भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक परिचय भारतीय अर्थव्यवस्था को तीन मुख्य क्षेत्रकों में विभाजित किया गया है: प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector) द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector) तृतीयक क्षेत्र (Tertiary Sector) इन क्षेत्रकों का वर्गीकरण उत्पादन गतिविधियों के आधार पर किया गया है। यह विभाजन हमें यह समझने में मदद करता है […]
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अध्याय 3 : मुद्रा और साख (अर्थशास्त्र )
मुद्रा और साख मुद्रा विनिमय का एक माध्यम। मुद्रा के आधुनिक रूप करेंसी , बैंकों में निक्षेप। बैंकों की ऋण संबंधी गतिविधियाँ।भारत में औपचारिक क्षेत्रक और अनौपचारिक क्षेत्रक में साख। मुद्रा का इस्तेमाल हमारे रोजाना के जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। मुद्रा का इतिहास और विभिन्न समयों […]
अध्याय 4 : वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (अर्थशास्त्र )
वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्वीकरण (Globalization) का अर्थ है विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं, संस्कृतियों और राजनीतिक व्यवस्थाओं का आपस में जुड़ाव। यह प्रक्रिया व्यापार, निवेश, तकनीक, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से होती है। वैश्वीकरण के कारण दुनिया एक वैश्विक गाँव बन […]
अध्याय 5 : उपभोक्ता अधिकार(अर्थशास्त्र )
उपभोक्ता अधिकार (कक्षा 10) प्रस्तावना उपभोक्ता अधिकार का अर्थ है उन अधिकारों और सुविधाओं का समुच्चय, जो किसी उपभोक्ता को उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करते समय मिलनी चाहिए। यह विषय समाजशास्त्रीय और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उपभोक्ता और उत्पादक के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद […]