10th Maths HM

Chapter 14:सांख्यिकी

सांख्यिकी का अर्थ और महत्व

सांख्यिकी

सांख्यिकी
कक्षा 10वीं गणित में सांख्यिकी (Statistics) एक महत्वपूर्ण अध्याय है जो डेटा का संग्रहण, संगठन, विश्लेषण और प्रदर्शन करने की प्रक्रिया पर आधारित है। यह अध्याय हमें वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए डेटा के प्रबंधन और विश्लेषण की तकनीक सिखाता है। यहां पर सांख्यिकी के महत्वपूर्ण विषयों और अवधारणाओं का वर्णन किया गया है।

सांख्यिकी वह शाखा है जो डेटा के विश्लेषण के लिए विभिन्न गणितीय तरीकों का उपयोग करती है। इसे दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. वर्णनात्मक सांख्यिकी (Descriptive Statistics): डेटा को सारांशित और व्यवस्थित करने की प्रक्रिया।
  2. अनुमानात्मक सांख्यिकी (Inferential Statistics): डेटा के आधार पर भविष्यवाणी या निष्कर्ष निकालने की प्रक्रिया।

महत्व:

  • निर्णय लेने में सहायक।
  • विभिन्न क्षेत्रों जैसे विज्ञान, व्यापार, चिकित्सा आदि में उपयोगी।
  • बड़े डेटा सेट को व्यवस्थित और समझने में मदद।

महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ

  1. डाटा:
    डेटा का अर्थ है किसी घटना, वस्तु या प्रक्रिया से संबंधित जानकारी।

    • संगठित डेटा: तालिकाओं, चार्ट या ग्राफ में व्यवस्थित किया गया।
    • असंगठित डेटा: अनियोजित और अव्यवस्थित रूप में उपलब्ध।
  2. आवृत्ति (Frequency):
    किसी विशेष घटना के बार-बार घटित होने की संख्या।
  3. समूहित डेटा (Grouped Data):
    जब डेटा को विभिन्न वर्गों या अंतरालों में विभाजित किया जाता है।
  4. असमूहित डेटा (Ungrouped Data):
    वह डेटा जो व्यवस्थित या वर्गीकृत नहीं होता।

आवृत्ति वितरण तालिका

आवृत्ति वितरण तालिका में डेटा को व्यवस्थित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें दो प्रकार हैं:

  1. साधारण आवृत्ति वितरण (Simple Frequency Distribution):
    जैसे:

    मान (x) आवृत्ति (f)
    5 3
    10 4
  2. समूह आवृत्ति वितरण (Grouped Frequency Distribution):
    जैसे:

    वर्गांतर (Class Interval) आवृत्ति (Frequency)
    0-10 5
    10-20 7



सांख्यिकीय ग्राफ़ और चार्ट

  1. बार ग्राफ (Bar Graph):
    विभिन्न वर्गों की आवृत्तियों को आयताकार पट्टियों के रूप में प्रदर्शित करता है।
  2. हिस्टोग्राम (Histogram):
    लगातार वर्गांतरों और आवृत्तियों को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  3. बहुभुज (Frequency Polygon):
    आवृत्तियों को बिंदुओं के रूप में प्रदर्शित करके इन्हें रेखाओं से जोड़ा जाता है।
  4. ओगिव (Ogive):
    संचयी आवृत्तियों को प्रदर्शित करने वाला ग्राफ।

संचयी आवृत्ति (Cumulative Frequency)

संचयी आवृत्ति वह होती है जो आवृत्तियों के क्रमिक योग से प्राप्त होती है। यह दो प्रकार की हो सकती है:

  1. कम से कम संचयी आवृत्ति (Less than Cumulative Frequency):
    प्रत्येक वर्ग तक की कुल आवृत्ति।
  2. अधिक से अधिक संचयी आवृत्ति (More than Cumulative Frequency):
    प्रत्येक वर्ग से ऊपर की कुल आवृत्ति।

व्यावहारिक उदाहरण

  1. औसत आय की गणना:
    एक कंपनी के कर्मचारियों की औसत आय निकालने के लिए माध्य का उपयोग किया जाता है।
  2. डेटा का वर्गीकरण:
    परीक्षा परिणामों का वर्गीकरण और विश्लेषण।
  3. भविष्यवाणी:
    किसी उत्पाद की बिक्री के आंकड़ों के आधार पर आगामी बिक्री की भविष्यवाणी।

सांख्यिकी के उपयोग

  • शिक्षा: छात्रों के प्रदर्शन का विश्लेषण।
  • व्यापार: लाभ, हानि और भविष्यवाणी।
  • स्वास्थ्य: रोगों के आंकड़ों का अध्ययन।
  • प्रौद्योगिकी: डेटा का विश्लेषण।

सारांश

सांख्यिकी डेटा के संग्रहण, संगठन और विश्लेषण की कला है। कक्षा 10वीं में, इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को डेटा का विश्लेषण करने की तकनीक सिखाना है। इसमें माध्य, मध्यक और बहुलक जैसे उपाय शामिल हैं, जो हमें डेटा को बेहतर तरीके से समझने में मदद करते हैं। ग्राफ और चार्ट का उपयोग डेटा को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है।

यदि आप सांख्यिकी के इन बुनियादी सिद्धांतों को अच्छी तरह से समझते हैं, तो आप न केवल परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, बल्कि वास्तविक जीवन की समस्याओं को भी आसानी से हल कर सकते हैं।

 

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Chapter 15: प्रायिकता

 

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