द्वितीयक क्रियाएँ द्वितीयक क्रियाएँ:- द्वितीयक क्रियाएँ, प्राकृतिक रूप से प्राप्त कच्चे माल को जब मनुष्य अपना कौशल ज्ञान एवं श्रम लगाकर नये उपयोगी उत्पाद में बदल देता है तो इस द्वितीयक क्रिया कहा जाता है। विनिर्माण :- विनिर्माण से आशय किसी भी वस्तु के उत्पादन से है। हस्तशिल्प से लेकर […]