चंद्रयान-3 के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
• चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चंद्रयान-2 मिशन के आगे के पड़ाव के रूप में विकसित किया गया है।
• इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर एक रोवर भेजकर वहाँ के भूगर्भ की खोज करना है।
• चंद्रयान-3 में पिछले मिशन की सीखों का उपयोग करके और नवाचार करके सुरक्षा और प्रदर्शन में सुधार करके तैयार किया गया है।
• इस मिशन में एक नया रोवर(प्रज्ञान) होगा जो चंद्रमा की सतह पर गश्त करेगा और वहाँ के भूगर्भ की जांच करेगा।

• चंद्रयान-3 की उपयोगिता यह है कि यह चंद्रमा की सतह पर नए और महत्वपूर्ण डेटा को प्राप्त करने में मदद करेगा, जो हमें सूर्यमंडलीय ब्रह्मांड की समझ में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
• चंद्रयान-3 में उपग्रह, लैंडर, और रोवर शामिल होंगे, जिनका संयोजन यहाँ तक होगा कि वे सभी सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर पहुंच सकें।
• इस मिशन के जरिए भारत चंद्रमा पर निरंतर विज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखता है।
• चंद्रयान-3 के माध्यम से रोवर, चंद्रमा की सतह पर जाकर उसकी जड़ों में खोज करेगा, जिससे हम चंद्रमा के गहराईयों के बारे में और भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
• इस परियोजना के अस्तित्व की पुष्टि करते हुए, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि इसकी अनुमानित लागत लगभग ₹615 करोड़ है।
इस अभियान के मुख्य वैज्ञानिक निम्न हैं।
• इसरो अध्यक्ष: एस. सोमनाथ।
• मिशन निदेशक: एस. मोहनकुमार।
• सहायक मिशन निदेशक: जी. नारायणन।
• परियोजना निदेशक: पी. वीरमुथुवेल।
• उप परियोजना निदेशक: कल्पना. के के।
• वाहन निदेशक: बीजू सी. थॉमस।
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