योंकि यह क्षेत्र सुस्थिर नहीं होता।  अधिकतर मामलों में एक पत्तन का पृष्ठ प्रदेश […]

अध्याय-8: भौगोलिक परिपेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ
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अध्याय-8: भौगोलिक परिपेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

भौगोलिक परिपेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ भौगोलिक परिपेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ: पर्यावरण प्रदूषण :- भौगोलिक परिपेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ ,पर्यावरण प्रदूषण मानव गतिविधियों के अपशिष्ट उत्पादों से पदार्थों और ऊर्जा की रिहाई है। यह विभिन्न प्रकार का होता है। इस प्रकार, उन्हें […]