चुनावी राजनीति
चुनावी राजनीति
(कक्षा 9वीं, सामाजिक विज्ञान)
चुनावी राजनीति का अध्याय भारतीय लोकतंत्र की प्रक्रिया को समझाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें यह बताया गया है कि चुनाव कैसे होते हैं, उनकी आवश्यकता क्यों होती है, और चुनाव प्रक्रिया में नागरिकों की भूमिका क्या होती है। यह अध्याय भारत की चुनावी प्रणाली, इसके महत्व, और चुनाव से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है।
चुनाव का महत्व
चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ माने जाते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकारें जनता की इच्छाओं और जरूरतों के अनुरूप काम करें।
- लोकतंत्र का आधार:
- चुनाव के माध्यम से जनता अपनी सरकार चुनती है।
- यह जनता को सत्ता में भागीदारी का अवसर देता है।
- जवाबदेही:
- चुनाव सरकार को जवाबदेह बनाते हैं।
- यदि कोई सरकार अच्छा काम नहीं करती, तो जनता अगले चुनाव में उसे हटा सकती है।
- न्याय और समानता:
- चुनाव सभी नागरिकों को समान अधिकार देते हैं, चाहे उनका धर्म, जाति, या लिंग कुछ भी हो।
भारत में चुनावी प्रणाली
भारत में चुनाव एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया संविधान और कानूनों के अनुसार संचालित होती है।
1. चुनाव आयोग:
- भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की स्थापना की गई है।
- यह एक स्वतंत्र निकाय है, जो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की गतिविधियों पर नजर रखता है।
- चुनाव आयोग का प्रमुख कार्य है:
- चुनाव तिथियों की घोषणा
- आचार संहिता लागू करना
- वोटिंग प्रक्रिया की निगरानी
- मतगणना करवाना
2. चुनाव का प्रकार:
भारत में चुनाव मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:
- लोकसभा चुनाव:
- ये चुनाव केंद्र सरकार बनाने के लिए होते हैं।
- भारत में कुल 543 लोकसभा सीटें हैं।
- विधानसभा चुनाव:
- ये चुनाव राज्यों की सरकार बनाने के लिए होते हैं।
- स्थानीय चुनाव:
- ये पंचायतों और नगर निगमों के लिए होते हैं।
3. चुनाव प्रक्रिया:
- निर्वाचन क्षेत्र:
- चुनाव में देश को अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा जाता है।
- प्रत्येक क्षेत्र से एक प्रतिनिधि चुना जाता है।
- नामांकन:
- उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल करते हैं।
- प्रचार:
- उम्मीदवार और राजनीतिक दल जनता को अपनी नीतियों के बारे में बताते हैं।
- मतदान:
- मतदान के दिन जनता अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देती है।
- भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग होता है।
- मतगणना और परिणाम:
- मतदान के बाद मतगणना की जाती है और विजेता उम्मीदवार की घोषणा होती है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
चुनाव की प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:
- आचार संहिता:
- चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए विशेष नियम बनाए जाते हैं।
- यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से हों।
- गुप्त मतदान:
- भारत में गुप्त मतदान का प्रावधान है, जिससे मतदाता स्वतंत्र रूप से अपना वोट दे सकते हैं।
- चुनाव आयोग की निगरानी:
- चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि कोई अनियमितता न हो।
चुनाव से जुड़ी चुनौतियाँ
भारतीय चुनाव प्रणाली में कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिनसे निपटने की आवश्यकता है:
- धनबल और बाहुबल का उपयोग:
- कुछ उम्मीदवार और राजनीतिक दल चुनाव में भारी धन खर्च करते हैं।
- बाहुबल का उपयोग करके वोटरों को डराने की कोशिश की जाती है।
- जातिवाद और धर्म आधारित राजनीति:
- कुछ स्थानों पर जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगे जाते हैं।
- भ्रष्टाचार:
- कुछ उम्मीदवार वोट खरीदने के लिए पैसे या अन्य लालच का सहारा लेते हैं।
- फर्जी मतदान:
- फर्जी वोटिंग की समस्या चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करती है।
भारत में लोकतांत्रिक सुधार
चुनाव प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भारत में कई सुधार किए गए हैं:
- मतदाता सूची का डिजिटलीकरण:
- चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को डिजिटल बनाया है, जिससे फर्जी मतदान की संभावना कम हुई है।
- NOTA (None of the Above):
- यदि कोई मतदाता किसी भी उम्मीदवार को पसंद नहीं करता, तो वह NOTA का उपयोग कर सकता है।
- ईवीएम और वीवीपैट:
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) का उपयोग पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किया गया है।
- आधार से जुड़ी मतदाता सूची:
- मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।
चुनावी राजनीति में नागरिकों की भूमिका
चुनावी राजनीति को सफल बनाने में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।
- मतदान करना:
- हर नागरिक को मतदान करना चाहिए। यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार और कर्तव्य है।
- जानकारी प्राप्त करना:
- नागरिकों को उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की नीतियों और वादों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
- चुनावी अनियमितताओं की रिपोर्ट करना:
- यदि कोई नागरिक चुनाव में अनियमितता देखता है, तो उसे चुनाव आयोग को इसकी सूचना देनी चाहिए।
- जागरूकता फैलाना:
- नागरिकों को दूसरों को भी मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए।
निष्कर्ष
चुनावी राजनीति भारतीय लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है। यह नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार देती है और सरकारों को जवाबदेह बनाती है। हालांकि, चुनाव प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन सही सुधारों और नागरिकों की भागीदारी से इन्हें हल किया जा सकता है। चुनाव न केवल लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं, बल्कि समाज में समानता और न्याय की स्थापना में भी सहायक होते हैं।
इसलिए, प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भाग ले और लोकतंत्र को सशक्त बनाए।
Importent Q/A Of Chapter
प्रश्न 1- चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन- सा वाक्य ठीक नहीं है?
