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Chapter 7: पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन B1

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पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन : परिचय

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन आधुनिक समय में चर्चा और चिंतन का प्रमुख विषय बन गए हैं। पर्यावरण का तात्पर्य हमारे चारों ओर के जैविक और अजैविक तत्वों के संपूर्ण मिश्रण से है, जिसमें हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, जीव-जंतु और अन्य प्राकृतिक घटक शामिल हैं। यह प्रकृति का वह उपहार है, जो जीवन को बनाए रखने में सहायक होता है। प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण के प्रमुख घटक हैं, जिनका उपयोग मानव जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। इनमें वायु, जल, खनिज, मिट्टी, ऊर्जा के स्रोत और जैव विविधता जैसे तत्व आते हैं।

पर्यावरण का महत्व

पर्यावरण केवल एक प्राकृतिक ढांचा नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन का आधार है। यह मनुष्य को भोजन, पानी, ऊर्जा और अन्य आधारभूत संसाधन प्रदान करता है। पर्यावरण का संतुलन मानव, वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के सामंजस्य पर निर्भर करता है। पर्यावरण का स्वस्थ रहना मानव अस्तित्व और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ या इसका असंतुलन मानव सभ्यता के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है। जैसे, वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य समस्याएं, जलवायु परिवर्तन, समुद्र का बढ़ता स्तर और जैव विविधता का ह्रास। यह सभी चुनौतियां पर्यावरण संरक्षण की महत्ता को दर्शाती हैं।

प्राकृतिक संसाधनों का वर्गीकरण

प्राकृतिक संसाधन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

  1. अक्षय संसाधन (Renewable Resources): वे संसाधन, जिन्हें बार-बार पुनः उपयोग किया जा सकता है, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा और वनस्पति।
  2. अनवनीय संसाधन (Non-Renewable Resources): वे संसाधन, जो सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और जिनका पुनर्निर्माण प्रकृति में असंभव या अत्यधिक धीमी गति से होता है, जैसे कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और खनिज।

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण की आवश्यकता

वर्तमान समय में प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन और प्रदूषण ने पर्यावरण संतुलन को प्रभावित किया है। इसने जैव विविधता को खतरे में डाल दिया है और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं को जन्म दिया है। औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और अत्यधिक कृषि गतिविधियों ने इन संसाधनों पर दबाव बढ़ा दिया है।

भारत जैसे विकासशील देशों में, जहां तेजी से जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास हो रहा है, पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियां और भी गंभीर हैं। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और इनके संरक्षण के उपायों को अपनाना आवश्यक है।

संरक्षण के उपाय

  1. पुनरावृत्ति और पुनर्चक्रण (Reuse and Recycling): संसाधनों के पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण के माध्यम से खपत को नियंत्रित किया जा सकता है।
  2. पुनरोपण (Afforestation): वनों की कटाई रोककर और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर जैव विविधता का संरक्षण किया जा सकता है।
  3. स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग: सौर और पवन ऊर्जा जैसे अक्षय संसाधनों का उपयोग बढ़ाना चाहिए।
  4. पर्यावरणीय शिक्षा: लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व और उनके दायित्वों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।

पर्यावरण और मानव का संबंध

पर्यावरण और मानव के बीच एक गहरा संबंध है। पर्यावरण ने ही मानव सभ्यता को विकसित होने के लिए आवश्यक साधन प्रदान किए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करें और उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखें।

निष्कर्ष
पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन मानव जीवन का आधार हैं। इनका संरक्षण और सतत् उपयोग हमारे भविष्य के लिए अनिवार्य है। अगर हम आज जिम्मेदारी से कदम नहीं उठाते, तो पर्यावरणीय असंतुलन के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अतः यह हमारा नैतिक और सामाजिक दायित्व है कि हम पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास करें।

 

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FAQs related to ” पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन “

1. पर्यावरण क्या है, और यह हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
पर्यावरण हमारे चारों ओर की वह स्थिति है जिसमें हम रहते हैं। इसमें जैविक (पौधे, जानवर) और अजैविक (मिट्टी, पानी, हवा) तत्व शामिल हैं। यह हमारे लिए जीवन के सभी आवश्यक तत्व प्रदान करता है, जैसे भोजन, पानी, ऊर्जा, और सांस लेने के लिए ऑक्सीजन। इसका संतुलन बिगड़ने पर जीवन संकट में आ सकता है।


2. प्राकृतिक संसाधन क्या होते हैं, और उनके प्रकार क्या हैं?

