11th Economics HM

Class 11 Economics Notes अध्याय-6: सहसंबंध

अर्थशास्त्र Class 9 NCERT Book Economics Hindi. 

अध्याय-6: सहसांबांध

सहसंबंध (Correlation) का अध्ययन 11वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के एक महत्वपूर्ण अध्याय में किया जाता है। यह अध्याय उन तकनीकों और सिद्धांतों की जानकारी प्रदान करता है जो आर्थिक घटनाओं और उनके आपसी संबंधों को समझने में सहायक होते हैं। सहसंबंध, किसी दो या अधिक चर के बीच के संबंध को मापने का एक सांख्यिकीय तरीका है। यह बताता है कि कैसे एक चर में परिवर्तन होने से दूसरे चर में परिवर्तन आता है, चाहे वह सकारात्मक हो, नकारात्मक हो, या कोई संबंध न हो।

इस अध्याय में, विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के सहसंबंध जैसे सकारात्मक सहसंबंध, नकारात्मक सहसंबंध और शून्य सहसंबंध के बारे में जानकारी दी जाती है। यह भी सिखाया जाता है कि कैसे सहसंबंध का मूल्यांकन किया जाता है, और Pearson’s Coefficient of Correlation जैसी विधियों का उपयोग करके इसे गणितीय रूप से मापा जाता है। इसके अलावा, सहसंबंध और कारणता (Causality) के बीच के अंतर को भी स्पष्ट किया जाता है ताकि विद्यार्थी यह समझ सकें कि सहसंबंध का मतलब हमेशा कारणता नहीं होता।

इस अध्याय का उद्देश्य विद्यार्थियों को आर्थिक विश्लेषण में सहसंबंध की भूमिका को समझने में मदद करना है, ताकि वे आर्थिक डेटा का अधिक सटीक और उपयोगी विश्लेषण कर सकें

 

यहाँ सहसंबंध (Correlation) से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न (FAQs) और उनके उत्तर दिए गए हैं:

1. सहसंबंध क्या है?

सहसंबंध (Correlation) एक सांख्यिकीय माप है जो यह बताता है कि दो चर (Variables) के बीच किस प्रकार का संबंध है और किस हद तक वे एक-दूसरे से संबंधित हैं। यह संबंध सकारात्मक (Positive), नकारात्मक (Negative), या शून्य (No Correlation) हो सकता है।

2. सकारात्मक सहसंबंध क्या है?

जब दो चर के मान समान दिशा में बढ़ते या घटते हैं, तब इसे सकारात्मक सहसंबंध कहा जाता है। उदाहरण के लिए, आय और खर्च के बीच सकारात्मक सहसंबंध होता है – जैसे-जैसे आय बढ़ती है, खर्च भी बढ़ता है।

3. नकारात्मक सहसंबंध क्या है?

नकारात्मक सहसंबंध तब होता है जब एक चर का मान बढ़ता है और दूसरे का घटता है। उदाहरण के लिए, किसी वस्तु की कीमत बढ़ने से उसकी मांग घट सकती है, यह एक नकारात्मक सहसंबंध है।

4. शून्य सहसंबंध क्या है?

जब दो चर के बीच कोई संबंध नहीं होता है, तब इसे शून्य सहसंबंध कहा जाता है। इसका मतलब है कि एक चर का मूल्य बदलने से दूसरे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

5. सहसंबंध गुणांक (Correlation Coefficient) क्या है?

सहसंबंध गुणांक वह माप है जो दो चर के बीच सहसंबंध की ताकत और दिशा को निर्धारित करता है। यह -1 और 1 के बीच होता है। +1 का अर्थ है पूर्ण सकारात्मक सहसंबंध, -1 का अर्थ है पूर्ण नकारात्मक सहसंबंध, और 0 का अर्थ है कोई सहसंबंध नहीं।

6. सहसंबंध और कारण-परिणाम (Causation) में क्या अंतर है?

सहसंबंध यह बताता है कि दो चर एक-दूसरे से संबंधित हैं, लेकिन यह यह नहीं बताता कि एक चर दूसरे का कारण है। जबकि कारण-परिणाम (Causation) में एक चर की घटना का सीधा प्रभाव दूसरे पर होता है।

7. सहसंबंध का उपयोग कहाँ किया जाता है?

सहसंबंध का उपयोग वित्त, अर्थशास्त्र, विपणन, चिकित्सा, सामाजिक विज्ञान, और प्राकृतिक विज्ञान सहित कई क्षेत्रों में किया जाता है, ताकि यह समझा जा सके कि विभिन्न चर एक-दूसरे से कैसे जुड़े हुए हैं।

8. सहसंबंध के प्रकार कौन से हैं?

सहसंबंध के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं:

  • सरल सहसंबंध (Simple Correlation): दो चर के बीच संबंध।
  • आंशिक सहसंबंध (Partial Correlation): तीसरे चर के प्रभाव को हटाकर दो चर के बीच संबंध।
  • बहु सहसंबंध (Multiple Correlation): एक से अधिक चर के बीच संबंध।

9. सहसंबंध गुणांक कैसे निकाला जाता है?

सहसंबंध गुणांक निकालने के लिए विभिन्न फार्मूले होते हैं, जिनमें सबसे सामान्य पियरसन सहसंबंध गुणांक (Pearson Correlation Coefficient) है।

10. सहसंबंध के क्या सीमाएँ हैं?

सहसंबंध यह नहीं बताता कि एक चर दूसरे का कारण है। इसके अलावा, सहसंबंध का परिणाम बाहरी चर या भ्रमित करने वाले कारकों से भी प्रभावित हो सकता है।

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