(क) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
(ख) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
(घ) चुनाव से अपनी पसंद की नीतियां बना सकते हैं।
उत्तर – चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
प्रश्न 2- भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें कौन- सा वाक्य सही, कारण नहीं देता?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
(ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियां जनादेश स्वीकार कर लेती हैं।
उत्तर – भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता है।
प्रश्न 3 – निम्नलिखित में मेल ढूंढ़े
(क) समय-समय पर मतदाता सूची का नवीनीकरण आवश्यक है ताकि 1. समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
(ख) कुछ निर्वाचन क्षेत्र अनु. जाति और अनु.जनजाति के लिए आरक्षित हैं ताकि 2.हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का सामान अवसर मिले
(ग) प्रत्येक को सिर्फ एक और डालने का हक है ताकि 3. हर उम्मीदवार को चुनाव में लड़ने का सामान अवसर मिले।
(घ) सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं क्योंकि 4. संभव है कुछ लोग उस जगह से अलग चले गए हो जहां उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।
उत्तर – (क) संभव है कुछ लोग कुछ जगह से अलग चले गए हो जहां उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।
(ख) समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व सके।
(ग) हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का सामान अवसर मिले।
(घ) हर उम्मीदवार को चुनाव में लड़ने का समान अवसर मिले।
प्रश्न 4 – इस अध्याय में वर्णित चुनाव संबंधित सभी गतिविधियों की सूची बनाएं और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएं। इनमें से कुछ मामले हैं:
चुनाव घोषणा पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना।
उत्तर – 1. मतदाता सूची बनाना
2. चुनाव प्रक्रिया की घोषणा
3. नामांकन दाखिल करना
4. चुनाव घोषणा पत्र जारी करना
5. चुनाव अभियान
6. मतदान
7. पुनर्मतदान के आदेश
8. वोटों की गिनती
9. चुनावी नतीजों की घोषणा।
प्रश्न 5 – सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाले अधिकारी है। चुनाव के इन चरणों में से किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
(क) चुनाव प्रचार
(ख) मतदान के दिन
(ग) मतगणना के दिन
उत्तर – चुनाव प्रचार – चुनाव प्रचार करते समय सभी राजनीतिक दल आचार संहिता का पालन कर रहे हैं या नहीं। इस बात का चुनाव अधिकारी को ध्यान रखना चाहिए।
मतदान के दिन – सभी मतदाताओं को वोट देने का अधिकार है। इसलिए चुनाव अधिकारी को यह देखना चाहिए कि सभी सही से वोट डाल रहे हैं या नहीं अथवा कोई नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहा है।
मतगणना के दिन – मतगणना के लिए उचित व्यवस्था का इंतजाम किया जाना चाहिए। मतगणना सही तरीके से संपन्न हो सके इसलिए चुनाव अधिकारी को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
प्रश्न 6 – नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनाव के विजयी उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे? अगर हां तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों?