उत्तर:
प्राकृतिक संसाधन वे संसाधन हैं जो प्रकृति से प्राप्त होते हैं और मानव जीवन के लिए उपयोगी होते हैं। इनके दो मुख्य प्रकार हैं:

  1. अक्षय संसाधन (Renewable Resources): पुनः उत्पन्न होने वाले संसाधन, जैसे सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा।
  2. अनवनीय संसाधन (Non-renewable Resources): सीमित मात्रा में उपलब्ध संसाधन, जैसे कोयला, पेट्रोलियम।

3. पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के बीच क्या संबंध है?

उत्तर:
प्राकृतिक संसाधन पर्यावरण का हिस्सा हैं। पर्यावरण में इन संसाधनों का उपयोग संतुलित तरीके से किया जाता है तो यह स्थिर रहता है। इनका अति-दोहन पर्यावरणीय असंतुलन को जन्म देता है, जिससे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और जैव विविधता का नुकसान होता है।


4. पर्यावरणीय समस्याओं के प्रमुख कारण क्या हैं?

उत्तर:

  1. औद्योगिक प्रदूषण।
  2. वनों की कटाई और शहरीकरण।
  3. गैर-नवीकरणीय संसाधनों का अति-दोहन।
  4. प्लास्टिक और अन्य कचरे का बढ़ता स्तर।
  5. जल और वायु प्रदूषण।
  6. ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन।

5. भारत में पर्यावरण संरक्षण के लिए कौन-कौन से कानून लागू हैं?

उत्तर:
भारत में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई कानून लागू हैं, जैसे:

  1. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986।
  2. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972।
  3. जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974।
  4. वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981।

6. पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य प्रकार कौन से हैं?

उत्तर:

  1. वायु प्रदूषण: वायुमंडल में हानिकारक गैसों की उपस्थिति।
  2. जल प्रदूषण: जल स्रोतों में विषैले तत्वों का मिलना।
  3. मृदा प्रदूषण: भूमि पर रसायनों और कचरे का प्रभाव।
  4. ध्वनि प्रदूषण: अत्यधिक शोर के कारण मानव और जानवरों पर प्रभाव।

7. जैव विविधता (Biodiversity) का पर्यावरण में क्या महत्व है?

उत्तर:
जैव विविधता पर्यावरण में पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों की विभिन्न प्रजातियों का समूह है। यह पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता बनाए रखने में मदद करती है और खाद्य श्रृंखला को संतुलित रखती है। जैव विविधता का नुकसान पर्यावरण के संतुलन को बिगाड़ सकता है।


8. प्राकृतिक संसाधनों का अधिक उपयोग क्यों चिंता का विषय है?

उत्तर:
प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन उनकी कमी का कारण बनता है। यह पर्यावरणीय असंतुलन, प्रदूषण, और भविष्य में इनके अभाव जैसी समस्याओं को जन्म देता है। यह सतत विकास (Sustainable Development) के लक्ष्य को भी प्रभावित करता है।


9. ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • ग्लोबल वार्मिंग: पृथ्वी के तापमान में औसत वृद्धि, मुख्य रूप से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण।
  • जलवायु परिवर्तन: ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम और पारिस्थितिकी में दीर्घकालिक परिवर्तन। इसमें वर्षा के पैटर्न, समुद्र स्तर, और मौसमी बदलाव शामिल हैं।

10. पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

उत्तर:

  1. वनों की कटाई रोकें और अधिक पेड़ लगाएं।
  2. ऊर्जा और पानी की बचत करें।
  3. पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण (Recycling) को बढ़ावा दें।
  4. स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करें।
  5. प्लास्टिक का कम उपयोग करें और कचरे को सही तरीके से प्रबंधित करें।
  6. पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता फैलाएं।

 

Chapter-4: भारत के विदेश संबंध (India’s Foreign Relations) B2

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