समुदाय का प्रतिनिधित्व (प्रतिशत में)
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी समाज में
अश्वेत 8 13
हिस्पैनिक 5 13
श्वेत 86 7
उत्तर – उपरोक्त तालिका को देखते हुए हिस्पैनिक समुदाय के लिए अच्छा आरक्षण हैं। जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से प्रतिनिधित्व होना जरूरी भी है।
प्रश्न 7- क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में जो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
(क) भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
(ख) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
(ग) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
(घ) अपने चुनाव की पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी हैं।
उत्तर – (क) चुनाव आयोग के पास चुनाव से संबंधित सभी अधिकार प्राप्त है।
अगर वोट में कोई गड़बड़ या हेरफेर की आशंका चुनाव आयोग को दिखाई देता है, तो वो दुबारा चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।
(ख) भारत में वोट सभी नागरिकों का अधिकार है पढ़े- लिखें लोग समझकर किसी पार्टी को वोट देते हैं जबकि गरीब या अशिक्षित लोग बिना सोचे वोट डाल देते हैं।
भारत में सबसे ज्यादा वोट डालने वाले लोगों की बात करें तो वो आम जनता है, जैसे गरीब और अशिक्षित लोग।
(ग) भारत में चुनाव शुरू से ही स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कराए जाते हैं।
स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चुनाव हो सकें, इसलिए इसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से चुनाव आयोग के ऊपर होती है।
(घ) भारत में किसी भी अपराधी को चुनाव लड़ने का अधिकार चुनाव आयोग ने नहीं दिया है।
चुनाव को करवाते समय इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के माध्यम से मतदान कराना चाहिए ताकि गणना करते समय आसानी हो।
प्रश्न 8 – चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतबीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यह फैसला लोकतांत्रिक चुनाव के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ जाता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर – किसी भी दोषी व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। लोकतांत्रिक चुनाव के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ माना जाता है अगर कोई दोषी व्यक्ति चुनाव लड़ेगा तो। अदालत ने दोषियों को चुनाव ना लड़ने की अनुमति देकर अच्छा किया।
प्रश्न 9 – यहां दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई हैं। क्या यह देश अपने यहां के चुनाव में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जानबूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीद उम्मीदवार को मिली 5 लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
(ख) फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक पर्चा बांटा गया जिसमें धमकी दी गई थी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून – खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
(ग) अमेरिका के हर प्रांत में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियां हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रांत के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।
उत्तर – हां, नाइजीरिया के लोगों को भारतीय चुनाव पद्धति से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है –
(क) भारत में जानबूझकर किसी एक उम्मीदवार को जिताना दंडनीय अपराध माना जाता है। तथा जीती हुई पार्टी को तुरंत निरस्त कर दिया जाता है। इस तरह का चुनाव आयोग कानून नाइजीरिया में भी लागू होना चाहिए।
(ख) चुनाव आयोग से पहले अगर कोई धमकी देता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। तथा ऐसे चुनाव आयोग या ऐसी एजेंसी का निर्माण करना चाहिए जो तुरंत फैसला ले सकें।
(ग) अमेरिका में यह प्रावधान लागू होना चाहिए कि अगर कोई इस तरह से विवादास्पद फैसले लेता है। तो उस से चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
प्रश्न 10 – भारत में चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित कुछ रिपोर्ट यहां दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए। इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
(क) चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
(ख) विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली।
(ग) चुनाव आयोग की जांच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।
(घ) एक राजनैतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
उत्तर – (क) मंत्री ने चुनाव संहिता का उल्लंघन किया है इसलिए उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
(ख) दूरदर्शन और आकाशवाणी को चाहिए कि वह सभी पार्टियों को बराबर का समय दें।
(ग) इस तरह की फर्जी मतदाताओं के नाम मिलने से निष्पक्ष चुनाव के लिए एक खतरा है। ऐसे में चुनाव आयोग को ज्यादा सर्जक होने की जरूरत है।
(घ) अगर कोई राजनैतिक दल इस तरह की हरकत करता है तो उसे तुरंत कठोर दंडनीय अपराध देना चाहिए।
प्रश्न 11 – जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिता से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है?
(क) औरतें उसी तरह वोट देती हैं जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको मताधिकार देने का कोई मतलब नहीं है।
(ख) पार्टी – पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वंदिता नहीं होनी चाहिए।
(ग) सिर्फ स्नातको को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।
उत्तर – (क) लोकतांत्रिक सिद्धांतों में राजनीति स्तर पर वही व्यक्ति सफल माना जाता है। जो लोगों की समस्याओं को समझ कर उन्हें हल कर सके तथा उनके हितों के लिए हमेशा आवाज उठा सके।
(ख) अगर शिक्षा को इतना ही प्रसंगिक माना जाता है तो लोगों को ही चुनाव से संबंधित सभी निर्णय लेना चाहिए।
(ग) अगर स्नातकों को ही चुनाव लड़ने का अधिकार दे दिया जाए तो देश में चुनाव लड़ने वालों लोगों की संख्या बहुत कम हो जाएगी।